पोस्ट पोलियो सिंड्रोम: कारण, इलाज और प्रबंधन
पोस्ट पोलियो सिंड्रोम आरम्भिक पोलियो आक्रमण के 15-30 वर्ष बाद होने वाली एक स्थिति है जिसमें शरीर की माँसपेशियाँ और अधिक कमज़ोर होने लगती हैं।
पोस्ट पोलियो सिंड्रोम आरम्भिक पोलियो आक्रमण के 15-30 वर्ष बाद होने वाली एक स्थिति है जिसमें शरीर की माँसपेशियाँ और अधिक कमज़ोर होने लगती हैं।
मल्टिपल स्क्लेरोसिस तंत्रिका तंत्र का एक विकार है। इस विकार के कारण, लक्षण, इलाज और विकलांगता प्रमाण पत्र इत्यादि के बारे में जानकारी।
क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस अर्थात पुराने तंत्रिका सम्बंधी विकार अनेक प्रकार की स्थितियों का समूह हैं। इन विकारों की परिभाषा और इनके कुछ उदाहरणों के बारे में जानिये।
स्पेसिफिक लर्निंग डिसऑर्डर की तीव्रता अलग-अलग बच्चों में अलग हो सकती है और अधिक तीव्रता की स्थिति में यह विकलांगता का भी रूप ले सकती है। इस विकलांगता की परिभाषा, प्रकार और उदाहरणों के बारे में जानिये।
वाणी और भाषा सम्बन्धी विकलांगता के अर्थ और इसके प्रकार के बारे में जानकारी। इस विकलांगता के लिये प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया के बारे में जानिये।
सभी बच्चों के विकसित होने की गति और तरीका अलग-अलग होता है। विकासात्मक विलम्ब और विकासात्मक विकलांगता के बीच काफ़ी अंतर है। इनके बीच अंतर को समझना माता-पिता के लिये आवश्यक है।
पार्किन्संस रोग वृद्धावस्था में होने वाली एक बीमारी है जिसमें शरीर में कम्पन और संतुलन व समन्वय की कमी हो जाती है। इस रोग की आनुवांशिकता, लक्षण, निदान और इलाज के विषय में जानिये।
व्हीलचेयर के साथ हवाई यात्रा एक बहुत सरल काम है। संजीव शर्मा बता रहे हैं कि कैसे इस सुविधा से विकलांगजन को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलती है।
तेज़ाब हमले (एसिड अटैक) से प्रभावित लोगों को भारत में विकलांगता की श्रेणी में रखा जाता है। विकलांगता की यह एक मात्र श्रेणी है जिसमें विकलांगता किन्हीं प्राकृतिक कारणों से न होकर मानवीय क्रूरता के कारण होती है।
सिकेल सेल रोग एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार हँसिये की तरह का हो जाता है। इस रोग में रक्त ऑक्सीजन को पर्याप्त मात्रा में ढो नहीं पाता और रक्त के प्रवाह में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।
थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएँ विकृत हो जाती हैं और ख़ून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है।
हीमोफ़ीलिया की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति के शरीर में रक्त का थक्का बनने में कठिनाई होती है। इससे रक्त स्राव की स्थिति में रक्त को बहने से रोक पाना मुश्किल हो जाता है।
हमारे परिवार समाज में एक अपवाद जैसे हैं — जहाँ हमें उतना ही लाड़-प्यार मिलता है जितना कि किसी नॉर्मल बच्चे को। जहाँ हर संभव तरीक़ा अपनाया जाता है कि हमें कोई तकलीफ न हो। हमारे साथ बर्ताव के दौरान हमारी विकलांगता को नजरअंदाज किया जाता है। ग़लती पर डाँटा जाता है, नाराज़गी जताई जाती है। दो-चार छींक या थोड़ा-सा बुखार आ जाये तो सभी परिवारजन अपने-अपने आज़माए नुस्खे बताने लगते है।
नूपुर शर्मा अपने कॉलम “खुलते पिंजरे” के इस अंक में व्हीलचेयर पर तय की गई अपनी अभी तक की सबसे लम्बी दूरी के बारे में बता रही हैं।
हिन्दी में कुछ कहानीकारों ने विकलांग व्यक्तियों के जीवन के विविध प्रसंगों को केन्द्र में रखकर मार्मिक कहानियों का सर्जन किया है। डॉ. सुमित्रा महरोल ऐसी ही कुछ कहानियों का एक आकलन कर रही हैं।