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व्हील चेयर यूज़र्स के लिये पर्यटन

यदि आप व्हील चेयर इस्तेमाल करते हैं और घूमने-फिरने की सोच रहे हैं तो हो सकता है आप कुछ आम गलत धारणाओं को तोड़ रहे हों। आज भी कई जगह यह आम धारणा दिख जाती है कि व्हील चेयर इस्तेमाल करने वालों को बस जीवन की बुनियादी ज़रूरतों तक सीमित रहना चाहिए और घूमना-फिरना उसमें शामिल नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे व्हील चेयर प्रयोग करने वाले घूमने-फिरने के लिए निकल रहे हैं, पर्यटन स्थलों पर उनकी उपस्थिति दिख रही है वैसे-वैसे ये टेबू टूट रहे हैं, गलत धारणाएँ बिखर रही हैं और खुली हवा के झोंके आ रहे हैं।

यदि आप भी व्हील चेयर इस्तेमाल करते हैं और पर्यटन के लिए कहीं जाने की सोच रहे हैं तो अवश्य ही इस अनुभव को प्राप्त करें। पर्यटन का अपना आनंद तो है ही, साथ में नयी जगहों पर जाना, भिन्न-भिन्न संस्कृतियों को देखना, अलग-अलग लोगों से मिलना हमारी समझ के द्वार भी खोलता है। बस इतना याद रखें कि सब कुछ पहले से योजना बना कर करें, कुछ सावधानियाँ बरतेगें तो आपकी यात्रा में चुनौतियाँ कम हो जाएँगी और आनंद बढ़ जाएगा।

तो आइए कुछ ऐसी सावधानियों पर चर्चा करते हैं।

1) तीन चीज़ों का विशेष ध्यान रखिए, प्लानिंग, प्लानिंग और प्लानिंग!! जितनी अच्छी योजना होगी, यात्रा उतनी ही सुखद होगी। कब जाना है, कैसे जाना है, कहाँ ठहरना है, क्या और कहाँ भोजन करना है, कहाँ घूमना है, क्या गतिविधि करनी है, आदि सब कुछ पहले से निश्चित करें और जरूरत हो सब कुछ नोट करते हुए चलें ताकि कुछ भूलें नहीं। यहाँ तक कि यह भी पहले से सोच कर चलें कि आप वॉशरूम कहाँ जाएँगे।

2) जब रहने के लिए कोई होटल या रिज़ॉर्ट बुक करवाएँ तो वहाँ फ़ोन करके बात ज़रूर करें। आजकल होटल ऑनलाइन बुक हो जाते और उसमें उनकी एक्सेसबिलटी के बारे में पता नहीं चलता। मेरे साथ ऐसा अनुभव हो चुका है, जब मैं मेकलेओडगंज गया था तो जो होटल ऑनलाइन बुक किया हुआ था उसमें बहुत सारी सीढ़ियाँ थीं और हमको आनन-फ़ानन में दूसरा होटल खोजना पड़ा था। सौभाग्य से दूसरा अच्छा होटल मिल गया था, लेकिन हमेशा यह उतना आसान होता है कि आपको अपने लिए उपयुक्त होटल ओन द स्पॉट बुकिंग के लिए मिल जाए।

3) जिन भी जगहों पर आपको घूमना है उसके बारे में इंटरनेट पर अच्छी तरह से खोजबीन कर लें, यदि कोई परिचित व्यक्ति वहाँ पर गया है तो उससे बात करके पता कर लें; क्योंकि हो सकता कि वहाँ जाने का रास्ता व्हील चेयर से के लायक नहीं हो, ऐसे में आप अपनी सुविधा के अनुसार जगहों का चुनाव कर सकते हैं।

4) आपको जिन चीजों की यात्रा के दौरान ज़रूरत होने वाली है उनकी एक सूची बनाएँ। जाते समय और लौटते समय उस सूची से चेक कर करें कि वह सभी चीजें आपने रख ली हैं।

5) यदि आप किसी समुद्र तट या बीच पर घूमने की योजना बना रहे हैं तो यह मान लें कि भारत में शायद ही कोई बीच ऐसा होगा जहाँ आपकी व्हील चेयर समुद्र तक जा पाए। यदि आपके साथ कुछ लोग हैं तो आप अपने साथ दो-तीन हार्ड मैट ले जा सकते हैं जिन पर व्हील चेयर को धकेला जा सकता है; या फिर आपको उठा कर ले जा सकते हैं क्योंकि समुद्र तट पर बिना हार्ड मैट के व्हील चेयर धकेलने से आसान है कि आपको ही कोई उठा कर ले जाए। यदि आप अकेले यात्रा कर रहें या आपको उठाना संभव नहीं है तो ठहरने की जगह ऐसी चुने जो समुद्र के यथासंभव नजदीक हो और आप सुंदर दृश्य का आनंद ले सकें और जितना हो सके समुद्र के पास तक पहुँच सकें। आप होटल स्टाफ़ से भी बात कर सकते हैं — हो सकता है वह भी आपकी समुद्र के कुछ पास तक पहुँचने में मदद कर दें।

6) पहाड़ों पर जा रहे हैं तो ऐसे होटल या रिज़ॉर्ट का चुनाव करें जहाँ से आपको अच्छे नज़ारे देखने को मिलें और आपको बहुत ज़्यादा इधर-उधर आने-जाने की जरूरत न पड़े। आप होटल वालों, कैब वालों या गाइड आदि से भी जगहों के बारे में पूछताछ कर सकते हैं कि स्थानीय तौर पर आप कहाँ जा सकते हैं। अक्सर उनको भी व्हील चेयर की एक्सेसबिलटी के बारे में पता नहीं होता लेकिन आप पूछताछ करेंगे तो उनमें भी जागरूकता बढ़ेगी और आपको भी कुछ-न-कुछ तो पता चलेगा। सड़क के किनारे बने किसी छोटे से सुंदर कैफ़े में आप कॉफ़ी या चाय का आनंद लेते हुए पहाड़ों को निहार सकते हैं, तो इस तरह की जगहों के बारे में देखते रहें या पता करते रहें। इनके बारे में आपको ऑनलाइन कोई जानकारी नहीं मिलेगी।

7) यदि जंगल में जा रहे हैं तो आपका होटल या रिज़ॉर्ट जंगल में ही होना चाहिए ताकि आप अपने रूम से जंगल का नज़ारा देख सकें। जंगल सफ़ारी कराने वाले वाहन में व्हील चेयर से शिफ़्ट होना बहुत मुश्किल होता है लेकिन यदि आप पहले से बता दें तो बहुत संभावना है कि वे आपकी मदद कर देंगे। जंगल सफ़ारी में अक्सर रास्ता ऊबड़-खाबड़ होता है और झटके खूब लगते हैं, तो पहले से ही उस बारे में सोच-विचार कर लें।

8) अपनी इटिनरी या यात्रा योजना अपने अनुसार बनाएँ, अपनी रुचि और परिस्थितियों के मुताबिक़ बनाएँ; आम चलन क्या है, कहाँ जाने की हाइप है या किस तरह की यात्रा फ़ैशन में है उसके चक्कर में न पड़ें।

9) बजट और शारीरिक स्थिति के अनुकूल ही जगह का चुनाव करें।

तो बस जानकारी जमा कीजिए और शुरू कर दीजिए योजना बनाना, बैग पैक करना। शुभ यात्रा!

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