विकलांगता प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति की विकलांगता और उसकी गंभीरता को प्रमाणित करने वाला सरकारी दस्तावेज़ है। भारत में यह प्रमाण पत्र उमूमन सरकारी अस्पतालों में गठित चिकित्सीय समिति द्वारा जारी किया जाता है। विकलांगजन के लिए यह एक ज़रूरी दस्तावेज़ है क्योंकि उन्हें मिलने वाली हर सरकारी सुविधा और लाभ इसी प्रमाण प्रत्र के आधार पर मिलते हैं। आपको मालूम होगा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही विकलांग व्यक्तियों के लिए अनेक सुविधाओं का प्रबंध करते हैं। इनमें से किसी भी सुविधा का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति के पास विकलांगता प्रमाण पत्र होना ज़रूरी होता है।
विकलांगता प्रमाण पत्र में क्या-क्या बातें लिखी होती हैं?
विकलांगता प्रमाण पत्र में निम्नलिखित बातें अनिवार्य रूप से होती हैं:
- विकलांगता का प्रकार – विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 में कुल 21 प्रकार की विकलांगताएँ दी गई हैं। विकलांगता प्रमाण पत्र में यह लिखा होता है कि उक्त व्यक्ति उन 21 प्रकार की विकलांगताओं में से किस विकलांगता से पीड़ित है। आर.पी.डब्ल्यू.डी अधिनियम 2016 में उल्लेखित 21 प्रकार की विकलांगताएँ निम्नलिखित हैं:
- दृष्टिहीनता (Blindness)
- निम्न-दृष्टि / अल्प दृष्टि (Low-vision)
- कुष्ठ रोग से मुक्त व्यक्ति (Leprosy Cured persons)
- श्रवण विकार/दोष Hearing Impairment (deaf and hard of hearing)
- चलन-सम्बंधी विकलांगता (Locomotor Disability)
- बौनापन (Dwarfism)
- बौद्धिक विकलांगता (Intellectual Disability)
- मानसिक बीमारी (Mental Illness)
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder)
- सेरिब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy)
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy)
- पुरानी तंत्रिका सम्बन्धी स्थितियाँ (Chronic Neurological conditions)
- स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी (Specific Learning Disabilities)
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis)
- वाक् एवं भाषा विकलांगता (Speech and Language disability)
- थैलेसीमिया (Thalassemia)
- हीमोफ़ीलिया (Hemophilia)
- सिकेल सेल रोग (Sickle Cell disease)
- बहु-विकलांगता (Multiple Disabilities including deaf-blindness)
- तेज़ाब हमले से प्रभावित व्यक्ति (Acid Attack victims)
- Parkinson’s disease
- विकलांगता की गंभीरता – विकलांगता प्रमाण पत्र में विकलांगता के प्रकार के अलावा उसकी गंभीरता का भी उल्लेख होता है। गंभीरता को प्रतिशत में दर्शाया जाता है। इस प्रतिशत का बहुत महत्त्व होता है क्योंकि सरकार की बहुत-सी सुविधाएँ विकलांगता की गंभीरता या प्रतिशत पर ही निर्भर करती है। कम प्रतिशत वाले विकलांगजन को अपेक्षाकृत कम लाभ मिलते हैं। अधिकतर 40% या इससे अधिक की बेंचमार्क विकलांगता ही सरकारी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिये मान्य होती है।
- विकलांगता की स्थायीता – विकलांगता प्रमाण पत्र में यह भी उल्लेखित होता है कि व्यक्ति की विकलांगता स्थायी है अथवा अस्थायी।
- वैधता की अवधि – प्रमाण पत्र बनाते समय चिकित्सीय समिति उस पर वैधता की अवधि का भी उल्लेख करती है। यदि व्यक्ति की विकलांगता अस्थायी है तो प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त होने के बाद उस व्यक्ति की विकलांगता का पुनः आकलन होगा और ज़रूरत होने पर नया प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यदि विकलांगता स्थायी है तो स्थायी प्रमाण पत्र दिया जा सकता है जो आजीवन वैध होता है।
विकलांगता प्रमाण पत्र कैसे बनता है
यदि आपको किसी प्रकार की विकलांगता है और आप अपने लिये प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं तो आपको अपने जिला अस्पताल (सदर अस्पताल) में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी (CMO) से सम्पर्क करना चाहिये। आवेदन करने के पश्चात विकलांगता के आकलन हेतु आपको एक मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना होगा। इस बोर्ड में एक या एक से अधिक डॉक्टर / अधिकारी हो सकते हैं। यह मेडिकल बोर्ड आपकी जाँच करेगा। इस जाँच के ज़रिये बोर्ड आपकी विकलांगता के प्रकार, उसकी गंभीरता व स्थायीता का पता लगाएगा। इसी जानकारी के आधार पर आपको विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
विकलांगता प्रमाण पत्र के लाभ
सरकार ने विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ कई लाभ और सुविधाएँ जोड़ी हैं। हालाँकि ये लाभ और सुविधाएँ अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग प्रकार की विकलांगताओं के लिए अलग होते हैं। मोटे तौर पर विकलांगता प्रमाण पत्र धारक व्यक्ति को नीचे दिए गए लाभ मिल सकते हैं। आपको इनमें से कोई भी लाभ या सुविधा चाहिए तो आपको उसके विषय में अपने जिले के समाज कल्याण विभाग के दफ़्तर से सम्पर्क करना चाहिये। वहाँ से आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि आपके राज्य/जिले में कौन-सी सुविधाएँ उपलब्ध हैं और कौन-सी उपलब्ध नहीं हैं:
- विकलांग विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना
- रेल किराए में छूट
- आयकर में छूट
- विकलांगता पेंशन
- सरकारी नौकरियों में आरक्षण
- राज्य परिवहन की बसों में नि:शुल्क यात्रा
- अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण
- सहायक उपकरण (जैसे व्हीलचेयर) या कृत्रिम अंगों की ख़रीद पर सब्सिडी
- विकलांग सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह बीमा
- शिक्षित विकलांग व्यक्तियों को बेरोजगारी भत्ता
- नेत्रदान करने वाले लोगों को प्रोत्साहन राशि
- अनुकूलित (adapted) वाहन खरीदने में सब्सिडी
- टोल फ्री फास्टैग के साथ टोल कर पर छूट
टिप्पणी: विकलांगता प्रमाण पत्र अब उमूमन यू.डी.आई.डी. से बदला जा चुका है। यदि आपके पास यू.डी.आई.डी. नहीं है तो बनवा लें।
मेरे को यू डी आई डी कार्ड बनाना है
मेरी भतीजी का दुर्घटना में मल्टी आर्गन इंजरी थी… पैर में कूल्हा,जंघा,घुटना, नीचे पंजे से ऊपर मल्टी सर्जरी हुई थी जिससे प्लेट लगाने व सर्जरी के दौरान पैर छोटा हो गया तथा घुटने व पंजे से मुड़ नही रहा है व ब्रेन में चोट के कारण बिहेवियर में बदलाव हो गया…. बिहेवियर धीरे धीरे एक हद तक ठीक तो नही हां ठीक होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है परंतु आवाज में समस्या है बहुत जोर देने पर कम मात्रा वाले शब्द जैसे पापा, चाचा जैसा शब्द यदाकदा बोल लेती है…. दिव्यांगता प्रमाण पत्र में 45% मानसिक वाचलता की अनुशंसा चिकित्सक द्वारा की गई है जबकि पेसेंट के स्थिति को देखकर ऐसा कम ही है… वही पैर दिव्यांगता के लिए चिकित्सक पहले प्लेट हटाने व फिर बहुदिव्यंगता जारी करने की बात कर रहे हैं.. जिसमे महीनों समय लग जाना है.. जो की न्यायपूर्ण आचरण नही है
आपसे उचित परामर्श का अनुरोध है..!!!