हमें अपने अधिकारों के लिये आवाज़ बुलन्द करनी चाहिये
जो लोग किसी की भी मदद करते हैं, मदद करना उनका निजी फ़ैसला होता है। मदद करने के लिए कोई किसी से आग्रह ज़रूर कर सकता है; लेकिन बाध्य नहीं कर सकता। लोग स्वेच्छा से ही किसी की मदद करते हैं। इसलिए किसी की मदद करने पर किसी को असुविधा होने का सवाल ही नहीं उठता।