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दंगा

दंगा करने से किसी की रक्षा नहीं होती केवल जन और अंग क्षति ही होती है। हमारे अंगों की खाद और हमारे रक्त से इन नेताओं और भविष्य के नेताओं के राजनीति वृक्ष को हम कब तक पोषित करते रहेंगे? बेरोजगार युवा दंगे में शामिल होकर कब तक विकलांग बनते रहेंगे?

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दिनचर्या

निकलस पूरन जिन्हें बचपन में हुए एक हादसे के बाद डॉक्टरों ने यह कह दिया था कि अब शायद ही कभी अपने पैरों पर चल सकेंगे वे निराश हो जाते तो आज दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में उनका नाम नहीं होता और वेस्टइंडीज टीम के कप्तान नहीं बन पाते।

Rainbow 2025 is organized by Kothari International School, Noida

रेनबो 2025: विविधता का पर्व

रेनबो 2025 कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागी विद्यार्थियों ने गीत गाए, नृत्य किया, पेंटिंग की, ड्रॉइंग की, मॉडल्स बनाये… इसके अलावा भी और अनेक गतिविधियों में इन बच्चों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की।

wheelchair facility in ahamdabad metro

अहमदाबाद मेट्रो में यात्रा का मेरा अनुभव

कलाराम राजपुरोहित अहमदाबाद मेट्रो में व्हीलचेयर पर अपने सफ़र के अनुभव को इस आलेख में बता रहे हैं। वे अहमदाबाद मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी दे रहे हैं।

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निओमोशन व्हीलचेयर: क्या खराब क्या अच्छा

निओमोशन कम्पनी की निओ-फ़्लाई व्हीलचेयर की अच्छी और ख़राब बातें। यह व्हीलचेयर ख़रीदने से पहले आपको ये बातें जान लेनी चाहिये।

woman wheelchair user in office

क्या पुष्पा को अपने अफसर से विवाद करना चाहिए?

अभी तुम्हारी नौकरी चल रही खर्चा-पानी निकल रहा है, कहाँ आजकल विकलांगजन को नौकरी मिल रही है? तुम चुपचाप शांत होकर अपना काम करती रहो। ज़्यादा हीरोइन बनने की कोशिश मत करो।

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दिव्यांग: सम्मान या उपहास

अगर बात आम लोगों की करें तो दिव्यांग तो दूर कोई विकलांग कहकर भी संबोधित नहीं करता है विकलांगजन को। लंगड़ा, अंधा, काणा, बहरा, पगलैट, टुंडा, गूंगा, हकला, जैसे उपहासजनक शब्दों का प्रयोग किया जाता है विकलांगों के लिए।

professor anita ghai

अनीता घई: विकलांगजन के अधिकारों को समर्पित एक व्यक्तित्व

प्रोफ़ेसर अनीता घई का जीवन भारत व विश्व में विकलांगजन के अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु समर्पित रहा। उन्होनें सुगम्यता और यौनिकता विषयों पर महत्त्वपूर्ण काम किया।

Samyak Lalit wandering in the streets of Goa on wheelchair

क्या गोआ विकलांगजन के लिये सुविधाजनक है?

गोआ में ऐसी बहुत-सी दुकानें और रेस्त्रां मिल जाएँगे जिनमें व्हीलचेयर आराम से जा सकती है। यह गोआ का एक अच्छा पक्ष है। ट्रैफ़िक भी अधिक नहीं है इसलिये आप किसी भी जगह आराम से गाड़ी में बैठ व उतर सकते हैं।

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वो कुरियर वाला…

एक बाजू कम होने से ज़िंदगी कम हुई? लोगों की बातों से ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं? बिना जोख़िम उठाए जिया जा सकता है? जबकि साँस लेने में भी आजकल जोखिम है।

legal law statue of lady justice

केवल विकलांगता के आधार पर कोर्सों में दाखिला नहीं रोका जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

ऐसे ही एक विद्यार्थी की याचिका पर निर्णय देते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि विकलांगजन को उचित समायोजन (reasonable accommodation) से वंचित किया जाएगा तो यह मौलिक अधिकार का हनन होगा और यह राष्ट्र के लिये हानिकर भी साबित होगा।

woman wheelchair rape victim

विकलांगता और अपराध: एक संवेदनशील सामाजिक चुनौती की पड़ताल

विकलांगता से प्रभावित व्यक्ति न केवल अपराध का शिकार होते हैं, बल्कि कुछ दुर्लभ मामलों में अपराधी भी बन सकते हैं। ऐसे मामलों में न्यायिक प्रणाली और समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वह विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें अपराध के जाल से बचाए।

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“लंगड़ा बनाया गर्लफ़्रेंड”

लगभग मुफ़्त में बनने और प्रसारित होने वाला यह कंटेंट हर तरह की ज़िम्मेदारी से रिक्त होता है। मोबाइल कैमरा इन युवाओं के हाथों में उसी तरह है जैसे बंदर के हाथ में उस्तरा।

vivek oberoi as kaal in krishh 3

इलाज या सनक?

विकलांग व्यक्तियों के साथ ऐसा होते बहुत ज्यादा देखा जाता है। इलाज के नाम पर किए जाने वाले झाड़-फूँक, टोने-टोटके फ़िल्म में काल की तरह असंभव को संभव करने की हमारी सनक नहीं तो और क्या है?