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लोकोमोटर डिसेबिलिटी या चलन-सम्बन्धी विकलांगता क्या है?

लोकोमोटर डिसेबिलिटी या चलन-सम्बन्धी विकलांगता उस विकलांगता को कहते हैं जिसमें व्यक्ति के पैर ठीक से काम नहीं करते। लोकोमोटर शब्द का उद्भव लैटिन भाषा में है जिसका अर्थ एक जगह से दूसरी जगह जाने से सम्बंधित होता है। इसी कारण लोकोमोटर डिसेबिलिटी ऐसी विकलांगता के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिसमें व्यक्ति अपने अंगों का इस्तेमाल करके एक जगह से दूसरी जगह जाने में असमर्थ हो।

हालाँकि आम तौर पर इस शब्द का इस्तेमाल चलने-फिरने में असमर्थता के लिए होता है लेकिन हाथों के विकार, जिससे व्यक्ति को चीजें उठाने या पकड़ने में समस्या हो, भी लोकोमोटर या चलन-सम्बन्धी विकार में ही सम्मिलित किए जाते हैं। इसके अलावा अस्थियों, जोड़ और मांसपेशियों से जुड़ी विकलांगता को भी लोकोमोटर डिसेबिलिटी श्रेणी में रखा जाता है।

चलन-सम्बन्धी विकलांगता के उदाहरण और कारण

अनेक चिकित्सकीय कारणों से व्यक्ति को चलन-सम्बन्धी विकलांगता हो सकती है। इसके कई सामान्य कारणों में से एक है – पोलियो। हम सबने अपने आस-पास किसी ऐसे व्यक्ति को तो देखा होगा जो पोलियो के कारण बैसाखियों के सहारे चलता हो या व्हीलचेयर पर घूमता हो। ऐसा इसलिए क्योंकि पोलियो व्यक्ति के प्रभावित अंगों को इतना कमज़ोर कर देता है कि वह व्यक्ति उन अंगो का इस्तेमाल अबाधित रूप से नहीं कर पाता। लेकिन, चलन-सम्बन्धी विकलांगता का कारण सिर्फ़ पोलियो ही नहीं होता; इसके सैंकड़ो अन्य कारण भी हो सकते हैं।

नीचे हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं:

  • विच्छेदन (किसी अंग को काट कर हटाना) चलन-सम्बन्धी विकलांगता का एक स्पष्ट उदाहरण है
  • लकवा कई कारणों से हो सकता है और लकवा अंततः चलन-सम्बन्धी विकलांगता का कारण बन जाता है
  • सेरिब्रल पाल्सी
  • मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
  • बौनापन
  • तंत्रिका-सम्बन्धी विकार
  • हृदन तथा फेफड़ों सम्बन्धी कुछ बीमारियाँ

चलन-सम्बन्धी विकलांगता का मूल्यांकन

चलन-सम्बन्धी विकलांगता के मूल्यांकन के लिए यह मापने की कोशिश की जाती है कि व्यक्ति को कार्यात्मक हानि कितनी है। आसान शब्दों में समझें तो व्यक्ति को प्रभावित अंगो से काम लेने में किस हद तक असमर्थता या तकलीफ़ है — उसी के आधार पर लोकोमोटर विकलांगता का मूल्यांकन किया जाता है।

कोई भी विकार किसी व्यक्ति के पैरों और हाथों की क्षमताओं को पूरी तरह से ख़त्म या सामान्य मानक से कम कर सकता है। सामान्य मानक से विकलांग व्यक्ति की क्षमता की तुलना कर के ही उसकी विकलांगता की गंभीरता को मापा जाता है। इसी के आधार पर विकलांगता प्रमाण पत्र में विकलांगता का प्रतिशत भी निर्धारित होता है।

आशा है कि आप अब लोकोमोटर डिसेबिलिटी या चलन-सम्बन्धी विकलांगता के अर्थ को ठीक तरीके से समझ चुके होंगे। यदि फिर भी कोई प्रश्न हो तो कमेंट कर के बेझिझक पूछें। हम यथोचित जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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Nandu pandit
Nandu pandit
1 year ago

लोकोमोटर विकलांगता के बारे में जानने और समझने को मिला। जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏🙏

amar kumar
amar kumar
3 months ago

maine pwd certificate banwaya hai spine me dikkat hai to kis category me aayega sarkari naukari me form dal rahe hai to uska shartcut category kya hogi mai sarkari form dalta hoon to samaj me nahi aata hai ki usme kaun si category hogi jaise OH, HH, VH, isme kaun si hogi please problem ko salve kare
thanks

Ashish Suvarnkar
Ashish Suvarnkar
2 months ago

कमर में चोट लगी हो तो वह किस प्रकार का विकलांग कहा जाता है?

Vikas
Vikas
2 months ago

क्या एक हाथ का न होना भी इस कैटेगरी में शामिल है?

N D Ghous
N D Ghous
2 months ago

लोकोमोटर एक्सीडेंट के कारण लेफ्ट साइड का पैर भी लोकोमोटर कहा जाता है क्या

N D Ghous
N D Ghous
2 months ago

मेरा पैर एक्सीडेंट के कारण लेफ्ट साइड का चलने में दिक्कत होती है तो कौन से कैटेगरी में डाला जाए लोकोमोटर में डाला जाए क्या सर्टिफिकेट बनाना है सर्टिफिकेट बनाने के लिए क्या करना चाहिए और कहां पर बनता है

JITENDRA KUMAR
JITENDRA KUMAR
1 month ago

Total laryngectomy (speech and language disability) किस category मे आता है । please reply me .

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