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विकलांग विद्यार्थियों के विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप

विदेश जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करना बहुत से विद्यार्थियों का सपना होता है पर कई बार यह सपना आर्थिक बोझ की चिंता तले दब कर रह जाता है। ऐसी स्थिति में होनहार विद्यार्थियों को सहारा देने में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनो द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियाँ (स्कॉलरशिप) अत्यंत मददगार साबित होती हैं। आज हम आपको भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली एक ऐसी छात्रवृति की जानकारी देने वाले हैं जो विदेश जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक विकलांग छात्र-छात्राओं के लिए है। इसका नाम है नेशनल ओवरसीज़ स्कालरशिप स्कीम

विकलांग विद्यार्थियों के लिए नेशनल ओवरसीज़ स्कालरशिप स्कीम

यह स्कीम उन विकलांग विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए है जिनका चुनाव विदेश में परास्नातक या डॉक्टरेट के लिए निम्नलिखित विषय या संकाय में हो चुका हो:

  • अभियांत्रिकी और प्रबंधन (Engineering and Management)
  • शुद्ध विज्ञान और अनुप्रयुक्त विज्ञान (Pure Science and Applied Science)
  • कृषि विज्ञान और चिकित्सा (Agricultural Science and Medicine)
  • वाणिज्य, लेखा और वित्त (Commerce, Accounting and Finance)
  • मानविकी, सामाजिक विज्ञान और ललित कला (Humanities, Social Science and Fine Arts

इस स्कीम के तहत भारत सरकार द्वारा हर साल 20 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है। इन 20 में से हर साल 6 छात्रवृत्तियाँ महिला अभ्यर्थियों के लिए चिन्हित है ताकि विकलांग महिलाओं को विदेश जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। हालाँकि 6 महिला अभ्यर्थियों के योग्य न पाए जाने की स्थिति में पुरुष अभ्यर्थियों पर भी विचार किया जा सकता है।

हर साल दी जाने वाली छात्रवृत्तियों का श्रेणीवार वितरण

विषय/संकाय: अभियांत्रिकी और प्रबंधन (Engineering and Management)
कुल छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 06
महिला आरक्षित छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 02
विकलांगता श्रेणी के अनुसार वितरण:
नेत्र सम्बन्धी विकलांगता – 02
श्रवण सम्बन्धी विकलांगता – 02
चलन सम्बन्धी विकलांगता – 02

विषय/संकाय: शुद्ध विज्ञान और अनुप्रयुक्त विज्ञान (Pure Science and Applied Science)
कुल छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 03
महिला आरक्षित छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 01
विकलांगता श्रेणी के अनुसार वितरण:
नेत्र सम्बन्धी विकलांगता – 01
श्रवण सम्बन्धी विकलांगता – 01
चलन सम्बन्धी विकलांगता – 01

विषय/संकाय: कृषि विज्ञान और चिकित्सा (Agricultural Science and Medicine)
कुल छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 03
महिला आरक्षित छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 01
विकलांगता श्रेणी के अनुसार वितरण:
नेत्र सम्बन्धी विकलांगता – 01
श्रवण सम्बन्धी विकलांगता – 01
चलन सम्बन्धी विकलांगता – 01

विषय/संकाय: वाणिज्य, लेखा और वित्त (Commerce, Accounting and Finance)
कुल छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 04
महिला आरक्षित छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 01
विकलांगता श्रेणी के अनुसार वितरण:
तीनों विकलांगता श्रेणी से कम से कम 01

विषय/संकाय: मानविकी, सामाजिक विज्ञान और ललित कला (Humanities, Social Science and Fine Arts)
कुल छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 04
महिला आरक्षित छात्रवृत्ति (हर वर्ष): 01
विकलांगता श्रेणी के अनुसार वितरण:
तीनों विकलांगता श्रेणी से कम से कम 01

ऊपर दी गई संख्याएँ अनुशंसित है किन्तु किसी भी श्रेणी में किसी वर्ष उपयुक्त प्रत्याशी के ना मिलने पर वह सीट अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हो जाएँगी।

छात्रवृति के लिए न्यूनतम योग्यता

  • डॉक्टरेट के लिए सम्बंधित परास्नातक में 55% या समकक्ष की डिग्री। अनुभवी अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाती है।
  • परास्नातक के लिए सम्बंधित स्नातक में 55% या समकक्ष की डिग्री। अनुभवी अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाती है।
  • स्कीम के विज्ञापन निकलने के महीने की पहली तारीख़ को आवेदक की उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए।
  • कार्यरत आवेदक या उनके माता-पिता/अभिभावक की कुल सालाना आय 6 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए (ऐसे भत्तों को हटा कर जिनकी गिनती आयकर में आय के रूप में नहीं होती)। आवेदन के साथ हालिया कर-निर्धारण दस्तावेज़ और मासिक वेतन पर्ची का संलग्न होना ज़रूरी है।
  • एक ही माता-पिता के दो से अधिक विकलांग बच्चों को यह छात्रवृत्ति नहीं दी जा सकती है। आवेदक को इस विषय में स्व-हस्ताक्षरित घोषणा पत्र देना होगा।
  • एक आवेदक को यह छात्रवृत्ति सिर्फ़ एक बार ही दी जा सकती है।

छात्रवृति की देय धनराशि

निर्वहन भत्ता

  • यूनाइटेड किंगडम – 9,900 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड की धनराशि नियत की गयी है।
  • अमेरिका और अन्य देश – 15,400 अमरीकी डॉलर की धनराशि नियत की गयी है।

आकस्मिक भत्ता

  • यूनाइटेड किंगडम – किताबें, ज़रूरी उपकरण, अध्ययन दौरा, कार्यशाला आदि खर्चों के लिए 1,100 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड की धनराशि नियत की गयी है।
  • अमेरिका और अन्य देश – किताबें, ज़रूरी उपकरण, अध्ययन दौरा, कार्यशाला आदि खर्चों के लिए 1,500 अमेरिकी डॉलर की धनराशि नियत की गयी है।

आकस्मिक यात्रा भत्ता

  • 20 अमेरिकी डॉलर या उसके समकक्ष भारतीय रूपए

उपकरण भत्ता

  • उपकरण भत्ता 15,000 भारतीय रूपए नियत है।

पोल कर

  • वास्तविक राशि देय होगी।

वीज़ा शुल्क

  • भारतीय रूपए में वास्तविक वीज़ा शुल्क देय होगा।

ट्यूशन फ़ीस

  • वास्तविक राशि देय होगी।

चिकित्सा बीमा क़िस्त

  • वास्तविक राशि देय होगी।

हवाई यात्रा खर्च

  • भारत से शैक्षणिक संस्थान के सबसे करीबी एयरपोर्ट तक और फिर वापसी के सबसे छोटे रास्ते का इकॉनमी क्लास टिकट का मूल्य देय होगा।

स्थानीय यात्रा

  • सेकंड क्लास या कोच क्लास रेलवे या समकक्ष बस या अन्य उपलब्ध सुविधाओं का खर्च देय होगा।

छात्रवृत्ति के अन्य नियम एवं शर्तें

शोध / टीचिंग असिस्टेन्स से होने वाली आमदनी

छात्रवृत्ति प्राप्त विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के अलावा शोध या टीचिंग असिस्टेन्स से अतिरिक्त कमाई करने की अनुमति है किन्तु उसकी सीमा तय है।

  • यूनाइटेड किंगडम – 1,560 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड प्रति वर्ष
  • अमेरिका और अन्य देश – 2,400 अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष

अभ्यर्थी द्वारा इससे अधिक की कमाई करने पर वहाँ के भारतीय मिशन के पास यह अधिकार है कि इस स्तर से ऊपर की कमाई का हिस्सा तदनुसार निर्वहन भत्ते की राशि को घटा दें।

छात्रवृत्ति की अवधि

किसी भी अभ्यर्थी को दी जाने वाली छात्रवृत्ति या तो पाठ्यक्रम की अवधि समाप्त होने तक या इंगित समय सीमा के ख़त्म होने तक (जो भी पहले हो) दी जाती है।

  • डॉक्टरेट – 4 साल
  • परास्नातक – 3 साल

समय सीमा के समाप्त होने के बाद भारत लौटने के खर्च के सिवा कोई भी राशि देय नहीं होगी और इस राशि के लिए भी सम्बद्ध शिक्षक / अधिकारी या भारतीय मिशन के द्वारा इस बात की पुष्टि ज़रूरी है कि अभ्यर्थि का समय-सीमा के बाद भी रुकना अनिवार्य है।

अंत में…

नेशनल ओवरसीज़ स्कालरशिप योजना को भारत सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ़ डिसेबिलिटी अफेयर्स प्रचारित करता है और छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया यहीं से शुरू होती है। आप यदि एक विकलांग व्यक्ति हैं तो आपको भारत सरकार और आपके सम्बंधित राज्य सरकार के विकलांगता मंत्रालय और विकलांगता अधिकार विभाग आदि की वेबसाइट और प्रेस रिलीज़ पर नज़र बनाए रखनी चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारें विकलांगता सशक्तिकरण के लिए कई बार कई अच्छी योजनाएँ लेकर आती हैं लेकिन आम विकलांग व्यक्ति तक ख़बर सही वक़्त पर पहुँच नहीं पाती।

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