पोलियो के साथ भारत में बीते बचपन और युवावस्था के अनुभवों पर आधारित मेरी पुस्तक है: विटामिन ज़िन्दगी… इस पुस्तक को लिखते समय मैंने कई बार सोचा को हमारे साहित्य में कई प्रकार के विमर्श और आंदोलन स्थापित हैं — लेकिन इनमें से किसी में भी विकालंगता के विषय पर बात नहीं होती। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 2 करोड़ 68 लाख लोग विकलांगता से प्रभावित हैं। मेरा अनुमान है कि अगली जनगणना में यह संख्या दस करोड़ से ऊपर हो जाएगी। समाज के एक इतने बड़े वर्ग के बारे में, उसकी समस्याओं के बारे में, उसके संघर्ष के बारे में कोई साहित्यिक विमर्श क्यों नहीं होता? इसी बात से प्रेरित होकर मैंने “विटामिन ज़िन्दगी” के छपने के साथ ही साहित्य में विकलांगता विमर्श को एक नियमित आंदोलन के रूप में स्थापित करने का अभियान आरम्भ किया।
इस आंदोलन को स्थापित करने की दिशा में मैंने अभी तक निम्नलिखित प्रयास किये हैं:
- कविता कोश में विकलांगता विमर्श अनुभाग की स्थापना
- विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार की स्थापना
- विकलांगता विमर्श पर आधारित पुस्तकों का प्रकाशन
- विकलांगता विमर्श पर आधारित प्रकाशित पुस्तकों का संग्रह
- अनेक शोधार्थियों का मार्गदर्शन
- विमर्श को व्यापक बनाने के लिये अनेक मंचों पर इसकी लगातार चर्चा
वर्ष 2021 से मैंने “विकलांगता विमर्श” के साथ-साथ “विकलांगता-केन्द्रित साहित्य” शब्दावली का प्रयोग भी आरम्भ किया है। मुझे लगता है कि “विकलांगता-केन्द्रित साहित्य” विकलांगता विमर्श से अधिक व्यापक और सटीक शब्दावली है। मेरी अपील है कि शोधार्थी, रचनाकार व प्रकाशक इत्यादि भी इस शब्दावली का प्रयोग करें।
यदि आप साहित्य में विकलांगता विमर्श पर कोई प्रश्न करना चाहते हैं तो मुझे ईमेल करें: viklangta AT gmail DOT com
— सम्यक ललित
संस्थापक, कविता कोश
संस्थापक, विकलांगता डॉट कॉम
विकलांगता विमर्श पर हिन्दी साहित्यिक पुस्तकें
यहाँ नीचे मैं कुछ पुस्तकों की सूची दे रहा हूँ जो हिन्दी में विकलांगता विमर्श पर आधारित है। इनमें से अधिकांश पुस्तकें मेरे संग्रह में उपलब्ध हैं — यदि शोधार्थी चाहें तो नोएडा आकर इनका अध्ययन कर सकते हैं। यदि आप किसी ऐसी पुस्तक के बारे में जानते हैं जिसे इस सूची में होना चाहिये — तो कृपया मुझे सूचित करें।
विटामिन ज़िन्दगी (ललित कुमार ‘सम्यक ललित’) – संस्मरण
विटामिन ज़िन्दगी हिन्दी के अलावा मराठी और मैथिली भाषाओं में भी उपल्बध है
जैसा मैंने देखा तुमको (सम्पादक: सम्यक ललित) – कविता संग्रह
बा-वजूद (सम्पादक: सम्यक ललित) – कहानी संग्रह
लकीर के उस पार (आलोकिता) – उपन्यास
ब्लाइंड स्ट्रीट (प्रदीप सौरभ) – उपन्यास
ज्यों मेहंदी रंग (मृदुला सिन्हा) – उपन्यास
इनबॉक्स (गीता पंडित) – उपन्यास
तुम्हारी लंगी (कंचन सिंह चौहान) – कहानी संग्रह
टूटे पंखों से परवाज़ तक (सुमित्रा मेहरोल) – आत्मकथा
अधेड़ हो आई है गोले (भारतेंदु मिश्र) – कविता संग्रह
मुड़ के देखो मुझे (डॉ. गीता शर्मा) – कहानी संग्रह
महान विभूतियों का अधूरा बचपन (विनोद कुमार मिश्र)
व्हीलचेयर (मनोज छाबड़ा) – कविता संग्रह
व्हीलचेयर (ज्ञानप्रकाश विवेक) – उपन्यास
वरक़ दर वरक़ (प्रदीप सिंह) – डायरी
बुहारे हुए पल (प्रदीप सिंह) – डायरी
कोई बात नहीं ( अलका सरावगी) – उपन्यास
आदमी बैसाखी पर (यादवेन्द्र चंद्र शर्मा) – उपन्यास
विकलांगता विमर्श की फुटकर कहानियाँ
- च्यूइंगम (आलोकिता) – “विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार” से सम्मानित कहानी
- विनिमय (पल्लवी विनोद) – “विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार” से सम्मानित कहानी
- ग़लत ही सही है (डॉ. चमन टी. माहेश्वरी) – “विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार” से सम्मानित कहानी
- जीकाजि (निर्देश निधि) – “विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार” से सम्मानित कहानी
- गूंगी गवाही (नासिरा शर्मा)
- अग्निपरीक्षा (नासिरा शर्मा)
- खोटे सिक्के (मन्नू भंडारी)
- दूसरी कहानी (अलका सरावगी)
- उपहार (कुसुमलता मलिक)
- हाँ मैं तलाक ले रही हूँ (रमेश खत्री)
- सिम्मल के फूल (कंचन सिंह चौहान)
- एक और निश्चय (मृदुला सिन्हा)
- पहचान (उषा किरन शुक्ल)
- अदायगी (कुसुमलता मलिक)
- सचेतक (कुसुमलता मलिक)
- मौन का दर्द (कुसुमलता मलिक)
- सहारा (विनोद कुमार मिश्र)
- गूंगी (संतोष श्रीवास्तव)
- संकल्प (दीप्ति गुप्ता)
बहुत उपयोगी व ज्ञानवर्धक सूचनाउपलब्ध हुई हैं ..इसमें कुछ और भी जोड़ी जा सकती है
1.कोई बात नहीं ( अलका सरावगी) – उपन्यास
2.आदमी बैसाखी पर (यादवेन्द्र चंद्र शर्मा) – उपन्यास
सर आपने विकलांगता-साहित्य की सूची दी है उसमें इन्हें भी शामिल किया जा सकता है ये दोनों उपन्यास विकलांग-विमर्श पर आधारित है।
जानकारी के लिये धन्यवाद। इन पुस्तकों को सूची में जोड़ दिया गया है।