21 प्रकार की विकलांगता की सूची, कारण व लक्षण

viklangta ke vibhinn prakaar

मानव अनेक प्रकार की विकलांगता से प्रभावित हो सकता है। इनमें कुछ विकलांगताएँ अधिक पाई जाती हैं तो कुछ कम। भारत सरकार ने विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं में से कुछ विकलांगताओं को आधिकारिक-रूप से सूचीबद्ध किया है ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों की सरकारी सहायता की जा सके। यहाँ हम उन 21 विकलांगताओं की सूची दे रहे हैं जो भारत सरकार द्वारा दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 के तहत मान्यता प्राप्त हैं।

1. दृष्टिहीनता

दृष्टिहीनता का अर्थ है देखने में असमर्थता। एक दृष्टिहीन व्यक्ति कुछ भी नहीं देख सकता। दूसरे शब्दों में कहें तो दृष्टिहीनता वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी दोनों आँखों से अँधेरे और उजाले का फ़र्क न कर सके।

2. निम्न-दृष्टि / अल्प दृष्टि (लो विज़न)

निम्नलिखित दो में से किन्हीं एक परिस्थिति के होने पर व्यक्ति को अल्प दृष्टि की श्रेणी में रखा जा सकता है:

  1. अधिकतम संभव सुधार के बाद भी बेहतर आँख से देख पाने की क्षमता 6 / 18 या 20 / 60 तक 3 / 60 या 10 / 200 (Snellen) तक हो; या
  2. दृष्टि क्षेत्र की सीमा 10 डिग्री से 40 डिग्री के बीच हो

3. कुष्ठ रोग से मुक्त व्यक्ति

कुष्ठ रोग, अथवा हैनसेन रोग (एच.डी.), एक संक्रामक बीमारी है जो Mycobacterium leprae नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से त्वचा, परिधीय तंत्रिका, ऊपरी श्वसन पथ की श्लैष्मिक सतह और आँखों को प्रभावित करती है। कुष्ठ रोग बाल्यकाल से वृधावस्था तक कभी भी हो सकता है। क़रीब 95% लोग जो Mycobacterium leprae बैक्टीरिया से प्रभावित होते हैं उन्हें कुष्ठ रोग नहीं होता; केवल 5% लोग ही रोग की स्थिति तक पहुँचते हैं।

4. श्रवणबाधित (बहरापन)

श्रवण बाधित श्रेणी में उन लोगों को रखा जाता है जो सुनने में अक्षम हों या ऊँचा सुनते हों। इस विकलांगता को दो अलग भागों में बाँटा जाता है – बहरापन और ऊँचा सुनना।

  1. बहरापन या बधिरता श्रेणी में वे लोग आते हैं जिनकी सुनने की क्षमता दोनों कानों में 70 डेसिबल या उससे अधिक तक कम हो जाती है।
  2. ऊँचा सुनने की श्रेणी में वे लोग आते हैं जिनकी सुनने की क्षमता दोनों कानों में 60 से 70 डेसिबल तक कम हो जाती है।

5. चलन-सम्बन्धी विकलांगता (लोकोमोटर विकलांगता)

चलन-सम्बन्धी विकलांगता मुख्यतः एक जगह से दूसरे जगह जाने की दिक्कत यानी पैरों की विकलांगता को कहते हैं। लेकिन इस श्रेणी में हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी विकलांगताएँ भी आती हैं। चलन-सम्बंधी विकलांगता व्यक्ति की गति में समस्या पैदा करती है (जैसे चलना, उठना, बैठना, हाथ में किसी चीज़ को पकड़ना इत्यादि)।

6. बौनापन

बौनापन विकास सम्बन्धी विकार है जिसमें व्यक्ति के शरीर की लम्बाई सामान्य से कम होती है।

7. बौद्धिक विकलांगता

बौद्धिक विकलांगता को सामान्य तौर पर सीखने की अक्षमता या मानसिक मंदता भी कहा जाता है। यह ऐसी स्थिति जिसमें व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता (तर्क-वितर्क, समस्या का समाधान ढूँढना, नई चीज़ें सीखना) और सामाजिक व्यवहार (रोज़मर्रा के काम, सामाजिक और व्यवहारिक कौशल) दोनों में काफ़ी कमी होती है।

8. मानसिक रोग

मानसिक रोग या मानसिक विकार व्यक्ति की सोच, मनोदशा, धारणा, अभिविन्यास या स्मृति का एक बड़ा विकार है जो निर्णय, व्यवहार, वास्तविकता को पहचानने की क्षमता या जीवन की सामान्य मांगों को पूरा करने की क्षमता को पूरी तरह से बाधित करता है। इसमें मानसिक मंदता शामिल नहीं है। मानसिक मंदता में मस्तिष्क का विकास अधूरा या रुका हुआ होता है।

9. ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ए.एस.डी) एक तंत्रिका-सम्बन्धी विकासात्माक विकार है जिसमें व्यक्ति की बोलचाल और व्यवहार प्रभावित होता है। वैसे तो यह विकार किसी भी उम्र में पता चल सकता है लेकिन फिर भी इसे विकासात्मक विकार की श्रेणी में रखते हैं क्योंकि सामान्यतः इसके लक्षण शुरूआती दो सालों में ही उभरते हैं। ऑटिज्म व्यक्ति के संज्ञानात्मक, भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

10. सेरिब्रल पाल्सी

सेरिब्रल पाल्सी (सी.पी.) एक ऐसी शारीरिक स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की क्षति के कारण मांसपेशियों का समन्वय बिगड़ जाता है। यह बच्चे के जन्म के समय या उससे पहले होता है। यह एक प्रगतिशील विकार नहीं है अर्थात यह समय के साथ बढ़ता नहीं है। हालाँकि माँसपेशियों के इस्तेमाल न होने से समय के साथ स्थिति बिगड़ सकती है। वर्तमान में इस स्थिति का कोई इलाज़ नहीं है।

11. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (एम.डी.) माँसपेशियों से जुड़े अनुवांशिक विकारों का एक समूह है जिसके कारण माँसपेशियों में कमज़ोरी और माँसपेशियों का क्षय होता है। यह एक प्रगतिशील स्थिति है अर्थात समय के साथ यह बढ़ती जाती है।

12. पुरानी तंत्रिका सम्बन्धी स्थितियाँ

पुरानी / दीर्घकालिक तंत्रिका सम्बन्धी स्थितियों के कुछ उदाहरण हैं:

  • अल्जाइमर रोग और डीमेनशिया
  • पार्किन्संस डिज़ीज़
  • डिसटोनिया
  • ए.एल.एस. (लू गेह्रिग रोग)
  • हंटिंग्टन डिज़ीज़
  • तंत्रिकपेशीय बीमारी
  • मल्टिपल स्क्लेरोसिस
  • मिर्गी
  • स्ट्रोक

13. स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी

स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी विकलांगता उत्पन्न करने वाली स्थितियों का एक समूह है जो किसी व्यक्ति की सुनने, सोचने, बोलने, लिखने या गणितीय गणना करने की क्षमता को बाधित करती है। इनमें से एक या अधिक क्षमताएँ इस प्रकार की विकलांगता में प्रभावित हो सकती हैं।

14. मल्टीपल स्क्लेरोसिस

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, जिसमें मस्तिष्क और मेरुदंड शामिल हैं, को क्षति पहुँचाने लगती है। इसके कारण स्नायु (नयूरोंस) के ऊपर की परत से माईलीन शीथ क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसके कारण नर्व फाइबर पर असर पड़ता है और सूचनाओं का प्रवाह बाधित होता है। वक़्त के साथ मल्टीपल स्क्लेरोसिस नर्व को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर सकती है।

15. वाणी और भाषा-सम्बन्धी विकलांगता

यह लेरिंजेक्टॉमी या वाचाघात जैसी स्थितियों से उत्पन्न एक स्थाई विकलांगता है जिसमें बोलने की क्षमता और भाषा के महत्त्वपूर्ण घटकों को नुक्सान पहुँचता है।

16. थैलेसीमिया

यह एक अनुवांशिक रक्त विकार है जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम हो जाता है या फिर असामान्य हीमोग्लोबिन का उत्पादन होने लगता है। आप शायद यह जानते होंगे कि हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए उत्तरदायी है। थैलेसीमिया के कारण बड़ी संख्या में लाल रक्त कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं, जिससे एनीमिया हो जाता है। एनीमिया के परिणामस्वरूप, थैलेसीमिया से प्रभावित व्यक्ति की त्वचा पीली पड़ जाती है, थकान महसूस होती है और पेशाब का रंग गहरा हो जाता है।

17. हीमोफ़ीलिया

हीमोफ़ीलिया एक रक्त विकार है जिसके कारण रक्त में थक्के बनाने वाले प्रोटीन की कमी हो जाती है। इस प्रोटीन की कमी के कारण खून का बहाव जल्दी रुकता नहीं है। हीमोफ़ीलिया अक्सर पुरुषों को होता है और उन्हें यह आनुवांशिक विकार अपनी माँ से मिलता है। महिलाएँ हीमोफ़ीलिया से बहुत कम प्रभावित होती हैं।

18. सिकल सेल रोग

सिकल सेल रोग रक्त विकारों का एक समूह है जिसमें रक्त कोशिकाएँ सिकल (हंसिया या दरांती) जैसे असामान्य आकार की हो जाती हैं और नष्ट होने लगती हैं। ऐसी विकृत लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुँचाने की क्षमता कम हो जाती है। यह भी एक आनुवांशिक बीमारी है।

19. बहु-विकलांगता (बहरेपन-दृष्टिहीनता सहित)

बहु-विकलांगता का अर्थ एक से अधिक विकलांगता का एक साथ होना। इस प्रकार की विकलांगताएँ मोटर और संवेदी दोनों तरह की हो सकती हैं।

20. तेज़ाब हमले से प्रभावित व्यक्ति

तेज़ाब हमले के प्रभावित वे लोग होते हैं जो तेज़ाब या ऐसे ही किसी पदार्थ के हमले के कारण विकृत हो जाते हैं।

21. पार्किन्संस रोग

यह केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का एक विकार है जो व्यक्ति की चाल / गति को प्रभावित करता है। इसमें शरीर में कंपकंपी और जकड़न होती है। यह एक प्रगतिशील बीमारी है जो समय के साथ बढती है। फ़िलहाल इस बीमारी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

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Yogendra
Yogendra
1 year ago

विकलांगों की कम से कम ₹3000 महीने पेंशन होनी चाहिए क्योंकि ₹1000 महीने की पेंशन में अपना खर्च नहीं चला पाते हम लोग कि हमारे साथ परिवार भी हमारे बीवी बच्चे हैं

lucky gurjar
lucky gurjar
11 months ago
Reply to  Yogendra

कम से कम 5000 देना चाहिए

Dinesh Sharma
Dinesh Sharma
7 months ago
Reply to  Yogendra

दिव्यांगों के भरण पोषण को सरकार एक ठोस योजना बनानी चाहिए, कम से कम 5000 रुपये पेंशन देनी चाहिए

HARERAM KUMAR PASWAN
HARERAM KUMAR PASWAN
7 months ago
Reply to  Yogendra

हाँ, विकलांगो को तीन हजार पेंशन होना चाहिए और 35kg अनाज होना चाहिए। यह हम लोग का गलती है कि सरकार के सामने आवाज नही उठता हूं ये सरकार की गलती नही है खास कर बिहार में

Abhishek Yadav
Abhishek Yadav
2 months ago
Reply to  Yogendra

सही बात कहा होना ही चाहिए

जाहिद हुसैन अंसारी
जाहिद हुसैन अंसारी
1 year ago

अछी पहल है।

Iqbal Ahmad
Iqbal Ahmad
9 months ago

दिव्यांगजन को विधिक जानकारी भी दी जानी चाहिए

मोहम्मद अली
मोहम्मद अली
9 months ago

दिव्यांग जन को सहानुभूति के साथ साथ कम से कम 5000 रुपये महीना देना चाहिए

Dinesh Sharma
Dinesh Sharma
7 months ago

रेलवे द्वारा मूक बधिर दिव्यांगों का आनलाइन रेल रियायत कार्ड नहीं बनाया जा रहा। कहा जा रहा है कि 100 प्रतिशत पर ही रियायत कार्ड बनेगा, यदि किसी के कार्ड में 95 प्रतिशत अंकित है तो कार्ड नहीं बन रहा, जबकि 95 या 100 प्रतिशत दोनों एक ही हैं।

Dr Kalim Ahmad
Dr Kalim Ahmad
6 months ago

Down syndrome cases also should be included in this scheme. Thanks

Bharat Prasad sharma
Bharat Prasad sharma
4 months ago

दिव्यांग व्यक्तियों को उनके इलाज एवं‌ भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

अंकित सिंह
अंकित सिंह
4 months ago

मेरा लिवर प्रत्यारोपण हुआ है जो मेरी माँ ने मुझे दिया है,क्या हम दोनो विकलांग सर्टिफिकेट बनवा सकते हैँ क्या ??

Pavani Devi
Pavani Devi
3 months ago

विटिलिगो रोगी को विकलांगता में शामिल किया गया है? क्या विकलांगता सर्टिफिकेट मिल सकता है?

Mohan
Mohan
4 months ago

मैं पिछले कई सालो से मानसिक तनाव से ग्रस्त हूं लेकिन मुझको ये नहीं पता था कि ये विकलागता में आता है
मेरी मां पिता भी इसी बीमारी से पीड़ित हैं मैंने अपना इलाज सरकारी अस्पताल में और प्राइवेट डॉक्टर से कराया है लेकिन पैसे की कमी के कारण बंद हैं तो बहुत परेशानी हो रही है मुझे जब में दवा खाता हूं तो सब अच्छा लगता हैं अगर में अकेला किसी डॉक्टर के पास जाता हूं तो डॉक्टर परिवार में से किसी लाने बोलते हैं लेकिन परिवार के लोग मेरी परेशानी को नहीं समझते और नहीं डॉक्टर के सामने जाते हैं में किसी भी तरह से अपनी मां को डॉक्टर के सामने ले जाता हूं तो डॉक्टर ये बोलते हैं ये तुमसे से ज्यादा बीमार है किसी और को लाओ मां को अब कम सुनाई भी देने लगा है

अभिषेक
अभिषेक
4 months ago

मुझे जन्म से ही ह्रदय की दो ही नलियां थी जिसमें से अब एक बंद हो गई तथा दिल में छेद भी है साथ ही हृदय गति भी सामान्य से बहुत अधिक है और पुरा हृदय की प्रारुप अस्त व्यस्त है जिससे मुझे अधिक चलने, थोडा सा भी दौड़ने, अधिक बोलने में दिक्कत होती है
क्या मैं डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट बनवा सकता हूं
यदि हां तो किस श्रेणी में

कृपया मार्गदर्शन करें

Shailesh mal
Shailesh mal
4 months ago

मेरा 2013 में एक्सीडेंट हुआ था उसके बाद से मुझे स्मेल नहीं आती हैं क्या मेरा सर्टिफिकेट बन सकता है?

Ashwani Kumar
Ashwani Kumar
3 months ago

Right hand का अंगूठा कट जाना क्या दिव्यांगता की श्रेणी मे आता है

भरत
भरत
3 months ago

मैं छाती और गले पर गरम तेल से २७% जला हूँ। मेरा विकलांगता सर्टिफिकेट बन सकता है क्या?

deen Bandhu
deen Bandhu
2 months ago

मेरी गुड़िया की तीन हड्डी रीड की हड्डी के पास से नहीं बनी है। क्या यह विकलांगता में आएगी?

RAJ KUMAR
RAJ KUMAR
2 months ago

Sir mujhe 52% Locomotor disability he or abhi me MULTIPLE MYOLOMA CANCER Bimari se grast ho gya kya meri disibilty % increase ho sakti h

राजन
राजन
2 months ago

मेरा तो स्पीच दिक्कत है बहुत जादा हकलाना ना बोल पाने की तरह लेकिन azamgarh up Hospital में गया विकलांग सर्टिफिकेट बनाने नहीं बनाए
बोले इसका नहीं बनता
एक बोले जाओ कितना प्रतिशत है तब बनेगा गए BHU में वहां बोले यहां प्रतिशत निकाले वालीं मशीन नहीं है जाओ ये रोग नहीं है आपने जिले में देखो
अब क्या दिखाए ये लोग को जो मानेंगे जिनके पास पैसा होता है उनका बन जाता है जिनके पर नहीं है उनको बहका के भगा दिया जाता है

राजन
राजन
2 months ago

सर आप बताये कि अगर कोई इंसान up पुलिस में मेडिकल करवाने जाए तो स्पीच प्रॉब्लम को अनफिट कर दोगे
अगर वहीं विकलांगता सर्टिफिकेट बनवाने जाए तो वहीं डॉ. बोलेंगे की ये रोग नहीं है
अब बताओ सर आप मेडिकल में फिर कैसे अनफिट हो जाएगा जब रोग नहीं है तो 😍
सर हम गरीब के साथ जो ना इंसानी होती है ना हम गरीब से बेहतर कोइ नहीं जनता
सरकार दे रहीं है गरीब को प्रॉफिट लेकिन अधिकारी नहीं दे रहे है
ये है हमारा उत्तर प्रदेश

YOGESH KUMAR SAHU
YOGESH KUMAR SAHU
1 month ago

मुझे सिकल सेल है। मैं दिव्यांगता के किस श्रेणी के अंतर्गत आऊँगा? जैसे एग्जाम फार्म में LD, OL, OA आदि श्रेणी पाया जाता है। कृपया बताएँ।

Rahul Dangi
Rahul Dangi
1 month ago

लेफ़्ट हैण्ड की उंगली कटी हुई है। क्या विकलांगता का सर्टिफ़िकेट बन सकता है?

Dilkush Saini
Dilkush Saini
1 month ago

मेरा एक फेफड़ा नहीं है। क्या मेरा विकलांगता सर्टिफिकेट बन सकता है?

Anil Kumar kushwaha
Anil Kumar kushwaha
1 month ago

गले का आपरेशन के कारण एक ओर का भाग कम होने पर कौन सी विकलांगता है

Onkar nath sharma
Onkar nath sharma
1 month ago

श्रीमान ने बताएं कि सफेद दाग किसी विकलांगता की श्रेणी में आता है कि नहीं

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