यदि हम कायदे में नहीं रहेंगे तो फ़ायदे में भी नहीं रहेंगे
सम्यक ललित अपने साप्ताहिक कॉलम “राही मनवा” में बता रहे अपनी हाल की हवाई यात्रा के दौरान हुए कुछ अनुभवों के बारे में।
सम्यक ललित अपने साप्ताहिक कॉलम “राही मनवा” में बता रहे अपनी हाल की हवाई यात्रा के दौरान हुए कुछ अनुभवों के बारे में।
वर्टीकल आरक्षण (ऊर्ध्वाधर आरक्षण) और हॉरिजॉन्टल आरक्षण (क्षैतिज आरक्षण) की परिभाषा, अर्थ और लाभ
कोई भी समाज किसी एक ख़ास समुदाय के लिए इंक्लूसिव नहीं हो सकता, या तो वह हर एक ऐसे समुदाय को साथ ले कर चलने का प्रयास करेगा जो किसी भी कारण से भेदभाव या नाइंसाफी का शिकार हो रहा है या फिर वह हाशिए पर धकेल दिए गए हर समुदाय के प्रति उदासीन ही बना रहेगा।
सामान्यजन यदि कुछ छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखें तो विकलांगजन के लिये जीवन आसान हो सकता है। आलोकिता इन्हीं में से कुछ महत्त्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाल रही हैं।
नुपुर शर्मा हमसे साझा कर रही हैं वे शब्द जिन्होनें उनके जीवन की दिशा बदल दी। क्या आपके जीवन में भी किसी ने ऐसे कुछ शब्द कहे हैं?
ओला और उबर टैक्सी ड्राइवरों का विकलांगजन के साथ व्यवहार कैसा है? क्या वे विकलांगजन की विशेष-आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये प्रशिक्षित है? सम्यक ललित का कॉलम राही मनवा…
सिविल सेवा या यू.पी.एस.सी. परीक्षा के संदर्भ में PwBD 1, PwBD 2, PwBD 3, PwBD 4, और PwBD 5 श्रेणियों का अर्थ समझिये।
नूपुर शर्मा अपने एक अनुभव को साझा करते हुए सामान्यजन से यह अपील कर रही हैं कि वे विकलांगजन के प्रति संवेदनशील और सहनशील बनें।
नूपुर शर्मा बता रही हैं कि विकलांगजन की कल्पनाओं की दुनिया कैसी होती है और क्यों वह दुनिया वास्तविकता में नहीं बदलती।
जानिये कि सिविल सेवा परीक्षा, जिसे आमतौर पर आई.ए.एस. की परीक्षा कहा जाता है, में विकलांगजन को कौन-सी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
आलोकिता अपने साप्ताहिक कॉलम में सुगम्यता के महत्त्व और हमारे सार्वजनिक स्थानों पर सुगम्यता की कमी को रेखांकित कर रही हैं।
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में स्क्राइब व अतिरिक्त समय के जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर इस आलेख में दिये गये हैं।
पार्किंसंस रोग वृद्धावस्था में विकलांगता उत्पन्न होने का एक बड़ा कारण है। संजीव शर्मा इस रोग के लक्षण, निदान, उपचार और मैनेजमेंट के बारे में बता रहे हैं।
यह एक अक्सर पूछा जाने वाला प्रश्न है कि क्या विकलांगजन विदेश जा सकते हैं? इस लेख में इस प्रश्न का विस्तार से उत्तर दिया गया है।
देश व दुनिया के पहले मूक-बधिर क्रिकेटर जिन्हें बाबा सिद्धाये और पैंथर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबा सिद्धाये इकबाल (2005) फ़िल्म के पीछे की प्रेरणा हैं।