तेज़ाब हमले से प्रभावित लोग: दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत विकलांगता

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दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत नामित 21 विकलांगताओं में एक है तेज़ाब हमले से प्रभावित व्यक्ति (एसिड अटैक सर्वाइवर्स)। अधिनियम के अंतर्गत सूचिबद्ध विकलांगताओं में यह एक मात्र श्रेणी है जहाँ विकलांगता किन्हीं प्राकृतिक कारणों से न होकर मानवीय क्रूरता के कारण होती है।

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है जिन पर तेज़ाब के हमले हुए और इसके परिणामस्वरुप वे विकलांगता से प्रभावित हुए। आइये तेज़ाब हमले से प्रभावित लोगों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करते हैं।

तेज़ाब हमला: एक भयावह हकीक़त

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत विश्व के ऐसे देशों में शामिल है जहाँ तेज़ाब हमलों के मामले सबसे अधिक होते हैं। भारत के अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी तेज़ाब हमलों के मामले अक्सर देखने में आते हैं। हालाँकि ऐसा नहीं है कि तेज़ाब हमलों के मामले केवल भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण एशियाई देशों में ही होते हैं। यूनाइटेड किंगडम जैसे विकसित व समृद्ध देश में भी इस तरह के मामले रिपोर्ट किये जाते हैं।

भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा दिये गये आँकड़े बताते हैं कि 2017 से 2021 के बीच में देश में तेज़ाब हमले के 1000 से ऊपर मामले दर्ज़ किये गए हैं। इस आँकड़े में असफल तेज़ाब हमलों को तो शामिल भी नहीं किया गया है।

हालाँकि पुरुषों पर हुए तेज़ाब हमले के भी कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अक्सर लडकियाँ ही इन हमलों का शिकार होती हैं। एक बड़ी संख्या में लड़कियों पर ये हमले प्रेम-प्रस्ताव ठुकराने या अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाने के कारण किये जाते हैं। इन हमलों का उद्देश्य लड़कियों के चेहरे को तेज़ाब या इसी तरह के किसी अन्य पदार्थ से झुलसा देना जिससे उनके आत्मविश्वास को तोड़ा जा सके और उनकी ज़िन्दगी को ख़राब किया जा सके।

बीते कुछ वर्षों में लोगों की जागरूकता के कारण इस क्रूर कृत्य के मामलों में कुछ कमी तो आई है लेकिन आज भी यह हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है।

तेज़ाब हमले से प्रभावित लोग और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम

तेज़ाब हमलों से प्रभावित लोगों को भारत के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में विकलांगता से प्रभावित माना गया है।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में दी गई परिभाषा कहती है कि “तेज़ाब हमले के पीड़ित का अर्थ वह व्यक्ति है जो तेज़ाब या ऐसी किसी संक्षारक / ज्वलनशील पदार्थ फेंकने के हिंसक हमले के कारण विकृत हो गया हो”।

तेज़ाब हमले सिर्फ़ व्यक्ति के चेहरे को ही ख़राब नहीं करते बल्कि ये कई बार श्रवण और दृष्टि के पूरी तरह समाप्त हो जाने का कारण भी बनते हैं। कई मामलों में व्यक्ति के खाने या सांस ले पाने की क्षमता भी बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिहाज़ से तेज़ाब हमले से प्रभावित व्यक्तियों को चलन-सम्बन्धी विकलांगता के अंतर्गत रखा जाता है जिसके तहत कुल 1% का आरक्षण होता है। तेज़ाब हमले के कारण व्यक्ति को किसी भी प्रकार की विकलांगता का सामना करना पड़े लेकिन उसे चलन-सम्बन्धी विकलांगता की श्रेणी के तहत ही आरक्षण दिया जाता है।

तेज़ाब हमले के कारण होने वाली समस्याएँ

किसी पीड़ित को तेज़ाब हमले से कितना नुक्सान पहुँचेगा यह तेज़ाब या प्रयोग किये गये अन्य पदार्थ की संक्षारकता, उसकी मात्रा और इस बात पर निर्भर करता है कि पीड़ित को कितनी जल्दी चिकित्सीय सहायता मिल पायी। तेज़ाब हमले से होने वाली कुछ समस्याएँ इस प्रकार हैं:

  • बालों का जल जाना और खोपड़ी का आंशिक रूप से विकृत हो जाना
  • बाहरी कान अक्सर आंशिक या पूरी तरह से गल जाते हैं… बधिरता होने की भी संभावना होती है
  • आँखों की पुतलियाँ अक्सर जल जाती हैं जिससे आँखों के सूखने का डर रहता है और यह दृष्टिहीनता के ख़तरे को बढ़ाता है
  • सीधे आँखों में तेज़ाब चले जाने की स्थिति में आँखों की रोशनी पर असर पड़ता है और कई मामलों दृष्टिहीनता हो सकती है
  • नासिकाएँ सिकुड़ जाती हैं; नाक की मुलायम हड्डी के गलने के कारण नाक के छेद पूरी तरह बंद भी हो सकते हैं
  • मुँह सिकुड़ कर छोटा हो सकता है और अपनी सामान्य गति खो सकता है; होंठो के जल जाने से दांत बाहर नज़र आने लगते हैं। बोलना और खाना मुश्किल हो सकता है
  • ठोड़ी और गले पर तेज़ाब पड़ने से त्वचा झुलस जाती है और गर्दन अपनी सामान्य गति खो देती है
  • तेज़ाब की वाष्प के साँस के साथ अन्दर जाने के कारण पीड़ित को साँस की समस्याएँ हो सकती हैं। नासिका और ग्रासनली भी प्रभावित हो सकती है

इन समस्याओं के अलावा भी तेज़ाब हमले के पीड़ितों को कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा घटना और उसके बाद की शरीर की स्थिति व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ पर तो गहरा असर डालती ही है। ऐसी घटनाएँ व्यक्ति की पूरी ज़िन्दगी को उलट-पुलट कर रख देती हैं।

अंत में…

तेज़ाब हमले से प्रभावित व्यक्ति विकलांगता प्रमाण पत्र बनवा कर आरक्षण का लाभ ले सकते हैं। यह जानना और इस जानकारी को साझा करना तो ज़रूरी है ही — लेकिन, तेज़ाब हमले जैसे घृणित अपराध के प्रति जागरूक और सतर्क रहना भी आवश्यक है। अपने आस-पास यदि ऐसे किसी अपराध को रोकने में आप सक्षम हों तो अवश्य ऐसी घटनाओं को रोकें और पीड़ित की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहें। हमले के बाद यदि शीघ्र चिकित्सीय सहायता मिल जाए तो शरीर को अधिक क्षति से बचाया भी जा सकता है।

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