woman in wheelchair shopping in market

आप तो पहले से ही…

जाने क्यों लोग विकलांग व्यक्तियों को हमेशा दीन-हीन ही मानते हैं या दीन-हीन रूप में ही देखना चाहते हैं!? उनके प्रति झूठी हमदर्दी और तरस दिखाते हैं! पता नहीं कब वे जानेंगे और मानेंगे कि विकलांग लोगों को उनकी झूठी तो छोड़ो सच्ची हमदर्दी और तरस भी नहीं चाहिए। यदि कुछ चाहिए तो वह है सिर्फ़ –“समानता का नज़रिया”।

woman on crutches in her kitchen

पश्चाताप – हिमांशु कुमार सिंह

संजीव अक्सर अपने भाग्य को कोसता और सोचता कि आखिर उसकी शादी एक अपाहिज महिला से क्यों की गई? कुछ रिश्तेदारों ने तो यह नसीहत दे डाली की इस अपाहिज को छोड़ कर दूसरी शादी कर लो।

sad disabled woman

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

इस समय जो भी दोस्त, रिश्तेदार भावना से मिलने आते थे वे उसके परिवार वालों से यही कहते थे कि लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद हो गई है। अब एक पैर न होने की वजह से उसके लिए कोई रिश्ता नहीं आएगा

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भारत-श्रीलंका व्हीलचेयर क्रिकेट मैच

वैसे तो इस व्हीलचेयर क्रिकेट मैच में सब कुछ था लेकिन दर्शकों का अभाव बहुत था। आयोजकों, प्रायोजकों, और आमंत्रित अतिथिगण को मिलाकर मुश्किल से 250-300 लोग ही होंगे।

autism spectrum disorder written in Hindi using various colors

अयान की अनोखी दुनिया: संघर्ष, स्वीकार्यता और अद्वितीय प्रतिभा

डॉक्टर अयान की इतनी सारी खूबियों को ऑटिज्म का नाम देते हैं। पर अयान दुनिया के दिए नामों से अनजान अपनी ही दुनिया में ख़ुश है। और सही मायने में जीवन वही सार्थक है जब व्यक्ति अंदर से ख़ुश हो।

woman riding modified scooty on Indian road

कार से स्कूटी तक का सफ़र

मैं कहीं भी आने-जाने के लिए हमेशा दूसरों पर निर्भर रहती थी। चाहे विद्यार्थी जीवन रहा, कॉलेज के दिन या ट्रेनिंग के दिन, मुझे आने-जाने के लिए हमेशा किसी के साथ की ज़रूरत पडती थी। जहाँ शादी से पहले यह साथ मेरे पापा ने दिया, वहीं शादी के बाद यह ज़िम्मेदारी मेरे पति के कंधों पर आ गयी।

wheelchair user enjoying view in the hills

निस्वार्थ भाव का एक रिश्ता जो मुझे सदा याद रहेगा

इस यात्रा पर इतने अनजान लोगों के बीच रहते हुए भी मुझे यह अहसास हुआ कि विकलांगता पर थोड़ी-सी ही सही पर मैंने शायद कुछ विजय प्राप्त कर ली है।

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क्या अब भी हम मानव हैं?

आपने कई स्थानों पर देखा होगा कि यदि कोई किसी अनजान व्यक्ति से ग़लती से टकरा जाये तो सामने वाला गाली के रूप में कहता है “अँधा है क्या?” या किसी साधारण से कार्य को करने में ग़लती हो जाये तब सामने वाला गाली के रूप में कहता है “पागल है क्या?”

blissful future for disabled people

सब हो जाएगा

इस पूरे सफर में मैं सभी के चेहरों पर कुछ ढूँढ़ रही थी और जिसे न पाकर मैं बहुत खुश थी। पता है क्या…? वह थी—वह शिकन और असहजता जो अधिकतर किसी विकलांग व्यक्ति की मौज़ूदगी में गैर-विकलांग व्यक्तियों के चेहरे पर उभर आती है। वे लाख चाह कर भी अपनी असहजता को छुपा नहीं पाते; लेकिन मैं खुश थी कि इस “प्यारे अनुभव के सफर” में वह असहजता और शिकन मुझे कहीं नहीं मिली।

photograph of subhash r prajapati, the founder of svdaa

सुभाष रामदीन प्रजापति: विकलांगता के बावजूद एक सफल उद्यमी

सुभाष रामदीन प्रजापति पोलियो से प्रभावित एक विकलांग व्यवसायी हैं। आपने Svdaa नामक एक कम्पनी की स्थापना की है जो सौन्दर्य प्रसाधनों का निर्माण करती है।

woman on crutches at a picnic

वहाँ सबने मेरी सुविधा का ख़्याल रखा

समाज अपनी सोच में थोड़ा बदलाव करे अपनी व्यवस्थाओं को थोड़ा-सा हमारे हिसाब से भी बदले तो पूरी दुनिया ही बहुत खूबसूरत हो सकती है और विकलांगों के संघर्ष बहुत हद तक कम किए जा सकते हैं।

friends helping a wheelchair user enjoying view in the hills

विकलांगता और मेरे दोस्तों का साथ

मैं पिछले 13-14 साल से स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का एक पेशेंट हूँ। फ़िलहाल मैं दो वर्ष पहले हुई मेरी स्पाइन सर्जरी के वक़्त दोस्तों द्वारा की गई मदद के बारे मे बताना चाहूँगा।

A woman wearing leg braces on both legs and sitting on a bench

एक विकलांग व्यक्ति जब अपने शरीर से लड़ता-लड़ता थक जाता है…

विवाह के पश्चात जहाँ सबकी परिस्थितियाँ बदल जाती है, वहीं विकलांगजन को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ख़ासकर तब अगर वह एक लड़की है। विवाह के बाद नये घर में जाना, वहाँ सबके साथ तालमेल बिठाना, नए माहौल में सामंजस्य बिठाना उसके लिए किसी पहाड़ पर चढ़ने से कम नहीं होता। जाने अनजाने में किये गए कटाक्ष उसके हृदय को चीर देते हैं।