दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की विशेषताएँ

rpwd act 2016 hindi

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 (R.P.W.D. Act 2016) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 253 के तहत बनाया गया एक कानून है। भारत को एक ऐसे अधिनियम की बहुत ज़रूरत थी क्योंकि यहाँ इसके पूर्व ऐसा कोई विस्तृत कानून नहीं था जो विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को सुनिश्चित करे और उन्हें लागू करवा सके।

हर विकलांग व्यक्ति को इस अधिनियम और इसके माध्यम से दिये गये अधिकारों के विषय में जानकारी रखनी चाहिए। इस आलेख में हमने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 से जुड़े कुछ मुख्य बिन्दुओं की चर्चा की है और साथ ही यहाँ इस अधिनियम का पीडीऍफ़ दिया गया है जिससे आप इस अधिनियम को और विस्तार से समझ सकते हैं।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 (हिन्दी पी.डी.एफ़.)

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016

  • इस अधिनियम को विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर यू.एन.सी.आर.पी.डी. के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए लाया गया था।
  • इस अधिनियम का मसौदा विधेयक (ड्राफ्ट बिल) 2011 में बनाया गया था।
  • विधेयक राज्य सभा द्वारा 14 दिसम्बर 2016 और लोक सभा द्वारा 17 दिसम्बर 2016 को पारित किया गया था।
  • दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 30 दिसम्बर 2016 से लागू हो गया था।
  • इसने विकलांग व्यक्ति अधिनियम 1995 का स्थान लिया है।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

lawutsmart.com के अनुसार इस अधिनियम को एक विस्तृत अधिनियम माना जाता है जिसका उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को समानता का अधिकार देना है। अधिनियम के अंतर्गत शामिल कुछ मुख्य बातें नीचे बिन्दुवार दी गई हैं:

  • इस अधिनियम के मुताबिक़ यदि कोई व्यक्ति किसी विकलांगजन को सार्वजनिक तौर पर अपमानित करता है या अपमानित करने के ध्येय से कुछ कहता है तो उसे इस अपराध के लिए उसे कारावास का दंड भी दिया जा सकता है।
  • विकलांगजन के लिए रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के लिए इस अधिनियम ने आरक्षण कोटा को 3% से बढ़ा कर 4% कर दिया है। इसका तात्पर्य है कि सरकारी विभाग की नौकरियों में विकलांग लोगों के लिए 4% का आरक्षण होगा।
  • इस अधिनियम में विकलांगजन के लिये विशेष न्यायलयों का प्रावधान किया गया है। ये न्यायालय जिले में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के उलंघन के मामलों में न्याय देंगे।
  • भारत में बहुत बड़ी तादाद में विकलांग बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पाती। इस अधिनियम ने 6 साल से 18 साल तक के विकलांग बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया गया है।
  • राज्य सरकारें विकलांग व्यक्तियों से जुड़े मुद्दों के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन करेंगी।
  • विकलांगता मुख्य आयुक्त और राज्य आयुक्त कार्यालयों के अधिकार बढ़ा दिए गए हैं।
  • केंद्रीय और राज्य स्तर पर शीर्ष नीति-निर्माण निकाय के रूप में broad-based केंद्रीय और राज्य सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा।
  • तेज़ाब हमले के पीड़ितों को विकलांग सूची में शामिल किया गया है। दुर्भाग्यवश भारत में पिछले कुछ वर्षों से तेज़ाब हमले के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इन हमलों के कारण अक्सर लड़कियाँ और महिलाएँ (और कभी-कभी पुरुष भी) गंभीर रूप से विकृत/अक्षम हो जाती हैं।
  • बौनेपन और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को भी विकलांगता की एक अलग श्रेणी के रूप में शामिल किया गया है।
  • थैलेसीमिया, हीमोफिलिया और सिकल सेल रोग — इन तीन रक्त विकारों को भी विकलांगता की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
  • विकलांगता की श्रेणियाँ अब 7 से बढ़ा कर 21 कर दी गई हैं। केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि भविष्य में इसमें और श्रेणियों को सम्मिलित किया जा सके। फिलहाल निम्नलिखित 21 प्रकार की विकलांगताएँ आधिकारिक सूची में शामिल हैं:
  • विकलांग व्यक्तियों की सहायता के लिए केन्द्रीय और राज्य-स्तरीय निधि का निर्माण किया जाएगा।
  • सार्वजनिक इमारतों (सरकारी एवं निजी दोनों) को एक निश्चित समय सीमा के भीतर सुगम (accessible) बनाने पर ज़ोर दिया गया है।

आशा है कि इस आलेख ने आपको दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का ख़ाका समझने में मदद की होगी। आप दिए गए पीडीऍफ़ से इसको और विस्तार से समझ सकते हैं और यदि मन में कोई सवाल या शंका हो तो यहाँ कमेंट में पूछ भी सकते हैं। हम यथोचित जवाब देने का प्रयास करेंगे।

Notify of
guest

17 Comments
Oldest
Newest
Inline Feedbacks
View all comments
M.vijayalakshmi
M.vijayalakshmi
1 year ago

बहुत से ऐसे विकलांग बच्चे हैं जिनकी माता-पिता छोड़कर दूसरे शादी कर चुके हैं और उनके नाना नानी या दादा दादी देख रहे हैं मैं एक घर गई थी वहां पर एक दादी दादी दोनों का पैर टूटा हुआ है और बच्चा जो है 12 13 साल का है उनका आईडी इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी है अब उनके दादा-दादी परेशान है अगर हम दोनों को कुछ हो गया तो इन बच्चा का कौन ख्याल रखेंगे और यहां पर ऐसा विकलांगों का कोई संस्था ही नहीं है जिसे उसे रखा जाए इन बच्चों का क्या किया जाए?

Neetu
Neetu
9 months ago

बच्चा है तो उसे शेल्टर होम भेज सकते हैं या फिर बाल कल्याण समिती इसके लिए रास्ता बता देगी

Govind Ram
Govind Ram
1 year ago

सर नमस्कार क्या टेंपरेरी सर्टिफिकेट वाले दिव्यांग भी नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं

Satya
Satya
1 year ago

सर, कुछ दिन पहले एक घटना हुई जिसमें कुछ लोगों ने एक दोनों पैरों से दिव्यांग व्यक्ति को लात मारी और गालीगलोच भी की। परन्तु पुलिस से शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। मेरा आपसे प्रश्न है कि वह किस एक्ट और किन धाराओं में केस दर्ज कराए और कैसे पीड़ित को न्याय मिले।

Sanjay
Sanjay
11 months ago

सर…मेरा आधा शरीर पतला एवं कमजोर हैं..जबकी आधा सामन्य हैं…..गोर से देखने पर पता चल जाता है…क्या यह विकलांगता की श्रेणी में आता है

ज्ञानेन्द्र प्रकाश
ज्ञानेन्द्र प्रकाश
9 months ago

सरजी नमस्कार, मैं दिव्यांग(विकलांगता 85%) हूँ. बैंक सर्विस के पहले और सर्विस के समय लगातार विकलांग पेंशन मिलता रहा. बैंक से रिटायर्ड होने के बाद फैमिली पेंशन और नियोक्ता द्वारा पेंशन मिल रहा है. क्या सरकार के तरफ से दिव्यांग को मिलने वाला पेंशन मुझे मिल सकता है ? धन्यवाद. ज्ञानेन्द्र प्रकाश.

Prakash Singh Jalal
Prakash Singh Jalal
7 months ago

Dear sir, मेरा भतीजा 12 साल का हो गया है कक्षा 7 में पढ़ रहा है लेकिन पढ़ना लिखना बिलकुल नहीं आता है, उसको कान, आंख, बोलने की समस्या है अभी तक स्कूल वाले उसको पास कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी उसकी समस्या नहीं देखी, ना ही उसको कहीं दिखाने को बोला गया, वह अपने दादा दादी के साथ रहता है उसको स्कूल में बच्चे गाली सीखा देते हैं जिसका मतलब उसको नहीं होता है और वह घर पर भी वही बोल देता है। हमने बहुत से डॉक्टरों को दिखाया लेकिन किसी ने भी उसकी इस समस्या को नहीं जाना सिर्फ दवाई दी गई। कृपया मुझे इसके बारे में गाइड करने का कष्ट करें

ब्रजेश कुमार
ब्रजेश कुमार
5 months ago

सर एक महिला है जिसका एक ओवरी और यूटरस नही है जिस कारण वो मां नही बन सकती क्या वो दिव्यांगता की श्रेणी में आ सकती है कृपया रिप्लाई करेंगे।

नरेश कुमार मीना
नरेश कुमार मीना
4 months ago

ब्रेन ट्यूमर कैंसर रोग भी विकलांगता की श्रेणी में आता है क्या

Jitender
Jitender
4 months ago

इस एक्ट मे फ्री एजुकेशन का भी प्रावधान है। क्या फ्री एजुकेशन देने के लिए प्राइवेट स्कूल भी बाध्य है?

राकेश पाटीदार
राकेश पाटीदार
3 months ago

सर 40% से कम दिव्यांगता होने पर संबंधित दिव्यांगजन को शासन स्तर से किसी भी प्रकार की सुविधा का लाभ नहीं मिलने के कारण उनके माता-पिता अपने बच्चों को शिविरों में नहीं लाते हैं। क्योंकि वे अपने बच्चों को दूरस्थ स्थान से लेकर आते हैं और उनको कुछ भी नहीं मिलता। इसलिए वे बच्चों को ना तो शिविर में लाते हैं और न ही शालाओं में बच्चों को दिव्यांग कि श्रेणी में रखना चाहते है। और राज्य जिले स्तर से एमआरसी से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाता है कि शिविर में बच्चे उपस्थित क्यों नहीं हुए। बच्चों की काम उपस्थिति का कारण यही है। मार्गदर्शन देवे की शिविर में बच्चों की उपस्थिति कैसे बढ़ाएं।

Naresh kumar jind 97291 11066
Naresh kumar jind 97291 11066
3 months ago

श्री मान जी, जो नये राशन डिपो खुलने हैं उनमें विकलांगता ऐक्ट के अनुसार विकलांगों को 4% का आरक्षण मिलना चाहिए। ताकि उन्हें भी रोजगार प्राप्त हो सके।

Naresh kumar jind 97291 11066
Naresh kumar jind 97291 11066
3 months ago

सर बैट्री चालित रिक्शा कितने प्रतिशत विकलांग को मिलती है? कृपया बताएँ। हमारे यहाँ ये 80 से 100% वाले विकलांग को ही दे रहे हैं। जबकि अन्य विकलांग हैं, उन्हें भी तो अन्य काम करने पड़ते हैं। और कोई वाहन वे चला नहीं सकते।

Sumit Kumar
Sumit Kumar
2 months ago

सर थैलेसीमिया डिसेबिलिटी तो है कौन सी कैटेगरी में आती है जैसे कोई गवर्नमेंट फॉर्म फिल करो तो वह पूछता है VI,HI,OH,LD,MD,HH ऐसे करके यह कौन सी (कैटेगरी) में श्रेणी में आती है

Deepak kishore
Deepak kishore
2 months ago

बहुत ही उपयुक्त जानकारी…. ज्ञान और समझ के लिए सही है.

17
0
आपकी टिप्पणी की प्रतीक्षा है!x
()
x