सेरिब्रल पाल्सी या मस्तिष्क पक्षाघात बचपन में सबसे अधिक होने वाली विकलांगताओं में से एक है। डॉक्टर एड्विन डायस के अनुसार भारत में हर 1,000 बच्चों में से 3 बच्चे सेरिब्रल पाल्सी या सी.पी. से प्रभावित हैं। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में भी सी.पी. प्रभावित बच्चों का अनुपात लगभग यही है। ऑस्ट्रेलिया में प्रति 700 में 1 बच्चा इससे प्रभावित होता है।
इस आलेख में आइये समझते हैं सेरिब्रल पाल्सी क्या है; इसके लक्षण क्या होते हैं और यह विकलांगता किस-किस प्रकार से प्रभावित कर सकती है।
सेरिब्रल पाल्सी क्या है
सेरिब्रल पाल्सी या मस्तिष्क पक्षाघात एक अक्षम करने वाली शारीरिक स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की क्षति के कारण मांसपेशियों का समन्वय बिगड़ जाता है। मांसपेशियों की ऐच्छिक गति के प्रभावित होने के कारण सेरिब्रल पाल्सी चलन-सम्बन्धी विकलांगता का कारण बनती है।
सेरिब्रल पाल्सी का कारण बनने वाली मस्तिष्क की क्षति गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के वक़्त या जन्म के तुरंत बाद होती है। यह क्षति अलग-अलग बच्चों पर अलग-अलग प्रभाव डालती है। जीवनपर्यंत रहने वाली यह स्थिति प्रभावित व्यक्ति के शरीर की गति, मांसपेशियों पर नियंत्रण, उनका समन्वय, मुद्रा तथा संतुलन पर असर डालती है।
सेरिब्रल पाल्सी प्रगतिशील नहीं होती अर्थात वक़्त के साथ इसकी तीव्रता नहीं बढ़ती है। हालाँकि मांसपेशियों के इस्तेमाल न होने के कारण कुछ मांसपेशियाँ वक़्त के साथ और अधिक कमज़ोर हो सकती हैं।
सेरिब्रल पाल्सी से प्रभावित व्यक्तियों में कई बार दृष्टि-दोष, चलने, सुनने या बोलने में तकलीफ़, मिर्गी या बौद्धिक विकलांगता जैसी स्थितियाँ भी देखने को मिलती हैं।
सेरिब्रल पाल्सी के प्रकार
यह बात गौरतलब है कि सेरिब्रल पाल्सी ऐसे विकारों का एक समूह है जिसमें जन्म के पहले या जन्म के वक़्त मस्तिष्क में हुई क्षति के कारण व्यक्ति की गति, संतुलन और शारीरिक मुद्रा प्रभावित होती है। सेरिब्रल पाल्सी के चार प्रकार होते हैं।
- स्पास्टिक सेरिब्रल पाल्सी – यह सबसे सामान्य सेरिब्रल पाल्सी है। सेरिब्रल पाल्सी के कुल मामलों में 70% लोग स्पास्टिक सेरिब्रल पाल्सी से प्रभावित होते हैं। इसमें मांसपेशियों में अकड़न के कारण व्यक्ति को अपने काम करने, खाने और बोलने में परेशानी होती है।
- एथेटॉइड सेरेब्रल पाल्सी – क़रीब 10 से 20 प्रतिशत सेरिब्रल पाल्सी के मरीज़ एथेटॉइड सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित हैं। इसमें व्यक्ति के हाथों और पैरों में झटके लगने जैसे अनैच्छिक मूवमेंट होते हैं जिस पर प्रभावित व्यक्ति का कोई वश नहीं होता।
- एटैक्सिक सेरेब्रल पाल्सी – क़रीब 10 प्रतिशत सेरिब्रल पाल्सी से प्रभावित व्यक्ति एटैक्सिक सेरेब्रल पाल्सी के साथ जी रहे होते हैं। इनके हाथों व पैरों मैं ऐच्छिक हरकत तो होती है लेकिन कुछ भी करते हुए उन्हें झटके महसूस होते हैं। इसी कारण जिन कामों में मांसपेशियों की हरकत पर पूरे नियंत्रण की ज़रूरत होती है उन्हें करने में ये सक्षम नहीं होते।
- मिश्रित सेरिब्रल पाल्सी – ऐसे लोग जिनमें एक से अधिक तरह के सेरिब्रल पाल्सी या मस्तिष्क पक्षाघात के लक्षण नज़र आते हैं उन्हें मिश्रित की श्रेणी में रखा जाता है।
सेरिब्रल पाल्सी के लक्षण
हालांकि सेरिब्रल पाल्सी एक लाइलाज स्थिति है लेकिन सही वक़्त पर चिकित्सीय सहायता से प्रभावित बच्चे को कुछ अधिक आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि बढ़ते बच्चों के विकास पर ध्यान दिया जाए और सेरिब्रल पाल्सी के लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ की सलाह ली जाए।
छः माह से कम आयु के बच्चे
- पीठ के बल सोते हुए से उठाएँ तो सर पीछे की और झुक जाता है
- उसका शरीर अकड़ा हुआ महसूस होता है
- वह निष्क्रिय-सा महसूस होता है
- गोद में उठाने पर उसकी पीठ और सिर अकड़े हुए से लगते हैं जैसे वह आपसे दूर रहने की कोशिश कर रहा हो
- गोद में उठाने पर उनके पैर अकड़ जाते हैं और कैंची की तरह क्रॉस हो जाते हैं
छः माह से अधिक आयु के बच्चे
- किसी भी दिशा में बच्चा पलटता नहीं है
- दोनों हाथ एक साथ नहीं ला पाता
- अपने हाथों को अपने मुँह तक ले जाने में परेशानी होती है
- किसी चीज़ को लेने के लिए बच्चा एक ही हाथ बढ़ाता है और दूसरे हाथ की मुट्ठी भींचे रहता है
दस माह से अधिक आयु के बच्चे
- बच्चे का घुडकने या चलने का तरीका एक और झुका हुआ रहता है। एक हाथ और पैर का इस्तेमाल तो वह आगे बढ़ने के लिए करता है और दूसरा घिसटता हुआ महसूस होता है।
- वह अपने नितम्बों के बल पर खुद को घसीटता है या घुटनों पर उछलता है लेकिन चारों हाथ-पैर का इस्तेमाल करके बाकी बच्चों की तरह नहीं घुड़कता।
यदि आपको अपने बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण नज़र आये तो शिशु विशेषज्ञ को यह बात बताना बिलकुल न भूलें।
सेरिब्रल पाल्सी: कुछ तथ्य
- भारत में 1,000 में से 3 बच्चे सेरिब्रल पाल्सी से प्रभावित हैं।
- सेरिब्रल पाल्सी में मस्तिष्क का सेरिबैलम नाम का भाग क्षतिग्रस्त होता है। सेरिबैलम से ही सेरिब्रल पाल्सी नाम की उत्पति हुई है।
- इस स्थिति से प्रभावित 40% व्यक्तियों के शरीर के आधे भाग में मांसपेशियों की गति प्रभावित हो जाती है।
- यह एक ताउम्र रहने वाली विकलांगता है जिसका अब तक कोई इलाज नहीं ढूँढा जा सका है।
- प्रगतिशील न होते हुए भी यह विकलांगता वक़्त के साथ बढ़ सकती है और बुढ़ापे के लक्षण भी जल्दी आ सकते हैं।
- सेरिब्रल पाल्सी के कारण होने वाली विकलांगता की तीव्रता का सबसे सही अनुमान 2 वर्ष की आयु में लगाया जा सकता है।
- पुनर्वास, व्यायाम आदि के बिना सेरिब्रल पाल्सी प्रभावित व्यक्ति की शारीरिक स्थिति तेज़ी से बिगड़ सकती है।
अंत में…
सेरिब्रल पाल्सी जैसी स्थितियों से बेहतर तरीके से निबटने के लिए उचित जानकारी सबसे अधिक आवाश्यक है। यदि आप जागरूक हैं तो अपने आस-पास कितने ही बच्चों को एक बेहतर भविष्य देने में सहायक हो सकते हैं। इस आलेख को पढ़ कर आपने जागरूक होने की पहल कर दी है अब आप इसे अपने परिचितों से साझा कर के जागरूकता फैलाने में अपना स्वर्णिम योगदान दे सकते हैं।
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