अपने जैसे लोग
यदि एक साथ रहते हुए भी, तुम एक-दूसरे को ही नहीं जानते/समझते, तो बाहर दुनिया में अपने जैसे लोगों को क्या ही समझ पाओगे? जब तक एक-दूसरे को समझोगे ही नहीं, तब तक तुम्हें ऐसा लगेगा कि तुम्हारा दर्द ही सबसे बड़ा दर्द है। दुनिया में अकेले सिर्फ़ तुम ही संघर्ष कर रहे हो।