सिविल सेवा या यू.पी.एस.सी. परीक्षा में PwBD 1, 2, 3, 4, और 5 क्या है?
सिविल सेवा या यू.पी.एस.सी. परीक्षा के संदर्भ में PwBD 1, PwBD 2, PwBD 3, PwBD 4, और PwBD 5 श्रेणियों का अर्थ समझिये।
सिविल सेवा या यू.पी.एस.सी. परीक्षा के संदर्भ में PwBD 1, PwBD 2, PwBD 3, PwBD 4, और PwBD 5 श्रेणियों का अर्थ समझिये।
नूपुर शर्मा अपने एक अनुभव को साझा करते हुए सामान्यजन से यह अपील कर रही हैं कि वे विकलांगजन के प्रति संवेदनशील और सहनशील बनें।
नूपुर शर्मा बता रही हैं कि विकलांगजन की कल्पनाओं की दुनिया कैसी होती है और क्यों वह दुनिया वास्तविकता में नहीं बदलती।
जानिये कि सिविल सेवा परीक्षा, जिसे आमतौर पर आई.ए.एस. की परीक्षा कहा जाता है, में विकलांगजन को कौन-सी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में स्क्राइब व अतिरिक्त समय के जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर इस आलेख में दिये गये हैं।
पार्किंसंस रोग वृद्धावस्था में विकलांगता उत्पन्न होने का एक बड़ा कारण है। संजीव शर्मा इस रोग के लक्षण, निदान, उपचार और मैनेजमेंट के बारे में बता रहे हैं।
देश व दुनिया के पहले मूक-बधिर क्रिकेटर जिन्हें बाबा सिद्धाये और पैंथर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबा सिद्धाये इकबाल (2005) फ़िल्म के पीछे की प्रेरणा हैं।
कुछ ऐसे व्यवहारिक तरीके जिनसे हमारे मन में सकारात्मकता आती है और हमें आगे बढ़ने, निराशा से उबरने और जीवन में रचनात्मकता लाने में मदद मिलती है।
यदि एक साथ रहते हुए भी, तुम एक-दूसरे को ही नहीं जानते/समझते, तो बाहर दुनिया में अपने जैसे लोगों को क्या ही समझ पाओगे? जब तक एक-दूसरे को समझोगे ही नहीं, तब तक तुम्हें ऐसा लगेगा कि तुम्हारा दर्द ही सबसे बड़ा दर्द है। दुनिया में अकेले सिर्फ़ तुम ही संघर्ष कर रहे हो।
भारत सरकार द्वारा दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 में सूचीबद्ध 21 प्रकार की विकलांगता के नाम, कारण व लक्षण
एक ही चीज़ को देखने के अनेक दृष्टिकोण हो सकते हैं। व्हीलचेयर पर बैठी, बड़े-बड़े पंखो वाली एक बैले नर्तकी की तस्वीर के बारे में नूपुर शर्मा बता रही हैं अपना नज़रिया।
विकलांगजन को भारत में प्राप्त कानूनी अधिकार। अपने अधिकारों की रक्षा के लिये आवाज़ उठाना आवश्यक है अन्यथा किसी को आपके अधिकार के बारे में पता भी नहीं चल पाएगा।
विकलांगजन को अपने स्वास्थ्य का विशेष-रूप से ध्यान रखना चाहिये। इसमें संतुलित भोजन का बहुत अधिक योगदान है।
समाज की विकलांगजन से किस तरह की अपेक्षाएँ होती हैं इसके बारे में नुपूर शर्मा विस्तार से बता रही हैं। कई बार समाज की नकारात्मक अपेक्षाओं के कारण विकलांग व्यक्ति अपना जीवन खुल कर नहीं जी पाता और अपने लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाता।
विकलांगजन भारत में भले ही सिर्फ़ 2% हों लेकिन हम अपने आप में एक पूरा देश हैं। हम जनसंख्या में लगभग 56 देशों से बड़ा देश हैं। फिर भी हमें नज़रअंदाज़ करने देने का क्या कारण है? क्या विकलांगजन को इसलिये नज़र-अंदाज़ कर दिया जाता है क्योंकि वे अल्पसंख्यक हैं?