वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 37% विकलांगजन ही रोज़गार प्राप्त कर पाते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि विकलांग व्यक्तियों में बेरोज़गारी की दर बहुत अधिक है। विकलांगता से जुड़े कई मिथकों के कारण लोग विकलांग व्यक्तियों को रोज़गार देने से कतराते हैं। इसके अलावा असंख्य अभिगम्यत्ता समस्याएँ (एक्सेसिबिलिटी इश्यूज़) भी हैं। भारत में ज्यादातर सार्वजनिक इमारतें सुगम्य नहीं हैं। इस कारण कई विकलांग व्यक्ति अपना बिज़नेस शुरू करके आत्मनिर्भर होना चाहते हैं — लेकिन बिज़नेस शुरू करने के लिए ज़रूरी शुरूआती पैसा प्राप्त करना भी एक चुनौती है। विकलांग व्यक्तियों के लिए निज़ी क्षेत्र से व्यापार के लिए ऋण लेना आसान काम नहीं है।
विकलांग व्यक्तियों की इस समस्या का कुछ हद तक समाधान करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (एन.एच.एफ़.डी.सी) का गठन किया है। यह संगठन भारत में विकलांग व्यक्तियों को बिज़नेस लोन देने का काम करती है। इनका मुख्य उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए विकलांग व्यक्ति लोन कैसे ले सकता है?
पात्रता
एन.एच.एफ.डी.सी से ऋण प्राप्त करने के लिए, विकलांग व्यक्ति को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- व्यक्ति भारतीय नागरिक हो
- आवेदक को बेंचमार्क विकलांगता हो
- आवेदक की उम्र 18 से 60 के बीच हो
- व्यक्ति की सालाना आय शहरी क्षेत्र में 5 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 3 लाख से कम हो
- आवेदक जिस बिज़नेस के लिए लोन लेना चाहता है उस बिज़नेस को करने की उसमें योग्यता / विशेषज्ञता होनी चाहिए
यह लोन किस प्रकार के बिज़नेस के लिए उपलब्ध होगा?
किसी भी प्रकार के आर्थिक रूप से व्यवहारिक और आय उत्पन्न करने वाले बिज़नेस आईडिया पर विचार किया जाएगा और सभी शर्तों के पूरा होने पर लोन मिल सकता है।
व्यक्ति बिज़नेस के लिए कितने रुपये तक का लोन ले सकता है?
- सेवा या व्यापर क्षेत्र में लघु व्यवसाय – 3 लाख रुपये तक का लोन
- लघु औद्योगिक इकाई – 5 लाख तक का लोन
- भारत में विकलांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा / प्रशिक्षण – 10 लाख रुपये तक का लोन
- विदेशों में विकलांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा / प्रशिक्षण – 20 लाख रुपये तक का लोन
- कृषि गतिविधियाँ – 5 लाख रुपये तक का लोन
मानसिक विक्षिप्तता, सेरिब्रल पाल्सी और ऑटिज्म वाले व्यक्तियों को स्वरोजगार के कार्यों के लिए 3 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। एक पराश्रित मानसिक विकलांग व्यक्ति के माता-पिता, जीवनसाथी, या क़ानूनी अभिभावक को ऋण की राशि दी जा सकती है।
लोन पर लगने वाली ब्याज़ दर
- 50 हज़ार तक के लोन पर 5% ब्याज़
- 50 हज़ार से 5 लाख तक के लोन पर 6% ब्याज़
- 5 लाख के ऊपर के लोन पर 8% ब्याज़
ऋण चुकाने की समय-सीमा
आवेदक को अपना ऋण चुकाने / लोन वापस करने के लिए अधिकतम 10 वर्ष का वक़्त दिया जाएगा।
आवेदन कैसे करें?
एन.एच.एफ़.डी.सी लोन के लिए आवेदन एक निर्धारित प्रारूप में राज्य स्तरीय चैनेलाइज़िन्ग एजेंसी के माध्यम से जमा करनी होगी। 3 लाख रुपये तक का बिज़नेस लोन ये चैनेलाइज़िन्ग एजेंसी / बैंक ही दे सकते हैं। 3 लाख रुपये से ऊपर के लोन सीधे एन.एच.एफ़.डी.सी ही देगा।
आवेदन पंजाब और सिंध बैंक या ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स के माध्यम से भी जमा किया जा सकता है।
अधिक जानकारी
अधिक जानकारी के लिए आप संपर्क कर सकते हैं –
राष्ट्रीय विकलांग वित्त और विकास निगम (एन.एच.एफ़.डी.सी)
(सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय)
रेड क्रॉस भवन, सेक्टर – 12, फरीदाबाद – 121007
फ़ोन: (0129) 2287512, 2287513, 2226910
टेली फैक्स: (0129) – 2284371
ईमेल: nhfdc97@gmail.com
Kya mujhe viklangta ke aadhar par apna vyvsay ke liye lon mil skta ha
सर मैं फ़िज़िकल हैण्डीकैप हूँ, बिज़नेस करना चाहती हूँ।