Author name: गेस्ट लेखक

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मैं कई बार अकेला महसूस करता हूँ

शायद, एक दिन, मैं इन बीमारियों पर विजय पाकर अपनी ज़िंदगी में कुछ अर्थपूर्ण कर पाऊँ जिससे मैं अपनी और अपने जैसे अन्य लोगों की कुछ मदद कर पाऊं ताकि हम सब मिलकर इस कठिन यात्रा को थोड़ा आसान बना सकें और एक-दूसरे को सहारा दे सकें।

sad disabled woman

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

इस समय जो भी दोस्त, रिश्तेदार भावना से मिलने आते थे वे उसके परिवार वालों से यही कहते थे कि लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद हो गई है। अब एक पैर न होने की वजह से उसके लिए कोई रिश्ता नहीं आएगा

autism spectrum disorder written in Hindi using various colors

अयान की अनोखी दुनिया: संघर्ष, स्वीकार्यता और अद्वितीय प्रतिभा

डॉक्टर अयान की इतनी सारी खूबियों को ऑटिज्म का नाम देते हैं। पर अयान दुनिया के दिए नामों से अनजान अपनी ही दुनिया में ख़ुश है। और सही मायने में जीवन वही सार्थक है जब व्यक्ति अंदर से ख़ुश हो।

woman riding modified scooty on Indian road

कार से स्कूटी तक का सफ़र

मैं कहीं भी आने-जाने के लिए हमेशा दूसरों पर निर्भर रहती थी। चाहे विद्यार्थी जीवन रहा, कॉलेज के दिन या ट्रेनिंग के दिन, मुझे आने-जाने के लिए हमेशा किसी के साथ की ज़रूरत पडती थी। जहाँ शादी से पहले यह साथ मेरे पापा ने दिया, वहीं शादी के बाद यह ज़िम्मेदारी मेरे पति के कंधों पर आ गयी।

wheelchair user enjoying view in the hills

निस्वार्थ भाव का एक रिश्ता जो मुझे सदा याद रहेगा

इस यात्रा पर इतने अनजान लोगों के बीच रहते हुए भी मुझे यह अहसास हुआ कि विकलांगता पर थोड़ी-सी ही सही पर मैंने शायद कुछ विजय प्राप्त कर ली है।

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क्या अब भी हम मानव हैं?

आपने कई स्थानों पर देखा होगा कि यदि कोई किसी अनजान व्यक्ति से ग़लती से टकरा जाये तो सामने वाला गाली के रूप में कहता है “अँधा है क्या?” या किसी साधारण से कार्य को करने में ग़लती हो जाये तब सामने वाला गाली के रूप में कहता है “पागल है क्या?”

woman on crutches at a picnic

वहाँ सबने मेरी सुविधा का ख़्याल रखा

समाज अपनी सोच में थोड़ा बदलाव करे अपनी व्यवस्थाओं को थोड़ा-सा हमारे हिसाब से भी बदले तो पूरी दुनिया ही बहुत खूबसूरत हो सकती है और विकलांगों के संघर्ष बहुत हद तक कम किए जा सकते हैं।

friends helping a wheelchair user enjoying view in the hills

विकलांगता और मेरे दोस्तों का साथ

मैं पिछले 13-14 साल से स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का एक पेशेंट हूँ। फ़िलहाल मैं दो वर्ष पहले हुई मेरी स्पाइन सर्जरी के वक़्त दोस्तों द्वारा की गई मदद के बारे मे बताना चाहूँगा।

A woman wearing leg braces on both legs and sitting on a bench

एक विकलांग व्यक्ति जब अपने शरीर से लड़ता-लड़ता थक जाता है…

विवाह के पश्चात जहाँ सबकी परिस्थितियाँ बदल जाती है, वहीं विकलांगजन को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ख़ासकर तब अगर वह एक लड़की है। विवाह के बाद नये घर में जाना, वहाँ सबके साथ तालमेल बिठाना, नए माहौल में सामंजस्य बिठाना उसके लिए किसी पहाड़ पर चढ़ने से कम नहीं होता। जाने अनजाने में किये गए कटाक्ष उसके हृदय को चीर देते हैं।

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ज़्यादा तकलीफ़ समाज में हीन दृष्टि से देखे जाने के कारण हो रही है

लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। ग्राम विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए 8 माह के कार्यकाल के बाद विभाग द्वारा पुनः जाँच हुई जिसमें एक आँख को 6/24 और दूसरी को 6/18 बता कर मेरी विकलांगता 40% से घटाकर 10% कर दी गई और मुझे अपात्र घोषित करते हुए नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।

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हर समस्या अपने साथ समाधान लेकर आती है

उस वक़्त स्कूटी लाने के विचार से लेकर स्कूटी से अकेले बाहर जाने तक मैंने जिन-जिन समस्याओं का सामना किया उन समस्याओं के कुछ समाधान मेरे मन में बनते और बिगड़ते रहते थे। उन्हीं समाधानो में से एक समाधान के विचार को यहाँ साझा कर रही हूँ।

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टूटे पंखों से परवाज तक / सुमित्रा महरोल

सुमित्रा महरोल द्वारा लिखित “टूटे पंखों से परवाज तक” नामक पुस्तक भारतीय समाज में दलित समुदाय से आने वाली एक विकलांग स्त्री की आत्मकथा है।

statue of dick hoyt and rick hoyt

डिक हॉइट और रिक हॉइट की कहानी

टीम हॉइट, यानी पिता-पुत्र डिक हॉइट और रिक हॉइट, की अद्भुत कहानी। रिक हॉइट जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित थे लेकिन उनके पिता रिक को व्हीलचेयर पर साथ लिये 30 से अधिक बॉस्टन मैराथन में दौड़े।