‘वन डे व्हीलचेयर चैलेंज’ लेख के विरोध में
क्या ‘वन डे व्हीलचेयर चैलेंज’ का कोई औचित्य है? प्रदीप सिंह द्वारा लिखित लेख के विरोध में आलोकिता के तर्क
क्या ‘वन डे व्हीलचेयर चैलेंज’ का कोई औचित्य है? प्रदीप सिंह द्वारा लिखित लेख के विरोध में आलोकिता के तर्क
सामान्यजन यदि कुछ छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखें तो विकलांगजन के लिये जीवन आसान हो सकता है। आलोकिता इन्हीं में से कुछ महत्त्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाल रही हैं।
आलोकिता अपने साप्ताहिक कॉलम में सुगम्यता के महत्त्व और हमारे सार्वजनिक स्थानों पर सुगम्यता की कमी को रेखांकित कर रही हैं।
आलोकिता बता रही हैं कि विकलांगजन को भी विवाह जैसे निजी मसले में अपना निर्णय स्वयं लेने की आज़ादी होनी चाहिये और अन्य लोगों को उनके निर्णय के प्रति आलोचनात्मक दृष्टि नहीं रखनी चाहिये।
आलोकिता बता रही हैं कि चलना बेशक मानव जाति के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण क्रिया है लेकिन यह एक क्रिया आपकी पूरी ज़िन्दगी से बड़ी नहीं है। आगे बढ़ते रहना ज़रूरी है लेकिन चलना ही ज़िन्दगी नहीं है।