सब तरफ टी-20 क्रिकेट विश्व कप की धूम मची है। रोज़ नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, टूट रहे हैं। ऐसे ही मैच देखते हुए आदत अनुसार एड आने पर चैनल बदलते हुए एक स्पोर्ट्स चैनल पर व्हीलचेयर क्रिकेट देखने को मिला। हैरानी हुई कि व्हीलचेयर क्रिकेट जैसा भी कुछ होता है। हैरत के साथ देखने लगा और मालूम हुआ कि श्रीलंकाई व्हीलचेयर क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर आई है। इस दौरे पर उन्हें भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के साथ पाँच टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने हैं। यह श्रृंखला का पाँचवां मैच था। श्रृंखला डिफरेंटली एब्लेड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया(DCCI) द्वारा आयोजित की गई है। भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम श्रृंखला में 4-0 से आगे थी। यह मैच 16 जून को ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) के शहीद विजय पथिक क्रिकेट कॉम्प्लेक्स में खेला जा रहा था। पूरी श्रृंखला ही इसी मैदान पर खेली गई थी। श्रीलंकाई कोच मुंगुला और कप्तान थुसिथा महिंदा ने साक्षात्कार के दौरान कहा – “भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेटरों को मिलने वाली सुविधाओं को देखकर प्रसन्नता हुई। यह अब तक की सबसे अच्छी व्यवस्था है जो हमने सभी देशों के बीच देखी है। यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि भारत किस प्रकार विकलांगजन के लिये क्रिकेट को आगे ले जा रहा है और नए मानक स्थापित कर रहा है।”
मैच के दौरान बात सबसे अच्छी लगी कि मैदान साफ़ और बिल्कुल कम घास वाला था ताकि व्हीलचेयर चलने में कोई मुश्किल न हो। इसका ड्राबैक यह होता है कि शॉट लगा और गेंद गैप में गई तो चौका ही होता है। इस वजह से ही भारत पहले बल्लेबाजी करते हुए बीस ओवर में 2 विकेट पर 310 रन का विशाल स्कोर बनाने में कामयाब रहा। इस मैदानी कंडिशन का लाभ श्रीलंका की व्हीलचेयर क्रिकेट टीम नहीं उठा सकी और 20 ओवर में 2 विकेट खोकर 116 रन ही बना पाई। भारत के सौरभ मलिक का शतक और प्लेयर ऑफ द मैच रहे संदीप कुंडू ने 14 चौके और 15 छक्कों से सजी 37 गेंदों में 149 रनों की विस्फोटक पारी आकर्षण का केंद्र रही। संदीप कुंडू ने 26 गेंदों पर शतक पूरा किया जो व्हीलचेयर क्रिकेट में सबसे तेज़ शतक है। भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम ने मैच 194 रनों से जीतकर श्रृंखला 5-0 से अपने नाम करते हुए ए.पी.एल. अपोलो व्हीलचेयर टी-20 आइज़ ट्रॉफी जीत ली।
चौके-छक्के, फील्डरों के डाइविंग एफर्ट, बॉल रोकने को व्हीलचेयर से गिरते हुए खिलाड़ी और फिर खुद ही वापस व्हीलचेयर चढ़ते हुए अच्छे लगे। विशेष अतिथि के तौर पर पैरालंपियन दीपा मलिक मौजूद थीं। वैसे तो इस व्हीलचेयर क्रिकेट मैच में सब कुछ था लेकिन दर्शकों का अभाव बहुत था। आयोजकों, प्रायोजकों, और आमंत्रित अतिथिगण को मिलाकर मुश्किल से 250-300 लोग ही होंगे। यही बात सबसे अधिक खली और यही हमारी समस्या है। एक विकलांग होकर भी मुझे इस शृंखला और डिसेबल क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया(DCCI) और तो और व्हीलचेयर क्रिकेट की भी कोई जानकारी नहीं थी। फिर उपेक्षा करने वाले समाज से उम्मीद ही क्या?
बहुत ही सुंदर लेख लिखा है व्हील चेयर क्रिकेट मैच पर लोगो की मंसिकता बदलने की अवस्कता है ताकि लोगों की रूचि बढ़ाएं ताकि खेलने वाले खिलाड़ी का होसला बढे
It’s a good start for Divyangjyan. Any how information can not reached to one and all. But I appreciate this initiative as one of dignitaries has also appreciated this approach. I personally very much positive and hope this kind of activities will be a boom for our Divyangjyan 🙏
वैसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए तो आशा की किरण ही नहीं एक प्रकाश पुंज नज़र आ रहा है। आपके माध्यम से न जाने कितने लोगों को यह जानकारी मिलेगी और जाने कितने और दर्शक जुड़ते चले जाएंगे।
एक अद्भुत आयोजन से अवगत करवाने के लिए बहुत बहुत आभार…🌹🙏