यू.एन.सी.आर.पी.डी.: सारांश और महत्वपूर्ण बिंदु

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यू.एन.सी.आर.पी.डी. यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ़ पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज़ का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ है विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन। यह एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना है। इस सम्मलेन को बहुत ही कम समय में सभी क्षेत्रीय समूहों का समर्थन प्राप्त हो गया। यह विश्व के सभी मानवाधिकार दस्तावेज़ों में से सबसे प्रभावशाली दस्तावेज़ों में से एक है।

यू.एन.सी.आर.पी.डी. से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस संधि को 13 दिसम्बर 2006 को अपनाया था
  • 30 मार्च 2007 से इसके लिए हस्ताक्षर शुरू हुए थे
  • 20 पार्टियों के समर्थन के बाद यह संधि 3 मई 2008 से लागू हो गयी थी
  • इसके लिए सदस्य देशों का पहला सम्मलेन 31 अक्टूबर और 3 नवम्बर 2008 को हुआ था
  • विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर बनी समिति का पहला सत्र 23-27 फ़रवरी 2008 को आयोजित हुआ था

जनवरी 2023 तक 164 देशों ने यू.एन.सी.आर.पी.डी. की पुष्टि की है और कुल 186 देशों इसमें पार्टी हैं।

यू.एन.सी.आर.पी.डी. का उद्देश्य

यू.एन.सी.आर.पी.डी. का उद्देश्य सभी विकलांग व्यक्तियों के मानवाधिकार और मूलभूत स्वतंत्रताओं की रक्षा करने, उन्हें बढ़ावा देने के साथ ही उनकी गरिमा और सम्मान को बढ़ावा देना है।

जिन देशों ने कन्वेशन पर हस्ताक्षर किया है उन्हें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना है कि यू.एन.सी.आर.पी.डी. संधि में वर्णित सभी उद्देश्यों की पूर्ति हो सके।

यू.एन.सी.आर.पी.डी. की प्रस्तावना

कन्वेशन की प्रस्तावना विएना डिक्लेयरेशन एंड प्रोग्राम ऑफ़ एक्शन का हवाला देते हुए कहती है कि “सभी मानवाधिकार सार्वभौमिक, अविभाज्य, अन्योन्याश्रित और परस्पर संबंधित हैं।”

25 पैराग्राफ की प्रस्तावना में हस्ताक्षर करने वाले देशों ने कारण बताए हैं कि उन्होंने इस अंतर्राष्ट्रीय कानून को तैयार करना क्यों उचित समझा।

उदाहरण के तौर पर पैराग्राफ (k) में भागीदारों ने इस बात पर लिखित सहमती जताई है कि “विकलांग व्यक्तियों को अब भी समाज के एक सामान्य नागरिक के रूप में बराबरी की भागीदारी के लिए बहुत-सी बाधाओं का सामना करना पड़ता है और ऐसा विश्व के हर कोने में हो रहा है।”

यू.एन.सी.आर.पी.डी. के अनुच्छेद

यू.एन.सी.आर.पी.डी. में कुल 50 अनुच्छेद हैं। इन अनुच्छेदों में यू.एन.सी.आर.पी.डी. के उद्देश्यों, उनके सिद्धांत, सदस्य देशों द्वारा उठाई गई जिम्मेदारियों और कन्वेशन के दिए गए उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उठाये जाने वाले विशिष्ट क़दमों की चर्चा की गई है।

यू.एन.सी.आर.पी.डी.  का अनुच्छेद 1

यह कन्वेशन के सबसे प्रमुख उद्देश्य की बात करता है। इसमें लिखा गया है कि “इस कन्वेंशन का उद्देश्य सभी विकलांग व्यक्तियों के मानवाधिकार और मूलभूत स्वतंत्रताओं की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के साथ ही उनकी गरिमा और सम्मान को सुनिश्चित करना है।”

यू.एन.सी.आर.पी.डी.  का अनुच्छेद 2

इस अनुच्छेद में कन्वेंशन में दी गई प्रमुख अवधारणाओं को परिभाषित किया गया है। उदहारण के लिये – संचार, भाषा, भेदभाव, उचित सुविधा और सार्वभौमिक डिज़ाइन।

यू.एन.सी.आर.पी.डी.  का अनुच्छेद 3

कन्वेशन के सामान्य सिद्धांतों को इस अनुच्छेद में सूचीबद्ध किया गया है। इसमें निम्नलिखित सिद्धांत शामिल हैं:

  1. व्यक्तियों की स्वतंत्रता, स्वायत्ता, स्वाभिमान और अपने जीवन के फ़ैसले स्वयं करने के अधिकार का सम्मान
  2. कोई भेदभाव नहीं
  3. समावेशी समाज और उसमें पूर्ण और प्रभावी भागीदारी
  4. मानव विविधता के एक आयाम के रूप में विकलांग व्यक्तियों की भिन्नता को सम्मान व स्वीकृति
  5. अवसरों में समानता
  6. सुगम्यता
  7. पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता
  8. विकलांग बच्चों की विकसित होती क्षमताओं का और उनकी पहचान को सुरक्षित रखने के उनके अधिकार का सम्मान

यू.एन.सी.आर.पी.डी. का अनुच्छेद 4

अनुच्छेद 4 में कन्वेंशन की पुष्टि करने वाले राज्यों के दायित्वों को सूचीबद्ध किया गया है।

  1. कानून और नीति समीक्षा
    1. सी.आर.पी.डी. के प्रावधानों को सुनिश्चित करने के लिये आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रों को नए कानून और नीतियों को अपनाना होगा। (उदहारण के तौर पर भारत ने आर.पी.डब्ल्यू.डी. अधिनियम 2016 को अपनाया है)
    2. राष्ट्रों को ऐसे सभी कानूनों को हटाना या संशोधित करना होगा जो विकलांग व्यक्तियों के प्रति भेदभाव-पूर्ण है। उदहारण के तौर पर भारत ने पी.डब्ल्यू.डी. अधिनियम 1995 को समाप्त कर दिया है।
    3. राष्ट्रों को उनकी सभी नीतियों और कार्यक्रमों में विकलांग व्यक्तियों के मानवाधिकारों को मुख्यधारा में लाना होगा।
  2. राष्ट्रों को ऐसे अनुसंधानों और तकनीकी विकास को सुनिश्चित करना है जो सार्वभौमिक रूप से डिज़ाइन किये गए उत्पादों, सेवाओं, उपकरणों व तकनीकों को बढ़ावा दें। इनमें सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, गतिशीलता सहायक उपकरण और सहायक प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं।
  3. विकलांग व्यक्तियों के लिए या उनके साथ काम करने वाले पेशेवरों और कर्मचारियों का उचित प्रशिक्षण होना चाहिये जिससे यह सुनिश्चित हो कि कन्वेंशन में दिए गए सभी अधिकार विकलांग व्यक्तियों को गारंटीकृत रूप में मिले।

यू.एन.सी.आर.पी.डी. का अनुच्छेद 5

इस अनुच्छेद में ‘समानता और ग़ैर-भेदभाव’ की मूलभूत अवधारणाओं के विषय में लिखा गया है।

इनके अलावा अन्य अनुच्छेदों में विकलांगजन की शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में भागीदारी जैसे विशिष्ट मुद्दों के बारे में लिखा गया है।

सीआरपीडी के वैकल्पिक प्रोटोकॉल

दी ऑप्शनल प्रोटोकॉल टू दी राइट्स ऑफ़ पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज़ यू.एन.सी.आर.पी.डी.  का एक वैकल्पिक समझौता है। इसे 13 दिसम्बर 2006 को अपनाया गया था और मुख्य समझौते से साथ ही 3 मई 2008 से लागू कर दिया गया था। जुलाई 2020 तक इस वैकल्पिक प्रोटोकॉल के 94 हस्ताक्षरकर्ता और 97 भागीदार राज्य हैं। इसमें कुल 18 अनुच्छेद हैं।

हमें उम्मीद है कि यह आलेख आपके लिए ज्ञानवर्धक और रुचिपूर्ण रहा। आपके मन में इस विषय से सम्बंधित यदि कोई सवाल हो तो बेझिझक पूछ सकते हैं। हम उसका यथोचित जवाब देने का प्रयास करेंगे।

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नूपुर शर्मा
नूपुर
1 year ago

बहुत लाभप्रद जानकारी है।हम तक यह जानकारी पहुँचानें के लिए शुक्रिया।

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