सिकल सेल रोग: कारण, लक्षण और आनुवांशिकी

illustration showing red blood cells affected with sickle cell disease

सिकल सेल रोग गंभीर रक्त विकारों में से एक है जिससे विश्व में क़रीब 2 करोड़ लोग प्रभावित हैं। यह लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करने वाला सबसे सामान्य रक्त विकार है। सिकल सेल रोग एक वंशानुगत लाइलाज रोग है जो व्यक्ति को अपने माता-पिता से विरासत में मिलता है और प्रभावित व्यक्ति के साथ जीवन-पर्यंत बना रहता है। अधिक गंभीर होने की स्थिति में यह व्यक्ति को विकलांगता के स्तर तक भी पहुँचा सकता है।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में दी गई 21 विकलांगताओं की सूची में शामिल तीन रक्त विकार समूहों में यह भी शामिल है। सिकल सेल रोग के अलावा अन्य दो रक्त विकार हैं हीमोफ़ीलिया और थैलेसीमिया

आइये इस आलेख में सिकल सेल रोग को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करते हैं।

सिकल सेल रोग क्या है?

सिकल सेल रोग वंशानुगत रक्त विकारों का एक समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला वह प्रोटीन है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है।

आम तौर पर लाल रक्त कोशिकाएँ कटोरीनुमा या डिस्क के आकार की होती हैं। इस तरह के आकार की कोशिकाएँ रक्त-धमनियों में से आसानी से बह पाती हैं। सिकल सेल रोग से प्रभावित रोगियों में ये लाल रक्त कोशिकाएँ कटोरीनुमा न होकर हँसिये (सिकल) के आकार अथवा अर्ध-चंद्रकार (क्रिसेंट) आकार की हो जाती हैं। इस असामान्य आकार के कारण रक्त कोशिकाएँ धमनियों में आसानी से बह नहीं पातीं और अटक कर कई बार रक्त के प्रवाह में बाधा भी डाल सकती हैं।

सिकल सेल रोग में लाल रक्त कोशिकाओं के बिगड़े आकार के कारण रक्त प्रवाह के बाधित हो जाने से व्यक्ति को स्ट्रोक, संक्रमण, दर्द, आँखों में तकलीफ़, रक्त की कमी, सूजन जैसी कई परेशानियाँ हो सकती हैं। ये लक्षण कभी-कभी इतने गंभीर भी हो सकते हैं कि ये व्यक्ति के सामान्य कामकाजी जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं।

यही नहीं, लाल रक्त कोशिकाओं के हँसिये के आकार के हो जाने के कारणा उनमें मौजूद हीमोग्लोबिन में ऑक्सीजन ढोने की क्षमता भी काफ़ी अधिक प्रभावित हो जाती है।

सिकल सेल रोग की आनुवंशिकी

सिकल सेल रोग एक वंशानुगत रोग है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ऑटोसोमल रिसेसिव इनहेरिटेंस के पैटर्न से जाता है। इसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति में सिकल सेल रोग तब ही उत्पन्न होगा जब उसे माता और पिता दोनों से ही विकृत जीन प्राप्त होंगे।

क्रोमोजोम 11 में मौजूद एक जिन के उत्परिवर्तन के कारण सिकल सेल रोग होता है। किसी भी व्यक्ति में इस रोग के लक्षण तभी उत्पन्न होते हैं जब उसे माता और पिता दोनों से यह उत्परिवर्तित जीन प्राप्त हो।

सिकल सेल रोग का इलाज

वर्तमान में सिकल सेल रोग एक ऐसा रोग है जो व्यक्ति के साथ जीवन-पर्यंत रहता है। इसके इलाज के लिए फिलहाल रक्त और अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण (blood and bone marrow transplant) ही एक विकल्प के रूप में मौजूद है। हालाँकि इसके अलावा कुछ और प्रभावी इलाज हैं जो इससे उत्पन्न होने वाले लक्षणों को कम करके व्यक्ति की उम्र को बढ़ा सकते हैं।

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