ये रहे मेरे जीवन के जादुई शब्द: आपके जादुई शब्द क्या हैं?

a graphic showing a magician saying the magical words and a bulb depicting an idea lights up in a brain.

हम सभी ने कभी-न-कभी कोई न कोई जादू होते देखा ही होगा। कभी सड़क के किनारे तो कभी बड़े-बड़े स्टेज पर जादूगर को ‘आबरा-का-डाबरा’ या ‘गिली-गिली छु-छु-छु’ जैसे शब्द बोलकर रूमाल से कबूतर, टोपी के भीतर से ख़रगोश, पॉकेट से फूलों का गुलदस्ता निकालते या चुटकी बजाकर लड़की को ग़ायब करते हम सभी ने देखा हैं। हम सभी यह भी अच्छे से जानते हैं कि यह जादू सिर्फ़ आँखों का छलावा और हाथों की सफ़ाई है। फिर भी हम ‘आबरा-का-डाबरा’, ‘गिली-गिली छु-छु-छु’ शब्दों को जादुई शब्द मान लेते हैं। इन शब्दों में सच में कोई जादू है भी या नहीं; मैं नहीं जानती — लेकिन इतना जानती हूँ कि हर शब्द जादुई ज़रूर होता है।

शब्दों के जादू से कोई किसी को जीने की नई उम्मीद दे सकता है तो किसी से ज़िन्दगी की उम्मीद छिन भी सकता है। इन शब्दों के ज़रिये ही हम किसी को आकाश की ऊँचाईया छुआ सकते हैं तो किसी को पिंजरे की कैद भी दे सकते हैं। ये हम पर ही निर्भर करता है कि शब्दों का ज़ादू किसी पर किस तरह चलाएँ।

कुछ दिन पहले मुझे भी किसी ने कुछ ऐसे ही जादुई शब्द कहें थे — “जाओ तुम्हारे सपने बड़े हों।” ये शब्द कहने वाले कोई और नहीं बल्कि मेरे आदर्श ललित सर ही हैं। वे मेरे और मेरे जैसे कितने ही विकलांग लोगों के जीवन में अपने प्रभावी शब्दों और कार्यों से जादू करते ही रहते हैं। हम लोगों के लिए सर किसी जादूगर से कम भी तो नहीं हैं।

एक विकलांग व्यक्ति जाने कितनी बंदिशों की बेड़ियों में बंधा हुआ होता है। अपनी विकलांगता के चलते अनेक सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा होता है। अनेक शारीरिक और मानसिक तकलीफ़ सहते हुए न जाने कितनी भावनात्मक असुरक्षा महसूस करता है। कई बार तो अपने हालातों से थककर अपनी हर इच्छा का त्याग कर, अपनी हर तकलीफ़ और परेशानी से समझौता कर लेने को बाध्य हो जाता है।

उस समय यदि कोई उस व्यक्ति को ऐसे ही जादू-भरे शब्द कहे तो इन शब्दों का अर्थ और असर उसके लिए कुछ अलग ही होता है। मानो, पिंजरे में कैद किसी पंछी का पिंजरा खोल दिया गया हो। उसे खुले आकाश में उड़ने की एक उम्मीद दे दी गई हो। ये शब्द एक विकलांग व्यक्ति को न सिर्फ़ यह अहसास दिलाते हैं कि तुम भी सपने देख सकते हों बल्कि उसमें यह विश्वास और हिम्मत भी जगाते हैं कि उसके जीवन की तमाम समस्याओं के बावजूद, उसके पैरों में पड़ी अनेक उलझनों, मजबूरियों की अदृश्य बेड़ियों के बावज़ूद वह भी बड़े सपने देख सकता है और उसे यक़ीनन देखने भी चाहिए।

कोई विकलांग व्यक्ति जब कोई सपना देखे तो, वह सिर्फ़ यह सपना न देखे कि उसका जीवन आसान हो जाए; बल्कि यह सपना देखे कि उसके ज़रिये किसी दूसरे व्यक्ति का जीवन भी आसान हो जाए। वह सिर्फ़ यह सपना न देखे कि समाज उसकी हर समस्या का समाधान कर उसका साथ दे; बल्कि यह सपना देखे कि वह ख़ुद को इस क़ाबिल बनाये कि अपनी समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ, वह समाज के विकास में भी अपना योगदान दे सके।

जब तक हम स्वयं ही अपने सपनों को साकार करने के लिए सही दिशा में क़दम बढ़ाने की पहल नहीं करेंगे; तब तक कोई भी समाज, कोई भी व्यक्ति आगे बढ़कर हमारा साथ नहीं देगा। क्योंकि हर सामान्य व्यक्ति को एक विकलांग व्यक्ति में सबसे पहले उसकी शारीरिक, मानसिक कमज़ोरी और उसकी अक्षमता ही दिखाई देती है। उसमें छिपी उसकी दृढ इच्छा शक्ति, मजबूत इरादे और साहस नहीं दिखाई देता।
यह हमारा ही दायित्व बनता है कि अपनी अंतहीन कोशिशों के द्वारा दूसरे व्यक्ति को हमारी सहायता करने के लिए विवश कर दें। अपनी कोशिशों के द्वारा सामने वाले व्यक्ति को हमारे अन्दर छिपी दृढ इच्छा शक्ति, मजबूत इरादे और साहस से परिचित कराएँ; ताकि वे स्वत: ही हमारा साथ देने को तैयार हो जाएँ। हालाँकि दूसरों को अपनी आतंरिक इच्छा शक्ति, मजबूत इरादे और साहस से परिचित कराने से पहले हमे ख़ुद भी अपनी दृढ इच्छा शक्ति और अपने साहस को पहचानना होगा और अपनी इस शक्ति को अपनी शारीरिक अक्षमताओं से बड़ा बनाना होगा। तभी हम बड़े सपने देख भी सकते हैं और उन्हें साकार करने के लिए कोशिशे भी कर सकते हैं।

“जाओ तुम्हारे सपने बड़े हो” इन ज़ादुई शब्दों के ज़रिये ललित सर ने मेरे मन में तो उम्मीद और विश्वास का एक बीज रोपित कर दिया हैं कि मैं भी ‘बड़े सपने देख सकती हूँ।’ अब बारी मेरी है कि इस बीज-रूपी उम्मीद को अपनी कोशिश-रूपी पानी से सींच कर अपने सपनो को बड़ा और साकार करूँ। अपने ही जैसे किसी को उसके जीवन के जादुई शब्द देने की कोशिश कर सकूँ।

हो सकता है कि आपके जीवन में भी किसी ने ऐसे ही जादुई शब्द कहे हो — जिन शब्दों ने आपके जीवन को एक नयी दिशा दी हो। मुझे विश्वास है कि मेरे और आपके जीवन के ये जादुई शब्द किसी और के जीवन में भी जादू ज़रूर कर सकते हैं। मैंने अपने जीवन के जादुई शब्दों को आपके साथ साझा कर लिया है। अब आपके जीवन के जादुई शब्दों को जानने का हमें इंतज़ार है। कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में आप भी हमसे अपने जीवन के जादुई शब्द साझा कीजिए; ताकि उन शब्दों से हमारे व हम जैसे अन्य लोगों के जीवन में भी जादू हो सके।

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Vimal Prakash
Vimal Prakash
1 year ago

Thank you so much
शब्दों में जादुईपन हो सकता है, और शब्द भी जादू कर सकते है ।
मैं भी अपने शब्दों के माध्यम से खुद को प्रेरित करता हूं । हम सब भी खुद को प्रेरित कर सकते है ।
जब हम कहते है
– I Am Great
यह जादुई सब मेरे अंदर एक एनर्जी क्रिएट करते है ।

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