सम्यक ललित का ‘राही मनवा’: 30 अप्रैल 2023

cover image for Raahi Manvaa, regular column of Samyak Lalit on viklangta.com

करीब चार वर्ष की उहापोह के बाद आखिरकार मैंने 19 अप्रैल 2023 को अपनी पहली व्हीलचेयर खरीद ही ली। व्हीलचेयर खरीदने का निर्णय काफ़ी मुश्किल रहा। पहले तो यह दुविधा रही कि व्हीलचेयर लूँ या बैसाखियों से ही किसी तरह चलता रहूँ — चाहे मुश्किल से ही सही लेकिन बैसाखियों से चल पाने की अपनी क्षमता को छोड़ देना आसान नहीं है। पोस्ट पोलियो सिन्ड्रोम के कारण मेरी माँसपेशियाँ और अधिक कमज़ोर हो रही हैं। इसलिये समय के साथ-साथ अब बैसाखियों से चलना और खड़े होना बहुत मुश्किल हो चला है। मित्रों ने कहा कि आप बैसाखियों और व्हीलचेयर दोनों का एक साथ प्रयोग करें — लेकिन सच कहूँ तो मुझे यह व्यवहारिक नहीं लगता। या तो आप व्हीलचेयर प्रयोग करते हैं या फिर नहीं करते — बीच का कोई रास्ता व्यवहारिक नहीं है।

दूसरी दुविधा यह रही कि व्हीलचेयर कौन-सी ली जाये। बाज़ार में अनेक प्रकार की व्हीलचेयर उपलब्ध हैं लेकिन कोई भी ऐसी व्हीलचेयर मुझे नहीं मिली जो मेरे लिये हर तरह से उपयुक्त हो। किसी में कोई कमी है तो किसी में कोई अन्य कमी… अपने लिये उपयुक्त व्हीलचेयर खरीदना एक गंभीर काम है और इसे गंभीरतापूर्वक ही करना चाहिये। व्हीलचेयर आलू-प्याज़ की तरह नहीं है कि यूँ ही बाज़ार गये और खरीद लाये। व्हीलचेयर खरीदने से पहले आपको खूब अच्छी तरह अपनी ज़रूरतों को समझना चाहिये — आपके लिये यह जानना ज़रूरी है कि आप व्हीलचेयर को किस तरह प्रयोग करना चाहते हैं। यह बहुत ज़रूरी है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूँ। मुझे व्हीलचेयर की आवश्यकता विशेषकर यात्राओं के समय महसूस होती है। मैं अलग-अलग शहरों में जाता रहता हूँ — लेकिन हाल के वर्षों में कार से उतरकर थोड़ी दूर चल पाना भी मेरे लिये कठिन हो गया था। ताजमहल या खजुराहो जैसे बड़े स्मारकों को मैं बैसाखियों पर चलते हुए नहीं देख पा रहा था। इसलिये मैंने निर्णय लिया कि मैं एक व्हीलचेयर अपने साथ कार में रखूँगा — और जब ज़रूरत महसूस होगी तो उसे प्रयोग करूँगा। रेस्त्राँ इत्यादि छोटी जगहों के भीतर जाने के लिये बैसाखियों का और ताजमहल जैसी विशाल जगहों के लिये व्हीलचेयर का प्रयोग करूँगा। इस योजना को देखते हुए यह ज़रूरी था कि मेरी व्हीलचेयर वज़न में हल्की हो — ताकि उसे आसानी से कार में रखा और उतारा जा सके। साथ ही व्हीलचेयर फ़ोल्डेबल होनी चाहिये ताकि कार में वह कम जगह ले।

मैंने अनेक कम्पनियों की व्हीलचेयरों के पचासियों मॉडल देखे और आखिरकार मैंने Karma कम्पनी की Ergo Lite 2 (KM-2512) को अपने लिये चुना। इस मॉडल में मैंने 20 इंच के व्हील लिये हैं (14 इंच के व्हील भी उपलब्ध हैं)। इस व्हीलचेयर का वज़न 10 किलोग्राम से भी कम है और इसे बहुत आसानी से कार में रखा व उतारा जा सकता है। यह व्हीलचेयर मुझे 34,000 रुपये में प्राप्त हुई है। फ़िलहाल इसे मैंने अपने पास बस रखा हुआ है — घर में अभी भी मैं बैसाखियाँ ही प्रयोग कर रहा हूँ। वॉशरूम जाने के लिये मुझे बैसाखियों का प्रयोग कहीं अधिक सुविधाजनक लगता है। अपनी इस व्हीलचेयर को मैं उन जगहों पर साथ ले जाऊँगा जहाँ मुझे कुछ दूर चलने की आवश्यकता पड़ सकती है। अब सवाल यह है कि क्या मैं भविष्य में पूरी तरह व्हीलचेयर प्रयोग करना आरम्भ कर दूँगा? इस बात की संभावना काफ़ी अधिक है लेकिन मैं कब बैसाखियों को छोड़ूँगा यह कहना मुश्किल है।

अभी तक मैंने व्हीलचेयर को जितना भी प्रयोग किया है — यकीनन यह मुझे बहुत सुविधा देती है। दूरी तय करने के मामले में व्हीलचेयर बैसाखियों की तुलना में बहुत अधिक सुविधाजनक है। इसके विपरीत बैसाखियाँ बाधाओं को पार करने में कहीं अधिक सक्षम हैं।

बीते सप्ताह मैंने विकलांगता.कॉम की घोषणा सोशल मीडिया पर की तो मित्रों की ओर से खूब उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिला। कई मित्र विकलांगता से जुड़े विषयों पर यहाँ लिखना चाहते हैं। आप सभी का स्वागत है — आपको कोई विकलांगता है या नहीं है — इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता — यदि आप विकलांगता और इससे जुड़े विषयों के बारे में शिद्दत से सोचते व महसूस करते हैं तो विकलांगता.कॉम पर लिखने के लिये आमंत्रित है। मुझे उम्मीद है कि यह वेबसाइट हिन्दी भाषियों के लिये विकलांगता के क्षेत्र में एक सेतु का कार्य करेगी।

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लोकेन्द्र
लोकेन्द्र
2 years ago

आपके द्वारा विकलांगजनो के लिए जो जो जानकारी उपलब्ध कराई जाती रही है या फिर कराई जा रही है वोआने वाले भविष्य मे विकलांगजन के लिए एक मील का पत्थर साबित होंगी

डॉली परिहार
डॉली परिहार
2 years ago

बहुत अच्छा लिखा सर! क्या आपकी व्हीलचेयर बैटरी वाली है?

Reema shukla
Reema shukla
2 years ago

नमस्ते सर
पता नहीं ऐसा क्यों है कि आपकी लिखी हर बात आजकल मेरे अनुकूल जा रही है
पिछले महीने से मै भी यही सोच रही थी कि बेटी को व्हील चेयर दिलाना सही रहेगा या उसे स्टिक से ही चलाने का प्रयास किया जाय ।
फिर यही समझ आया कि दोनों का प्रयोग सिखाया जाय क्योंकि ज्यादा दूरी वह स्टिक से नहीं चल पा रही है ।
अब समस्या यह कि कौन सी ? ऑनलाइन सर्च भी कर रही थी ।
आपकी पोस्ट पढ़कर मेरी समस्या का समाधान हो गया ।
धन्यवाद

ज्ञानप्रकाश
ज्ञानप्रकाश
2 years ago

ललित जी नमस्कार।
आपका लेख पढ़ा है। बहुत सहजता और सरलता से आपने अपनी बात रखी है।

यह ज़रूरी भी है।

आप ज़िंदादिल रहें हमेशा।

सुनील थुआ
सुनील कुमार थुआ
2 years ago

ललित जी ! आपने बहुत ही सहज व सरल लहजे में आतमनुभव साझा किए हैं । व्हीलचेयर या बैसाखी यह अस्थि बाधित प्रत्येक व्यक्ति की समस्या है । इस पर रिसर्च की आवश्यकता है क्योंकि तभी हम साथियों तक निष्कर्ष रख सकते हैं

मधु सक्सेना
मधु सक्सेना
2 years ago

कल ही जुड़ी हूँ यहां । जानकारी बहुत अच्छी है ।अब उन बातों को समझ पाउंगी जो अभी तक नही समझी ।
धन्यवाद सर

महेश कुमार
महेश कुमार
2 years ago

नमस्कार ललित जी,
आपका लेख पढ़ा पढ़कर काफी अच्छा लगा काफी सरल शब्दों में आपने अपनी बात को हम सभी के समक्ष रखा।
पता नहीं क्यों आपकी समस्याओं को मैं अपने जीवन में भी घटित होते देख रहा हूं मेरे साथ भी कुछ इसी तरह की समस्याएं बढ़ती उम्र के साथ सामने आ रही हैं। आपकी पुस्तक पढ़ी थी उसमें आपने जिन घटनाओं का जिक्र किया उनमें से काफी कुछ सामान घटनाएं मेरे जीवन में भी घटित घटित हुई लेकिन मुझे हमेशा लगता रहा यह मेरे साथ ही होता है लेकिन आपकी पुस्तक पढ़ने के बाद मुझे लगा हम विकलांगों की समस्याएं लगभग कहीं ना कहीं एक समान ही हैं।
विकलांगता डॉट कॉम वेबसाइट की स्थापना करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

Mukesh Khare
Mukesh Khare
2 years ago

व्हील चेयर खरीदने का निर्णय अच्छा है। आवश्यकता इस बात की है की व्हील चेयर की उपलब्धता हर उस जगह सुनिश्चित की जाए जहां इसकी जरूरत है। अभी मेरे द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रा की गई टर्मिनल तीन से दो तक जाने में अगर व्हील चेयर उपलब्ध भी हो तो जा पाना कठीन है। बैट्री चलित वाहन की सुविधा अच्छी है पर एक जगह आकर आपको अपने दम पर चलना ही होगा। कोई ऐसी व्यवस्था नहीं दिखी की विकलांग व्यक्ति एक बार जिस पर बैठ जाय तो सहजता से सीधा हवाई जहाज तक पहुंच सके। काफी सुधार की आवश्यकता है।

संध्या
संध्या
2 years ago

मुझे ये कदम बहुत अच्छा लगा , इससे उन सभी को इससे मदद मिलेगी और जो कुछ बात करना चाहते हैं उन्हें समझने वाले लोग एक जगह होंगे । आम तौर पर इस विषय पर हमारा समाज सही से शिक्षित नही है । तो समझ वाले लोग मिलेंगे ।
शूक्रिया ।

Poonam
Poonam
2 years ago

My role model ☺️❤️

Amit Thakur
Amit Thakur
2 years ago

This wheelchair is also good for all kinds of uses.
https://dl.flipkart.com/s/XlDhoaNNNN

नमन
नमन
2 years ago

सर नमस्ते, आपका यह लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा और बहुत ही अच्छी जानकारियां भी प्राप्त हुए हैं साथ ही मुझे यह भी पता लगा है कि व्हीलचेयर लेते समय भी हमें कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है आज तक मेरी धारणा यह थी कि व्हीलचेयर कोई सी भी ली जा सकती है क्योंकि मैंने 2022 मार्च तक व्हीलचेयर कभी नहीं यूज़ की क्योंकि मैं पहले अपने आप चल लेता था परंतु अचानक जनवरी 2022 में मेरे पैरों ने काम करना बंद कर दिय तब से मुझे इसका प्रयोग करना पड़ रहा है परंतु अधिकतर रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जिन पर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज पर व्हीलचेयर नहीं जा पाती है इस समस्या का भी समाधान होना चाहिए

सुनीता पाठक
सुनीता पाठक
2 years ago

आपकी मन की शक्ति आपको निरंतर उत्साह से लबरेज रखती है
आपका बैटरी रहित व्हील चेयर लेने का निर्णय सही है

Mohini Sharma
Mohini Sharma
2 years ago

Acceptence is the key, achha hua ki aap ne wheelchair leli.
Or ye bhi sahi hai ki aap aap aaj bhi baisakhiyon ka istemal karte hai. Practice nahi chhutni chahiye.
Wheelchair me mobility bahut jyada limited ho jaati Hain.
Bich ka raasta humesha hota Hain bas dhundhne ki der hain 🙂

प्रदीप गुप्ता
प्रदीप गुप्ता
2 years ago

बहुत अच्छा सर ।

Madhav Dubey
Madhav Dubey
2 years ago

नमस्कार सर जी 🙏

आपने व्हीलचेयर लेने से संबंधित काफी अच्छी जानकारी दी है।
क्या हर विकलांग व्यक्ति एक समय पर पोस्ट पोलियो सिंड्रोम से पीड़ित होता है और हम कैसे जान सकते हैं कि हम पोस्ट पोलियो सिंड्रोम से पीड़ित हैं और इसका समाधान क्या है।

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