विकलांगजन दशमलव चैनल के ज़रिये मुझसे जो सवाल सबसे अधिक पूछते हैं उनमें से एक है कि “क्या विकलांगजन विदेश जा सकते है?” मुझे यह सवाल काफ़ी आश्चर्यजनक लगता है क्योंकि यह इस बात को दिखाता है कि हमारे देश में विकलांगजन को अपने अधिकारों की कितनी कम जानकारी है। आज के आलेख में मैं इसी विषय पर चर्चा करूँगा।
सबसे पहले सरल तरीके से सीधा जवाब… जी हाँ, विकलांगजन विदेश जा सकते हैं।
विदेश यात्रा लोगो मुख्यत: चार कारणों से करते हैं:
- पर्यटन, यानी घूमने-फिरने, दुनिया देखने के लिये
- विदेश में बिजनेस / जॉब इत्यादि के लिये
- विदेश में पढ़ाई के लिये
- दोस्तों / रिश्तेदारों से मिलने के लिये
आपको विकलांगता है और आप इन चारों में से किसी भी कारण से विदेश जाना चाहते हैं तो उसमें आधिकारिक-रूप से कोई रुकावट नहीं है। विदेश जाने के लिये आपको बस पासपोर्ट चाहिये, वीज़ा चाहिये, आने-जाने रहने-खाने के लिये पैसे चाहिये और शरीर में इतनी क्षमता चाहिये कि आप यात्रा कर सकें। इन सभी बातों को कुछ और विस्तार से बताता हूँ।
पासपोर्ट
एक छोटी-सी किताब की तरह का यह पहचान-पत्र भारत सरकार के द्वारा अपने नागरिकों को जारी किया जाता है। भारत से बाहर जाने के लिये आपके पास एक वैध पासपोर्ट होना आवश्यक है। इस दस्तावेज़ के बिना आप किसी भी सूरत में भारत से बाहर नहीं जा सकते। पासपोर्ट प्राप्त करना बहुत आसान है — इसके लिये आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। फिर दिये गए समय पर चुने हुए कार्यालय में जा कर आपको अपने फ़िंगरप्रिट इत्यादि देने होते हैं। ये ठीक वैसे ही है जैसे आधार के लिये फ़िंगर प्रिंट लिये जाते हैं। इसके बाद स्थानीय पुलिस थाने से कोई पुलिसमैन आकर आपके पते को वेरिफ़ाई करता है। सब कुछ ठीक रहने पर आपको एक महीने के भीतर पासपोर्ट मिल जाता है।
वीज़ा
आप जिस देश में जाना चाहते हैं वहाँ के दूतावास या अधिकृत कार्यालय में आपको वीज़ा के आवेदन करना होता है। जैसे पासपोर्ट आपको भारत सरकार देती है — उसी प्रकार वीज़ा आपको उस देश की सरकार देती है जहाँ आप जाना चाहते हैं। अनेक देशों में “वीज़ा-ऑन-अराइवल” अर्थात वहाँ पहुँच वीज़ा हेतु आवेदन करने की सुविधा भी है। वर्ष 2023 में थाईलैण्ड और श्रीलंका जैसे कुछ देश भारतीयों को वीज़ा-ऑन-अराइवल दे रहे हैं — लेकिन यह सब बदलता रहता है। इसलिये वीज़ा के लिये यदि आपको भारत में रहते हुए आवेदन करना है तो इसकी पूरी जानकारी कर लें।
कुल मिला कर वीज़ा एक मुहर है जो आपके पासपोर्ट के किसी पन्नें पर लगा दी जाती है। इस मुहर में लिखा होता है कि यह वीज़ा कब से कब तक वैध है। आपको वीज़ा की वैधता की समाप्ति से पहले भारत लौटना होता है या फिर वीज़ा को रिन्यू करने के लिये आवेदन करना पड़ता है।
स्टूडेंट वीज़ा उन लोगों को मिलता है जो पढ़ाई के लिये विदेश जाना चाहते हैं। वर्क वीज़ा बिज़नेस/नौकरी के लिये जाने वालों को मिलता है और टूरिस्ट वीज़ा घूमने-फिरने के उद्देश्य के लिये दिया जाता है।
बिना वीज़ा के आप विदेश नहीं जा सकते — और वीज़ा के लिये आवेदन करते समय आपको यह स्पष्ट-रूप से बताना होता है कि आप विदेश क्यों और कितने दिन के लिये जाना चाहते हैं। स्टूडेंट वीज़ा हेतु आवेदन के लिये आपका विदेशी शैक्षिक संस्थान में दाखिला होना अनिवार्य है। वर्क वीज़ा के लिये आपके पास विदेश में नौकरी का ऑफ़र होना ज़रूरी है। रिश्तेदारों / दोस्तों से मिलने जाने के लिये आपको उन लोगों की ओर से एक पत्र चाहिये होता है जिसमें लिखा हो कि वे आपको जानते हैं और वे आपको आमंत्रित कर रहे हैं।
धनराशि
विदेश जाने के लिये आपको कितनी धनराशि चाहिये यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहाँ, क्यों और कितने दिन के लिये जा रहे हैं। हवाई यात्रा के खर्च के अलावा आपको विदेश में रहने के लिये होटल का खर्च जोड़ना पड़ेगा। इसके अलावा खाने-पीने और घूमने-फिरने का खर्च अलग से होता ही है।
शारीरिक क्षमता
जो विकलांगजन हमेशा बिस्तर पर ही रहते हैं वे भी विदेश जा सकते हैं लेकिन उन्हें यात्रा हेतु अपने लिये विशेष प्रबंध करने होंगे। यदि आप व्हीलचेयर आसानी से प्रयोग कर सकते हैं तब कोई समस्या नहीं है। व्हीलचेयर प्रयोग करने वाले लोग, बैसाखियों या लाठी के सहारे चलने वाले लोग, दृष्टिबाधित लोग, मूक-बधिर लोग — कोई भी विदेश जा सकता है।
कई बार लोगों को ऐसा लगता है जैसे कि उनकी विकलांगता के कारण उन्हें वीज़ा नहीं दिया जाएगा। ऐसा बिल्कुल नहीं है — विकलांगता के कारण आपको विदेश जाने से कोई नहीं रोकता है — आपको बस वीज़ा देने वाले अधिकारियों को संतुष्ट करना होता है कि आपके पास विदेश जाने का वैध कारण मौजूद है, आपके पास पर्याप्त धनराशि और वापसी की टिकट मौजूद है, और आप वीज़ा की समाप्ति से पहले भारत लौट आएँगे।
मैं भी विदेश जाना चाह रहा हूं जी।एक पैर से विकलांग हूं 40%।काम करने के लिए जी।
मैं एक पैर से विकलांग हू और मैं काम करने के लिए दूबई जाना चाहता हूं