कुछ दिन पहले मैं अपनी पत्नी मधुरम् के साथ गोआ की सात दिन की यात्रा पर गया। इससे पहले मैं गोआ करीब पच्चीस साल पहले गया था। तब से अब तक हालांकि गोआ में काफ़ी कुछ बदल चुका है लेकिन गोआ में होने का वह विशेष एहसास अभी भी पहले जैसा ही है। यह छोटा-सा राज्य भारतीय और पुर्तगाली संस्कृतियो का एक अनोखा मिश्रण है।
पिछली बार जब मैं आया था तो बैसाखियों पर चलता था। इस बार मैंने बैसाखियों का कम और व्हीलचेयर का प्रयोग अधिक किया। ज़ाहिर है कि व्हीलचेयर प्रयोग करने के कारण इस गोआ यात्रा में परेशानियाँ भी अधिक आईं। व्हीलचेयर के नज़रिये से देखें तो गोआ में कुछ बातें काफ़ी अच्छी हैं और कुछ बहुत ख़राब।
गोआ अपने सुंदर समुद्र तटों के लिये विख्यात है — दुनिया भर से सैलानी गोआ में मौज-मस्ती और छुट्टियाँ मनाने के उद्देश्य से आते है। कैंडोलिम, बागा, कैलेन्गुट और मोरजिम जैसे अनेक समुद्र तट गोआ में दर्शनीय हैं। कहने को ये समुद्र तट व्हीलचेयर के लिये सुगम्य हैं लेकिन वस्तुस्थिति इसके उलट है। मैं कैंडोलिम तट पर गया तो पाया कि तट के करीब जाने का कोई रास्ता व्हीलचेयर के लिये नहीं बनाया गया है। समुद्र तट की रेत में सामान्य व्हीलचेयर के पहिये धँस जाते हैं और व्हीलचेयर चल नहीं पाती। इस समस्या को हल करने के लिये समुद्र तटो पर पत्थर की टाइलों से एक रास्ता बनाया जाता है जो विकलांगजन के लिये होता है। इस रास्ते से होते हुए विकलांगजन आसानी से समुद्र के नज़दीक पहुँच जाते हैं। ऐसा कोई रास्ता मुझे गोआ के तटों पर नहीं मिला।
कैंडोलिम तट पर मैंने पाया कि एक जगह टाइलों से बना रास्ता तो था लेकिन ऐसा लगा जैसे जानबूझ कर उस रास्ते से टाइलें हटा कर उसे अधूरा कर दिया गया था। क्यों? शायद इसलिये ताकि व्हीलचेयर प्रयोग करने वाले लोगों को सहायक की सेवाएँ लेना आवश्यक हो जाये। मैंने भी एक सहायक की सेवाएँ लीं और उसने मेरी व्हीलचेयर को रेत में से करीब बीस मीटर ले जाने के लिये पाँच सौ रुपये मांगे। यदि इस बीस मीटर में भी टाइलें होतीं तो मैं इस रास्ते पर ख़ुद ही व्हीलचेयर से जा सकता था।
यदि आप व्हीलचेयर प्रयोग करते हैं तो मेरे विचार में फ़िलहाल सिन्केरिम समुद्र तट आपके लिये शायद सबसे सुविधाजनक साबित हो सकता है। यहाँ सिन्केरिम किले से आप समुद्र को आराम से निहार सकते हैं।
गोआ की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है और यहाँ के लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष-रूप से पर्यटन से मिलने वाली कमाई पर निर्भर करते हैं। यह एक अच्छी बात होनी चाहिये कि गोआ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुंदरता यहाँ के लोगों की आजीविका का साधन बन रही है — लेकिन यहाँ बहुत से लोग पर्यटकों से अधिकाधिक पैसा लेने का काम भी कर रहे हैं। ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाओं को गोआ में नहीं आने दिया जाता है और प्राइवेट टैक्सी वाले मनचाहे दाम पर टैक्सी उपलब्ध करवाते हैं। इससे अन्य लोगों को तो असुविधा होती ही है पर विकलांगजन विशेष-रूप से प्रभावित होते हैं। जहाँ बड़े शहरों में ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवाएँ विकलांगजन के लिये वरदान साबित हुई हैं वहीं गोआ जैसे स्थान इस सुविधा को पनपने नहीं दे रहे हैं।
गोआ में ऐसी बहुत-सी दुकानें और रेस्त्रां मिल जाएँगे जिनमें व्हीलचेयर आराम से जा सकती है। यह गोआ का एक अच्छा पक्ष है। ट्रैफ़िक भी अधिक नहीं है इसलिये आप किसी भी जगह आराम से गाड़ी में बैठ व उतर सकते हैं।
पुर्तगालियों द्वारा 1612 में बनाये गये अगुआदा किले में आप व्हीलचेयर पर जा सकते हैं। इस किले में अधिकांश जगह जाने के लिये रैम्प बनी हैं — लेकिन कुछ जगहों पर रैम्प काफ़ी खड़ी हैं और आपको इनके ऊपर जाने के लिये किसी की मदद की आवश्यकता पड़ सकती है। इस किले का फ़र्श समतल नहीं है इसलिये अच्छी व्हीलचेयर ही इस पर आराम से चल पाएगी।
गोआ की राजधानी पणजी में फ़ॉन्टेनहॉस का इलाका व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे आराम से देखा जा सकता है। पणजी के बीचों-बीच यह छोटा-सा इलाका अपने रंग-बिरंगे और बेहद ख़ूबसूरत घरों के लिये प्रसिद्ध है। फ़ॉन्टेनहॉस की गलियों में आप आराम से अपनी व्हीलचेयर पर घूम सकते हैं और इन शानदार घरों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
व्हीलचेयर प्रयोग करने वाले जो लोग शॉपिंग में रुचि रखते हैं उनके लिये भी गोआ में काफ़ी कुछ है। सड़कों के किनारे यहाँ बहुत-सी दुकानें ऐसी हैं जहाँ आप व्हीलचेयर अंदर जा सकती है। यहाँ आपको कपड़े, गहने, सजावटी चीज़ें और गोआ के स्पेशल काजू ख़रीद सकते हैं।
इंटरनेट पर अनेक वेबसाइट्स आपको बताएँगी कि गोआ में फ़लाँ-फ़लाँ जगह व्हीलचेयर के लिये सुगम्य हैं — लेकिन आप जाने से पहले अपनी रिसर्च ख़ुद कर लें। कई वेबसाइट बताती है कि डॉलफ़िन टूर के लिये व्हीलचेयर पर जाया जा सकता है लेकिन यह सच नहीं है।
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