यूँ देखें तो अपनी कम लम्बाई के सिवा बौने व्यक्ति किसी भी आम इंसान की तरह ही होते हैं लेकिन फिर भी सामान्य लोगों के बीच वे सदियों से कौतूहल का विषय रहे हैं। इनसे जुड़े कई मिथक और ग़लतफ़हमियाँ भी प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ टूट रहे हैं तो कुछ को टूटने में शायद अभी कुछ और वक़्त लगे।
एक लम्बे समय से बौनेपन से प्रभावित व्यक्तियों को मनोरंजन के साधन के रूप में देखा जाता आ रहा है। जहाँ अन्य प्रत्यक्ष विकलांगताओं को लेकर सहानुभूति या कई बार संवेदना भी दिखाई जाती है वहीं बौनेपन को अक्सर मज़ाक के तौर पर ही लिया गया है। भारत में बौनेपन को विकलांगता की एक अलग श्रेणी के रूप में मान्यता भी दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 से ही मिल पायी। यदि आप बौनेपन को स्पष्ट रूप से एक विकलांगता के रूप में समझना चाहें तो हमारा “बौनापन, एक विकलांगता: परिभाषा, लक्षण व प्रकार” शीर्षक आलेख को पढ़ सकते हैं। इस आलेख में आइये मिले भारत के कुछ प्रसिद्ध बौने व्यक्तियों से…
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1. ज्योति आम्गे
ज्योति आम्गे भारत में एक जाना-पहचाना नाम है। 16 दिसम्बर 1993 को जन्मी ज्योति की ऊँचाई मात्र 62.8 सेमी है। ज्योति primordial dwarfism कहे जाने वाले आनुवांशिक कारण से बौनेपन से प्रभावित हैं। साल 2011 में 18 वर्ष की आयु होते ही ज्योति का नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में विश्व की चलती-फिरती सबसे कम ऊँचाई की महिला के रूप में दर्ज हुआ था। इससे पहले उनका नाम सबसे छोटी ऊँचाई की किशोरी के रूप में दर्ज था।
ज्योति को लेकर ‘बॉडी शॉक: टू फ़ीट टॉल टीन’ और ‘वर्ल्डस स्मालेस्ट वुमन’ जैसी डाक्यूमेंट्री बनाई गयी है। इसके अलावा बिग बॉस 6 में उन्होंने अतिथि भागीदार की भूमिका निभाई थी। अमेरिकन हॉरर स्टोरी के भाग 4 में भी ज्योति ने एक किरदार निभाया था और एक इटालियन चैनल के एक शो की वे को-होस्ट भी रही थीं। इस तरह ज्योति ने सबसे कम ऊँचाई की अदाकारा के रूप में भी अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ कराया है। वे सोशल मीडिया पर भी काफ़ी सक्रीय रहती हैं और उन्हें फॉलो करने वालो की संख्या भी काफ़ी बड़ी है।
2. जोबि मैथ्यू
3 फीट 5 इंच के जौबि मैथिऊ अंतर्राष्ट्रीय स्तर के भारतीय पहलवान हैं। विश्व आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप से लेकर वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स जैसे अनेकों अंतर्राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर इन्होंने भारत का नाम विश्व पटल पर ऊँचा किया है। वे भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के लिए खेल प्रशिक्षक के रूप में काम करते हैं और इसके साथ ही वे केरल राज्य पैरासेलिंग और पैराग्लाइडिंग टीम के सदस्य भी हैं। कराटे में ब्राउन बेल्ट वाले जौबि भारत के पहले व्हीलचेयर फेंसर भी हैं। इन सब खेलों के साथ ही तैराकी में भी रूचि रखने वाले जौबि ने अपनी कम ऊँचाई के साथ ही अनेक बार बैडमिंटन, शॉटपुट, जैवलीन, डिस्कस थ्रो, पॉवर लिफ्टिंग जैसे अनेकों खेलों के ज़रिये भारत का नाम ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
3. अरुणाचलम नलिनी
बहुमुखी प्रतिभा की धनी अरुणाचलम नलिनी ने भी अपनी कम ऊँचाई के बावजूद प्रसिद्धि की ऊँचाइयों को छुआ है। पेशे से कॉस्ट अकाउंटेंट नलिनी एन.एच.पी.सी. जैसी प्रतिष्ठित संस्था में प्रबंधकीय उच्च पदों पर कार्यरत रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भी स्वर्ण पदक लाकर देश को गौरवान्वित किया है। गौरतलब यह है कि नलिनी केवल बहुमुखी प्रतिभा की धनी नहीं हैं बल्कि उन्होंने बहु-विकलांगता के साथ इन प्रतिभाओं को निखारा है। बौनेपन के साथ ही वे पोलियो से भी प्रभावित हैं। मात्र 4 फ़ीट की ऊँचाई के साथ नलिनी एक पूर्णतः आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक पदक जीते हैं।
4. लिलिपुट
भारत में कौन होगा जो लिलिपुट को नहीं जानता होगा? सिनेमा में दशकों से छोटे-बड़े किरदार निभाते हुए लिलिपुट ने खुद की एक अलग पहचान गढ़ी है। इनका वास्तविक नाम एम.एम. फ़ारूकी है लेकिन रुपहले पर्दे पर उन्होंने अपनी पहचान लिलिपुट नाम से ही बनाई है। अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले लिलिपुट एक बेहतरीन हास्य कलाकार और लेखक भी हैं।
5. शफ़ीक़ नट्या
मात्र 4 फीट के क़द के यूट्यूबर शफ़ीक़ अपने छोटे से प्लेटफ़ॉर्म से ही आज बड़ा नाम कमा रहे हैं। यूट्यूब की दुनिया में छोटू दादा नाम से जाना जाने वाला यह कलाकार बहुत आसानी से कम बजट की अपनी वीडियो पर भी लाखों की संख्या में दर्शकों को बटोरने में कामयाब है।
6. सी.वी. राजन्ना
राजन्ना का नाम शायद हम में से बहुत कम ही लोगों ने सुना होगा लेकिन अपनी कम ऊँचाई के बावजूद राजन्ना ने केवल अपना ही नहीं बल्कि भारत का भी नाम ऊँचा किया है। इन्होंने अब तक खेलों में 60 राष्ट्रीय और 16 अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं जिनमें से छोटे लोगों का ओलिंपिक कहे जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धा में जीता गया पदक भी शामिल है। लेकिन पूरा देश उन्हें नहीं पहचानता क्योंकि इन खेलों और इनके विजेताओं को हमारे मीडिया में जगह ही नहीं दी जाती। वैसे राजन्ना ने रजनीकांत की ‘शिवाजी’ समेत दर्जनों दक्षिण भारतीय फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार भी निभाए हैं।
7. के. के. गोस्वामी
मनोरंजन उद्योग में काम करते हुए के.के.गोस्वामी भारतीय घरों में जाना माना चेहरा बन चुके हैं। इनकी शारीरिक ऊँचाई भले ही केवल 3 फ़ीट हो लेकिन उनकी अभिनय प्रतिभा ने उन्हें प्रसिद्धि की ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। दूरदर्शन के कार्यक्रम ‘शक्तिमान’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले गोस्वामी आज हिन्दी, गुजराती, मराठी, बंगाली और भोजपुरी फिल्मों तथा धारावाहिकों में एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुके हैं।
8. जूही असलम
भारतीय टेलीविज़न की खूबसूरत अदाकारा जूही असलम अपने अभिनय, खूबसूरती और छोटे कद के लिए जानी जाती हैं। अपने अभिनय करियर की शुरुआत जूही ने ‘बाबा ऐसो वर ढूंढो’ टेलीविज़न कार्यक्रम से किया। यह धारावाहिक बौनेपन से प्रभावित एक लड़की की कहानी पर आधारित था और इसमें जूही ने मुख्य किरदार की भूमिका निभाई है। चार फ़ीट और एक इंच कद की जूही ने अपनी अभिनय कला से लोगों के दिल में जगह बनाई और सामान्य से कम ऊँचाई के बावज़ूद वे कई धारावाहिकों में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। जूही के बारे में एक ख़ास बात यह है कि वे अपने बौनेपन को अपनी कमज़ोरी न मान कर उसे अपनी सबसे बड़ी ताकत मानती हैं।
9. खुशी राम घंघस
हरियाणा के खुशी राम को मैंने पहले-पहल भाई मुकेश दहिया की “कुणबा धर्मे का” कॉमेडी सीरीज़ में देखा। इस सीरीज़ में फंडी नामक किरदार निभाने वाले खुशी राम हरियाणवी स्क्रीन पर एक जाने-माने कलाकार हैं।
अंत में…
उम्मीद है छोटे कद के इन बड़ी प्रसिद्धि वाले भारती लोगों की कहानियाँ आपको यह समझने में मदद करेंगी कि बौनापन किसी को किसी से कम नहीं करता। एक समाज के रूप में हमें अपनी विभिन्नताओं का सम्मान करते हुए छोटे कद के व्यक्तियों को उसी तरह समाज का हिस्सा मानना चाहिए जैसे सामान्य कद के लोगों को मानते हैं।
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