आसान शब्दों में कहें तो दृष्टिहीनता ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी आँखों से कुछ भी देख पाने में असमर्थ होता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे अंधता या अंधापन भी कहते हैं। एकदम सटीक अर्थों में कहें तो दृष्टिहीनता ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति रोशनी और अंधकार के बीच भेद न कर पाता। हालाँकि यह बात हर दृष्टिहीनता व्यक्ति पर सही नहीं बैठती। इसी वजह से दृष्टिहीनता की परिभाषा में दृष्टि दोष से जुड़ी विभिन्न स्थितियों को भी सम्मिलित कर लिया गया है। विभिन्न देश और उनके कानूनों में दृष्टिहीनता की परिभाषा में कुछ फ़र्क हो सकते हैं।
चूँकि दृष्टि दोष उम्र से जुड़ी स्थिति भी है — विश्व में क़रीब 80% दृष्टिहीनता 50 वर्ष के ऊपर के लोगों में पायी जाती है। मधुमेह, गहरी चोट, मैकुलर डिजनरेशन, कॉर्निया या रेटिना का संक्रमण, गलुकोमा, सही चश्में का प्राप्त न हो पाना आदि अधिक उम्र में दृष्टिहीनता के मुख्य कारण हैं।
एक विकलांगता के रूप में दृष्टिहीनता क्या है?
दृष्टिहीनता व्यक्ति को विकलांग बनाने वाले विभिन्न कारणों में से सबसे अधिक व्यापक कारणों में से एक है। अनुमानतः वैश्विक स्तर पर 3 करोड़ 90 लाख लोग दृष्टिहीन तथा 24 करोड़ 60 लाख लोग दृष्टिबाधित हैं। इन सभी दृष्टिबाधित लोगों में से क़रीब 90% लोग विकासशील देशों से हैं।
भारत में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, दृष्टिहीनता और दृष्टिबाधिता को विकलांगता की श्रेणी में रखता है। कोई भी दृष्टिबाधित व्यक्ति जिसे बेंचमार्क विकलांगता (40% या उससे अधिक) हो, वह सरकार द्वारा दी जाने वाली विशेष सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।
दृष्टिहीनता के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र
यदि आपको दृष्टिहीनता के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाना हो तो आपको नज़दीकी सरकारी अस्पताल में जाना होगा। वहाँ सम्बंधित चिकित्सक आपका दृष्टि परीक्षण करेंगे और उसके आधार पर आपके लिए विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
आपका विकलांगता प्रमाण पत्र स्थायी होगा या अस्थायी इसका निर्णय चिकित्सक मंडल ही करेगा। स्थायी प्रमाण पत्र के लिए विकलांगता का स्थायी होना आवश्यक है। ऐसी स्थिति जिसमें विकलांगता के बढ़ने के आसार हों वहाँ भी अस्थायी प्रमाण पत्र दिया जा सकता है क्योंकि भविष्य में विकलांगता के प्रतिशत पर असर पड़ेगा। कभी-कभी अस्थायी विकलांगता प्रमाण पत्र किसी ख़ास काम, जैसे कि पढाई, के लिए भी दिया जा सकता है। जहाँ विकलांगता के पुनर्मूल्यांकन की ज़रूरत हो वहाँ समयावधि के साथ इस बात का उल्लेख प्रमाण पत्र पर किया जाता है।
प्रमाण पत्र जारी करने के लिए चिकित्सक मंडल
दृष्टिहीन व्यक्ति को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सकीय मंडल में एक नेत्र विशेषज्ञ का होना आवश्यक है। यह प्रमाण पत्र चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन या राज्य सरकार द्वारा नामित इनके समकक्ष किसी चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए।
दृष्टिबाधित या कम दृष्टि विकलांगता की वास्तविक परिभाषा क्या है। क्या वे लोग भी विकलांगता का प्रमाण पत्र बनवा सकते है ग्लास का उपयोग कर देख पाते है।