मल्टिपल स्क्लेरोसिस को आम बोलचाल में एम.एस. (M.S.) कहा जाता है। यह केन्द्रीय स्नायु तंत्र (सेंट्रल नर्वस सिस्टम) को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है। मल्टिपल स्क्लेरोसिस हमारे मस्तिष्क व शरीर के अन्य भागों के बीच सूचना के आवागमन को बाधित करता है।
किसी व्यक्ति को मल्टिपल स्क्लेरोसिस क्यों होता; इसका कोई सटीक कारण का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है; हालाँकि सही वक़्त पर उचित इलाज के ज़रिये इसके लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है। आइये केन्द्रीय स्नायु तंत्र को प्रभावित करने वाले इस रोग को थोड़ा और विस्तार से समझते हैं।
मल्टिपल स्क्लेरोसिस क्या है?
मल्टिपल स्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की रक्षा प्रणाली ही केन्द्रीय स्नायु तंत्र (जिसमें मस्तिष्क के साथ मेरुदंड शामिल हैं) पर हमला करने लगती है। इसी हमले के कारण न्यूरोंस पर आवरण के रूप में लगी हुई ‘मायलिन शीथ’ क्षतिग्रस्त हो जाती है। मायलिन शीथ अथवा न्यूरोंस के आवरण के हटने से न्यूरोंस कमज़ोर हो जाते हैं। इस कारण सूचना के प्रवाह में बाधा पड़ती है। ज़्यादा वक़्त बीतने पर मल्टिपल स्क्लेरोसिस तंत्रिकाओं को हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त कर सकता हैं।
चिकित्सीय आँकडे बताते हैं कि मल्टिपल स्क्लेरोसिस का ख़तरा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होता है। इस रोग के लक्षण व्यक्ति को विकलांगता की स्थिति तक भी पहुँचा सकते हैं लेकिन इससे जीवन पर ख़तरा नहीं होता है।
मल्टिपल स्क्लेरोसिस के लक्षण
मल्टिपल स्क्लेरोसिस से प्रभावित लोगों में इसकी गंभीरता और तीव्रता के आधार पर अलग-अलग लक्षण पाए जा सकते हैं। सामान्य तौर पर दिखने वाले लक्षण निम्नलिखित हैं:
- थकान
- कमज़ोरी
- दर्द
- झुनझुनी या सुन्नता
- मांसपेशियों में अकड़न, कठोरता या कमज़ोरी
- चलने या संतुलन बनाए रखने में कठिनाई
- चक्कर आना या सर घूमना
- सोचने या याद रखने की क्षमता पर असर
- श्रवण और दृष्टि पर असर
- अवसाद या चिंता
- बोलने और निगलने में कठिनाई
- यौन समस्याएँ
- आँत व मूत्राशय की समस्याएँ
मल्टिपल स्क्लेरोसिस – एक विकलांगता
ऊपर दिए गए लक्षणों से आप यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इनकी तीव्रता बढ़ने से व्यक्ति विकलांगता की स्थिति तक भी पहुँच सकता है। इसी कारण भारत के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में सूचीबद्ध 21 विकलांगताओं में मल्टिपल स्क्लेरोसिस को भी सम्मिलित किया गया है।
अमरीका और ब्रिटेन में भी मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस के गंभीर मरीज डिसेबिलिटी बेनिफिट का लाभ ले सकते हैं। शर्त बस इतनी है कि रोग के लक्षणों से व्यक्ति इतना प्रभावित हो कि उसके रोज़मर्रा के काम कर पाने की क्षमता प्रभावित हो चुकी हो।
भारत में किसी भी और विकलांगता की तरह अक्षमता लाभ लेने के लिए मल्टिपल स्क्लेरोसिस से प्रभावित व्यक्ति के पास बेंचमार्क विकलांगता का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।