विकलांगता विश्व भर के लोगों को प्रभावित करती है। विश्व का ऐसा कोई कोना नहीं जो विकलांगता के प्रभाव से अछूता हो। ठीक इसी तरह सफलता व प्रसिद्धि के शिखर को छूने वाले विकलांग व्यक्ति भी विश्व के हर कोने में उपस्थित रहे हैं। कुछ समय पहले ही हमने भारत के प्रसिद्ध विकलांगजन के विषय में एक आलेख प्रकाशित किया था। आज के आलेख में हम विश्व के अलग-अलग हिस्सों के ऐसे ही विकलांग व्यक्तियों की बात कर रहे हैं जिन्होंने विकलांगता द्वारा प्रस्तुत की गई अड़चनों के बावजूद सफलता और प्रसिद्धि हासिल की है।
यहाँ दिए गए नाम किसी विशेष क्रम में नहीं हैं और यह सूची पूर्ण भी नहीं है। आप इस सूची के लिए और भी नाम सुझा सकते हैं।
स्टीफ़न हॉकिंग
विकलांगता: एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ए.एल.एस.)
राष्ट्रीयता: ब्रिटिश
जीवन और उपलब्धियाँ: स्टीफन हॉकिंग (8 जनवरी 1942 – 14 मार्च 2018) अब तक के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। प्रोफेसर हॉकिंग एक विशेष तरह की व्हीलचेयर इस्तेमाल करते थे जिसमें कंप्यूटर लगा था जो उनके द्वारा दिये गए संकेतों को आवाज़ में बदल कर उन्हें बोलने की क्षमता प्रदान करता था। अपनी विकलांगता के कारण उन्होंने शरीर की अन्य गतियों के साथ-साथ बोलने की क्षमता भी खो दी थी। वे एक विश्व-प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने ब्रह्मांड की कार्यशैली के बारे में कई महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए थे। हॉकिंग रेडिएशन उनके मुख्य वैज्ञानिक योगदानों में से एक है। वर्ष 1974 में उन्हें फेलो ऑफ़ रॉयल सोसाइटी (FRS) चुना गया था। उन्हें 2009 में संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम से सम्मानित किया गया। इनके अलावा भी उन्हें प्राप्त सम्मानों की सूची बहुत लम्बी है। मेरे विचार में स्टीफन हॉकिंग शायद दुनिया के सबसे अधिक प्रसिद्ध विकलांग व्यक्ति हैं।
हेलेन केलर
विकलांगता: बधिर एवं दृष्टिबाधित
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: हेलेन केलर (27 जून 1880 – 01 जून 1968) शायद विकलांगता की दुनिया में सबसे जाना-माना चेहरा हैं। मात्र 19 माह की आयु में किसी अनजान बीमारी ने उनके देखने और सुनने की क्षमता को छीन लिया। उनकी शिक्षिका ऐन सुलिवन ने हेलेन को स्वंय को अभिव्यक्त करना सिखाया और वे आजीवन हेलेन की साथी बनी रहीं। हेलेन विश्व की पहली ऐसी व्यक्ति बनी जिन्होंने दृष्टिबाधित और बधिर होने के बावजूद स्नातक की डिग्री हासिल की। हेलेन की आत्मकथा ‘दी स्टोरी ऑफ़ माय लाइफ’ अंग्रेज़ी साहित्य की एक उत्कृष्ट कृति मानी जाती है। उन्होंने पूरे दुनिया की यात्रा की और सैन्यवाद-विरोधी, समाजवाद, महिलाओं के मताधिकार, श्रम अधिकार जैसे कई सरोकारों के लिए अभियान चलाए।
फ्रेंक्लिन डी. रूज़वेल्ट
विकलांगता: पोलियो
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: फ्रेंक्लिन डी. रूज़वेल्ट (30 जनवरी 1882 – 12 अप्रैल 1945), जिन्हें एफ़.डी.आर. के नाम से भी जाना जाता है, अमरीका के 32वें राष्ट्रपति थे। वर्ष 1921 में उन्हें पोलियो हुआ और उनके पैर स्थाई रूप से लकवाग्रस्त हो गए। इसके बावजूद वे 1933 से 1945 में अपनी मृत्यु के वक़्त तक राष्ट्रपति के पद पर रहे। वे अमरीका के सबसे सफल राष्ट्रपतियों में शुमार किये जाते हैं। उन्होंने अपने देश को महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध जैसी त्रासदियों से बाहर निकाला। वर्ष 1938 में उन्होंने शिशु-पक्षाघात के लिए राष्ट्रीय फाउंडेशन की स्थापना की, जिससे पोलियो के टीके का विकास संभव हुआ। बाद में इस फाउंडेशन का नाम बदलकर मार्च ऑफ डाइम्स कर दिया गया। एफ़.डी.आर. व्हीलचेयर इस्तेमाल करते थे लेकिन वे सार्वजनिक स्थानों पर व्हीलचेयर में दिखने से बचते थे। उन्हें जॉर्ज वाशिंगटन और अब्राहम लिंकन जैसे राष्ट्रपतियों की श्रेणी में रखा जाता है।
क्रिस्टोफ़र रीव
विकलांगता: घुड़सवारी दुर्घटना में गर्दन से नीचे पूरा शरीर लकवाग्रस्त
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: 25 सितम्बर 1952 को न्यू यॉर्क में जन्में क्रिस्टोफ़र रीव उस वक़्त महज़ 24 साल के थे जब 1978 में बनी प्रसिद्ध फ़िल्म सुपरमैन में उन्होनें सुपरमैन का किरदार निभाया था। फ़िल्म की रिलीज़ के बाद न्यूज़वीक ने लिखा था “क्रिस्टोफर रीव का प्रदर्शन शानदार है। तीखे नैन-नक्श वाले इस बेहद खूबसूरत नौजवान ने लड़खड़ाते-हड़बड़ाते क्लार्क केंट की मासूमियत और सर्वशक्तिमान सुपरमैन की वीरता — दोनों ही किरदारों को अच्छे से निभाया है”। 27 मई 1995 को घुड़सवारी करते हुए क्रिस्टोफ़र रीव की रीढ़ की हड्डी बुरी तरह घायल हुई और गर्दन के नीचे उनका पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया। इस भयंकर दुर्घटना और इससे उत्पन्न विकलांगता के बावजूद रीव ज़िन्दगी में आगे बढ़े। विकलांगता अधिकारों के लिए काम करते हुए उन्होंने विश्व में और अधिक प्रसिद्धि हासिल की। 52 वर्ष की आयु में 10 अक्टूबर 2004 को रीव का निधन हो गया।
निक वुइचिच
विकलांगता: टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम के साथ पैदा हुए (हाथ और पैर नहीं हैं)
राष्ट्रीयता: ऑस्ट्रलियाई-अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: निक वुइचिच का जन्म 4 दिसम्बर 1982 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में हुआ था। एक दुर्लभ बीमारी के कारण जन्म से ही उनके हाथ और पैर नहीं हैं। इस विकलांगता के कारण आने वाली हर बाधा के बावजूद निक 21 की उम्र में ग्रिफिथ विश्विद्यालय से स्नातक हुए। 12 फ़रवरी 2012 को निक ने कने मियाहारा से शादी रचाई। दोनों के फिलहाल चार बच्चे हैं। ‘ऐटीट्युड इज़ ऑल्टीट्युड’ के संस्थापक निक एक विश्व प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता हैं। अपने अदम्य जज़्बे के लिए जाने जाने वाले निक की किसी भी प्रसिद्ध, प्रेरक अथवा सफल विकलांग लोगों की सूची में जगह पक्की है।
एस्थर वर्गीर
विकलांगता: पैरों में लकवा
राष्ट्रीयता: डच
जीवन और उपलब्धियाँ: एस्थर पेशेवर खेलों में सबसे अधिक सफल खिलाड़ी रही हैं। वे व्हीलचेयर टेनिस खेला करती थीं। एस्थर ने अपने कैरियर के दौरान 48 ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट, 23 ईयर-एंड चैंपियनशिप और 7 पैरालिम्पिक ख़िताब जीते। 1999 से लेकर 2013 में उनके रिटायरमेंट तक वे व्हीलचेयर टेनिस में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनी रहीं। 2003 के बाद उनके रिटायरमेंट तक उन्हें कोई भी खिलाड़ी हरा नहीं सका था। उन्होंने लगातार 470 मैच जीते। एस्थर का जन्म 18 जुलाई 1981 को नीदरलैंड के वोएर्डन में हुआ था। वर्ष 1987 में शुरू हुई एक बीमारी के कारण मार्च 1990 में उन्हें लकवा मार गया। उन्होंने अपने पुनर्वास के दौरान व्हीलचेयर टेनिस खेलना सीखा और 1995 में पेशेवर खिलाड़ी बन गई — और आज हम उन्हें दुनिया में सबसे अधिक प्रसिद्ध विकलांग खिलाड़ी के रूप में जानते हैं।
पीटर डिंकलेज
विकलांगता: बौनापन
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: पीटर डिंकलेज का जन्म 11 जून 1969 को मेंडम टाउनशिप, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ। उन्हें जन्म से ही एकोंड्रोप्लासिया नाम की एक स्थिति है जो बौनेपन का कारण बनती है। पीटर 4 फिट 5 इंच (135 सेंटीमीटर) ऊँचाई के हैं। वे हॉलीवुड के टीवी और फ़िल्म कलाकार हैं। डिंकलेज को 2011 से 2019 तक एचबीओ टेलीविजन श्रृंखला गेम ऑफ थ्रोन्स में लॉर्ड टिरियन लैनिस्टर का रोल निभाने के लिए जाना जाता है। इन्होंने ड्रामा सीरीज़ में उत्कृष्ट सहायक अभिनेता के लिए चार बार प्राइमटाइम ऐमी अवार्ड जीता है। इनके पुरस्कारों और सम्मानों की लम्बी सूची में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार भी शामिल है।
जॉन नैश
विकलांगता: एक्यूट पैरानॉयड स्किज़ोफ्रेनिया
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: जॉन नैश (13 जून 1928 – 23 मई 2015) एक विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ थे। उन्होंने वर्ष 1994 में अर्थशास्त्र में pioneering analysis of equilibria in the theory of non-cooperative games के लिए नोबेल पुरस्कार जीता। नैश के एक्यूट पैरानॉयड स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित होने का पता 1959 में चला था। अपनी बीमारी के साथ लगातार जूझते हुए भी नैश ने गणित के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया। वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। ऑस्कर विजेता फ़िल्म ‘अ ब्यूटीफुल माइंड’ (1998) जॉन नैश के ही जीवन पर आधारित थी। इस फ़िल्म में रसेल क्रोव ने नैश की भूमिका निभाई थी और रॉन हॉवार्ड ने इस बेहतरीन फ़िल्म का निर्देशन किया था।
फ्रीडा काहलो
विकलांगता: पोलियो
राष्ट्रीयता: मेक्सिकन
जीवन और उपलब्धियाँ: फ्रीडा काहलो (6 जुलाई 1907 – 13 जुलाई 1954) एक मेक्सिकन चित्रकार थीं। उन्हें छः वर्ष की उम्र में पोलियो हुआ था। इसके कारण उनका दाहिना पैर बाएँ की तुलना में पतला और कमज़ोर हो गया था। 1925 में एक दुर्घटना ने इनकी विकलांगता को और अधिक बढ़ा दिया। उन्होंने अपने जीवन का एक लम्बा वक़्त दर्द में बिस्तर पर पड़े हुए गुज़ारा। हालाँकि इसके बाद भी वे एक अति-प्रसिद्ध कलाकार और सांस्कृतिक प्रतीक बन कर उभरीं। हेनरी फोर्ड हॉस्पिटल (1932), माई बर्थ (1932), सेल्फ-पोर्ट्रेट ऑन द बॉर्डरलाइन बिटवीन मैक्सिको एंड द यूनाइटेड स्टेट्स (1932), मेमोरी, द हार्ट (1937), व्हाट द वाटर गिव मी (1938), द टू फ्रिडास (1939), सेल्फ-पोर्ट्रेट विथ थॉर्न नेकलेस एंड हमिंगबर्ड (1940) उनकी प्रसिद्ध कृतियों में शामिल हैं।
एंड्रिया बोसेली
विकलांगता: दृष्टिबाधिता
राष्ट्रीयता: इतालवी
जीवन और उपलब्धियाँ: एंड्रिया बोसेली का जन्म 22 सितम्बर 1958 को हुआ था और पाँच महीने की अवस्था में जन्मजात ग्लूकोमा का पता चला था। 12 वर्ष की आयु तक वे पूर्णतः दृष्टिबाधित हो गए थे। एंड्रिया का रुझान बचपन से ही संगीत की तरफ था। उन्होंने संगीत सीखा और एक विश्व प्रसिद्ध गायक (टेनोर), गीतकार के अलावा पियानो, बांसुरी और वायलिन वादक भी बनें। कैनेडियन गायिका सेलीन डियोन ने कहा था “यदि ईश्वर गाते तो उनकी आवाज़ एंड्रिया बोसेली जैसी ही होती”। एंड्रिया बोसेली को 4 मार्च 2006 को ग्रैंड ऑफ़िसर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ मेरिट ऑफ़ द इटालियन रिपब्लिक (ग्रैंड उफ़िकेल ऑर्डिन अल मेरिटो डेला रिपब्लिका इटालियाना) से सम्मानित किया गया था।
माइकल जे. फॉक्स
विकलांगता: पार्किन्संस रोग
राष्ट्रीयता: कैनेडियन-अमेरिकन
जीवन और उपलब्धियाँ: माइकल जे. फॉक्स (जन्म 9 जून 1961) एक अभिनेता, कॉमेडियन, लेखक, फिल्म निर्माता और एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने प्रसिद्ध बैक टू द फ्यूचर ट्रिलॉजी में अभिनय किया था। 1991 में, केवल 29 वर्ष की आयु में, उन्हें पार्किन्संस रोग, जिसे अक्सर वृद्धावस्था से जोड़ा जाता है, का पता चला। वर्ष 2000 में, माइकल ने माइकल जे. फॉक्स फाउंडेशन की स्थापना की। यह संस्था इस बीमारी का इलाज खोजने की दिशा में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। फाउंडेशन ने अब तक अनुसंधान में $650 मिलियन से अधिक का निवेश किया है।
लुइस कैरोल
विकलांगता: ऑटिज्म
राष्ट्रीयता: ब्रिटिश
जीवन और उपलब्धियाँ: विश्व प्रसिद्ध ऐलिस इन दी वंडरलैंड समेत कई बाल पुस्तकों के लेखक लुइस कैरोल को ऑटिज्म था। इस अवस्था ने उनकी बोलने की क्षमता पर असर डाला था जिससे वे लोगों के सामने बात करने में हकलाते थे। इसके अलावा वे एक कान से श्रवणबाधित भी थे। उनकी विकलांगता उन्हें एक प्रसिद्ध लेखक और कहानीकार बनने से नहीं रोक सकी।
लुई ब्रेल
विकलांगता: दृष्टिबाधिता
राष्ट्रीयता: फ़्रेंच
जीवन और उपलब्धियाँ: लुई ब्रेल ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए पढ़ने और लिखने की एक पद्धति विकसित। इस पद्धति को उनके नाम के आधार पर ही ब्रेल भाषा कहा जाता है। तीन साल की अवस्था में खेलते समय हुई एक दुर्घटना में लुई की एक आँख की रोशनी चली गई। धीरे-धीरे संक्रमण के कारण वे दोनों आँखों से दृष्टिबाधित हो गए। एक विद्यार्थी के रूप में स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने उंगलियों से छू कर पढ़ी जाने वाली लिपि को विकसित करने पर काम शुरू कर दिया था। इस लिपि का प्रदर्शन उन्होंने सबसे पहले 1824 में किया था।
मुहम्मद अली
विकलांगता: डिस्लेक्सिया
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: दिग्गज हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियन मुहम्मद अली को भला कौन नहीं जानता? ‘ग्रेटेस्ट अली’ के रूप में विख्यात अली 20वीं शताब्दी की सबसे महत्त्वपूर्ण और प्रसिद्ध शख्सियतों में से एक थे और उनकी गिनती अब तक के सबसे महान मुक्केबाजों में होती है। लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि इस महान मुक्केबाज़ की पहली लड़ाई डिस्लेक्सिया के ख़िलाफ़ थी। उनकी कही गई कई प्रेरणात्मक बातें आज भी अक्सर ‘मोटिवेशनल कोट्स’ के रूप में साझा की जाती हैं लेकिन डिस्लेक्सिया के कारण वे कुछ भी पढ़ नहीं पाते थे।
किम पीक
विकलांगता: सवांट सिंड्रोम
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: यदि आप हॉलीवुड की फ़िल्में देखते हैं तो शायद आपको पहले से पता होगा कि फ़िल्म ‘रेन मैन’ (1988) किम पीक के जीवन पर ही आधारित थी। हालाँकि किम पीक की वास्तविक ज़िन्दगी रेन मैन फ़िल्म से काफ़ी अलग थी। किम के मस्तिष्क में बाएँ और दाएँ हिस्से को जोड़ने वाली तंत्रिकाएँ मौजूद नहीं थीं। दिमाग के दोनों हिस्सों के न जुड़े होने के कारण वे एक साथ दो पन्नें, दायीं आँख से दायाँ पन्ना और बायीं आँख से बायाँ पन्ना, पढ़ सकते थे। मात्र 8 सेकंड में वे दो पन्नें पढ़ कर उसे याद भी कर सकते थे। अपनी पढ़ने और याद कर सकने की अकल्पनीय शक्ति के कारण उन्होंने पूरी ज़िन्दगी में 12 हज़ार से अधिक किताबें पढ़ और याद कर ली थीं। किम पीक 15 विषयों में विशेषज्ञ थे।
जॉनी डेप
विकलांगता: नेत्र विकार
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: जॉनी डेप एक हॉलीवुड अभिनेता हैं जो ‘पाइरेट्स ऑफ़ दी कैरीबियन’ फ़िल्म श्रृंखला के जैक स्पैरो का किरदार निभाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान खुलासा किया था कि वे एक आँख से बिलकुल नहीं देख सकते और उनकी एक आँख की दृष्टि कमज़ोर है। वर्ष 2013 में रोलिंग स्टोन मैगज़ीन के लिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा था “मेरे पास कभी भी बिल्कुल ठीक दृष्टी नहीं रही”। तीन अकेडमी और दो ब्रिटिश अकेडमी फ़िल्म अवार्ड्स के लिए नामांकित होने के अलावा जॉनी ने स्क्रीन एक्टर गिल्ड अवार्ड और गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीते हैं।
त्रिशा ज़ोर्न
विकलांगता: दृष्टिबाधिता
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जीवन और उपलब्धियाँ: त्रिशा अब तक की सबसे अधिक मेडल जीतने वाली पैरालम्पीयन हैं। इस अमरीकी तैराक ने अब तक कुल 55 मेडल जीते हैं जिनमें 41 पैरालम्पिक स्वर्ण पदक हैं। इनके अलावा अपनी विकलांगता श्रेणी में उन्होंने बहुत सारे विश्व कीर्तिमान भी स्थापित किये हैं। वे एनिरिडिया नामक दुर्लभ बीमारी के साथ जन्मी थीं जिसमें आईरिस का विकास असामान्य होता है। इसी कारण त्रिशा कानूनी तौर पर जन्म से ही दृष्टिबाधित श्रेणी में आती हैं। उन्हें वर्ष 2012 में पैरालिंपिक हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में विकलांग तैराकों को उनके नाम पर ‘त्रिशा एल ज़ोर्न अवार्ड’ पुरस्कार भी दिया जाता है।
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