विकलांगजन और सरकारी नौकरी: लोकेन्द्र सिंह
सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी में बहुत अंतर होता है। प्राइवेट नौकरी एक बहती नदी की तरह होती है, आज आप इस कम्पनी में तो कल किसी दूसरी कंपनी में लेकिन सरकारी नौकरी एक समुद्र की तरह होती है, सालो-साल एक ही जगह, एक ही टेबल पर, वही रोज के लोगो के साथ काम करते समय निकल जाता है।