वाणी और भाषा सम्बन्धी विकलांगता
वाणी और भाषा सम्बन्धी विकलांगता के अर्थ और इसके प्रकार के बारे में जानकारी। इस विकलांगता के लिये प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया के बारे में जानिये।
वाणी और भाषा सम्बन्धी विकलांगता के अर्थ और इसके प्रकार के बारे में जानकारी। इस विकलांगता के लिये प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया के बारे में जानिये।
सभी बच्चों के विकसित होने की गति और तरीका अलग-अलग होता है। विकासात्मक विलम्ब और विकासात्मक विकलांगता के बीच काफ़ी अंतर है। इनके बीच अंतर को समझना माता-पिता के लिये आवश्यक है।
पार्किन्संस रोग वृद्धावस्था में होने वाली एक बीमारी है जिसमें शरीर में कम्पन और संतुलन व समन्वय की कमी हो जाती है। इस रोग की आनुवांशिकता, लक्षण, निदान और इलाज के विषय में जानिये।
तेज़ाब हमले (एसिड अटैक) से प्रभावित लोगों को भारत में विकलांगता की श्रेणी में रखा जाता है। विकलांगता की यह एक मात्र श्रेणी है जिसमें विकलांगता किन्हीं प्राकृतिक कारणों से न होकर मानवीय क्रूरता के कारण होती है।
सिकेल सेल रोग एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार हँसिये की तरह का हो जाता है। इस रोग में रक्त ऑक्सीजन को पर्याप्त मात्रा में ढो नहीं पाता और रक्त के प्रवाह में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।
थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएँ विकृत हो जाती हैं और ख़ून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है।
हीमोफ़ीलिया की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति के शरीर में रक्त का थक्का बनने में कठिनाई होती है। इससे रक्त स्राव की स्थिति में रक्त को बहने से रोक पाना मुश्किल हो जाता है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण शरीर की माँसपेशियाँ और संतुलन प्रभावित होते हैं। इस आनुवांशिक विकार के कारण, प्रकार और लक्षणों के बारे में जानिये।
सेरिब्रल पाल्सी जैसी स्थितियों से बेहतर तरीके से निबटने के लिए उचित जानकारी सबसे अधिक आवाश्यक है। आइये जानें कि सेरेब्रल पॉल्सी क्या है व इसके लक्षण और कारण क्या हैं।
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर को एक विकासात्मक विकलांगता माना जाता है। इस लेख में जानिये ऑटिज़्म की परिभाषा, लक्षण और इस स्थिति के कारण
मानसिक विकार के अंतर्गत आने वाली कुछ सामान्य मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी
अदृश्य विकलांगता की परिभाषा बताती है कि यह शारीरिक, मानसिक या तंत्रिका-सम्बन्धी ऐसी स्थिति है जिसका असर बाहर से दिखाई नहीं देता किन्तु यह प्रभावित व्यक्ति की इन्द्रियों को प्रभावित करती है व दिनचर्या की आम गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करती है।
हम अपने देश में आस-पास के माहौल को देखें तो हम पाएँगे कि इन सभी स्रोतों से आने वाली नकारात्मकता मनोरोगियों की स्थिति पर बुरा असर डालती है। मीडिया द्वारा सकारात्मक भूमिका निभाने की बात छोड़िये — ये अक्सर समाज में फैली भ्रांतियों को बढ़ावा देकर नकारात्मक भूमिका ही निभाते हैं।
यदि चिकित्सकीय जाँच के बाद यह तय हो जाता है कि बच्चे को बौद्धिक विकलांगता है — तो भी कोशिश करनी चाहिए कि बच्चा जितना हो सके उतना अपने रोज़मर्रा के कार्यों के लिए आत्मनिर्भर बन सके।